‘संत जनों का है यह कहना,
धरती मां का वृक्ष है गहना।’
‘औषधि युक्त पेड़ों से, समृद्ध वनों के प्रति आभारी बने’
- ऋगवेद
बिल्व यानी बेल के वृक्ष का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है, यह अर्थ, धर्म और मोक्ष प्रदान करने वाला माना जाता है। शिव पूजन में इसकी पत्तियों और फल को अर्पित किया जाता है। बेल वृक्ष की उत्पत्ति के बारे में स्कंद पुराण में कथा है कि देवी पार्वती ने अपने माथे से पसीना पोंछकर फेंका तो उसकी कुछ बूंदे मंदार पर्वत पर गिरी, जिनसे बेल के वृक्ष का जन्म हुआ। इस वृक्ष की जड़ों में गिरिजा, तने में महेश्वरी, शाखाओं में दक्षयायिनी, पत्तियों में पार्वती, फूलों में गौरी और फलों में कात्यायनी का वास होता है। पहले बेल को ही 'श्रीफल' कहा जाता था। बेल के पेड़ को बहुत पवित्र, समृद्धि और संपन्नता का प्रतीक माना जाता है। तीन पत्तियों वाले बिल्व पत्रों में टैनिन, लौह, कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे औषधीय गुणों से भरपूर रसायन पाए जाते हैं।
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यह बेल के पेड़ रामपुर में आमतौर पर जगह-जगह पाए जाते हैं। उष्णकटिबन्धीय नम सदाबहार वनों में बेल के वृक्ष प्रचुरता में होते हैं। भारत में यह वन अंडमान निकोबार द्वीप, अरब सागर के पश्चिमी घाटों में धंसे हिस्सों, भारतीय उपमहाद्वीप के तटीय क्षेत्रों और उत्तर पूर्व में असम क्षेत्र में पाए जाते हैं। इन वनों में व्यवसायिक महत्व के काफी पेड़ भी मिलते हैं, जैसे मालाबार, कीनो, इंडियन रोजवुड,टीक और इंडियन लॉरेल। दक्षिण पश्चिम भारत में बांस के पेड़ पूरे साल मिलते हैं। भारत के पूर्व में चीड़ और कोणधारी (Conifers) वृक्ष मिलते हैं। हिमालय की निचली पहाड़ियों में झाड़ियां, बांस, फ़र्न और घास होते हैं।
इन वनों के संरक्षण के लिए भारत के प्राचीन शासक शुरू से चिंतित रहे हैं। वर्तमान समय में बहुत से वन क्षेत्र भारतीय वन्य जीवन के केंद्र बिंदु हैं। फिर भी बढ़ती जनसंख्या, शिकार और अवैध कब्जों ने वन क्षेत्र के सामने चुनौतियां खड़ी की हैं।
भूमध्य रेखीय क्षेत्र में सदाबहार वन पूरे साल हरे भरे रहते हैं। चौड़े पत्ते वाले मेपल या ओके पेड़ प्रमुख हैं। शीतोष्ण क्षेत्र में और उत्तरी क्षेत्र में कोणधारी वृक्ष होते हैं, जिन की पत्तियां सुई जैसी नुकीली होती हैं। क्लाउड फारेस्ट (Cloud Forest) में काई पूरी जमीन और उपज को ढक लेती है। ज्यादा गर्मी और अधिक उमस के कारण उष्ण कटिबंधीय नम सदाबहार जंगल हर वर्ष अपनी पत्तियां नहीं गिराते, ना ही इन पेड़ों की एक साथ सारी पत्तियां गिरती हैं, इसलिए इन्हें सदाबहार नाम दिया गया है।
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अमेजन (Amazon) के वर्षा वन दुनिया के सबसे बड़े सदाबहार वन हैं। ब्राजील के इन वनों में अक्सर भीषण आग लगने की घटनाएं होती हैं। इनका उत्तरी क्षेत्रों पर बहुत खराब प्रभाव पड़ता है। बार-बार आग लगने के दो कारण सामने आते हैं। एक मौसम में जुलाई से लेकर अक्टूबर के बीच में यह आग लगती है और दूसरे किसानों लकड़हारे द्वारा जमीन को फसलों या चराई के लिए साफ करने के उद्देश्य से जानबूझकर आग लगाई जाती है। नासा के बॉयोस्फेरिक साइंसएस लैबोरेट्री (Biospheric Sciences Laboratory) के प्रमुख डग्लस मॉडर्न (Douglas Modern) के अनुसार आग लगने के समय और स्थान का सिलसिला क्षेत्रीय सूखे के बजाए वन कटाई की ओर ज्यादा इशारा करता है। समाजसेवियों का मानना है कि प्रशासन द्वारा भी इस कार्यवाही को प्रोत्साहन दिया जाता है। हालांकि प्रशासन ने हमेशा ऐसी खबरों का खंडन किया है।
रामपुर का वन क्षेत्र 3.25 प्रतिशत है और उत्तर प्रदेश का 6 प्रतिशत है जो भारत के निम्नतर वन क्षेत्र वाले राज्यों की सूची में चौथे स्थान पर है।
चित्र सन्दर्भ:
1.अंडमान में वर्षावन(youtube)
2.ब्रह्मपुत्र घाटी वर्षावन(youtube)
3.उष्णकटिबंधीय वर्षावन।(wikimedia)
सन्दर्भ:
https://fsi.nic.in/isfr2017/uttar-pradesh-isfr-2017.pdf
https://en.wikipedia.org/wiki/Tropical_Evergreen_forests_of_India
http://webmaggu.com/blog/2016/03/19/tropical-wet-evergreen-forests/
https://www.bbc.com/news/world-latin-america-49433767
https://www.sciencedirect.com/science/article/pii/S1878522015000788
https://en.wikipedia.org/wiki/Amazon_rainforest
https://www.zmescience.com/other/did-you-know/different-types-forests/