समयसीमा 234
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 961
मानव व उसके आविष्कार 744
भूगोल 227
जीव - जन्तु 284
आजकल की इस आधुनिक दुनिया में जैसे-जैसे तकनीक में विस्तार होता जा रहा वैसे-वैसे लोगों की जीवन में इन्टरनेट का उपयोग भी बढ़ता जा रहा है। आज सभी लोग सोशल मीडिया से हर हाल में जुड़े रहना चाहते हैं। सोशल मीडिया आधुनिक दुनिया में एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जिसकी वजह से लोग अपने परिवार, दोस्तों, संबंधियों के साथ जुड़े रहते हैं। इसी वजह से डेटिंग ऐप्स के माध्यम से आजकल किसी को डेट करना काफी आसान और पॉपुलर हो गया है। भारत के दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों के साथ साथ टियर 2 और टियर 3 शहरों में भी डेटिंग ऐप्स काफी पॉपुलर होते जा रहे हैं। रामपुर जैसे शहरों में भी टिंडर, ट्रूली-मैडली, वू, ओकेक्यूपिड आदि जैसे सामाजिक प्लेटफार्मों में भी युवाओं का आकर्षण बढ़ता जा रहा हैं।
छोटे शहरों की रूढ़िवादी सोच से हट कर इन डेटिंग ऐप्स के माध्यम से युवाओं को स्वतंत्रता प्राप्त हो जाती है कि वे किसी अन्य व्यक्ति को जान सके। शायद यहीं कारण है की ये छोटे शहरों में भी पॉपुलर होते जा रहे हैं। परंतु डेटिंग ऐप्स का उपयोग करते समय सावधानियां भी बरतनी चाहिए, यहां पर कई लोग ऐसे भी होते है जो फर्जी प्रोफाईल बना कर धोखाधड़ी भी करते है। यह बात हो रही डेटिंग ऐप्स की, परंतु छोटे शहरों में डेटिंग के लिये सार्वजनिक स्थानों का क्या? क्या रामपुर जैसे शहर में कपल्स (couples) डेटिंग के लिए या सिर्फ शहर में घूमने फिरने के लिए बाहर जा सकते हैं? रामपुर में डेटिंग के लिए सुरक्षित स्थानों की स्पष्ट कमी है। यहां युवा वर्ग के लोगों के हैंगआउट के लिये तथा दोस्तो के साथ समय बिताने के लिये कोई अलग से स्थान नही है।
यह समय उन लोगों के लिये सबसे बेहतर है जो अपना रेस्टोरेंट छोटे शहरों में खोलना चाहते है, इससे न केवल आप युवाओं की सहायता करेंगे, बल्कि व्यापारिक दृष्टिकोण से भी यह आपके लिये फायदेमंद है। वर्तमान में सभी बड़े और पॉश रेस्टोरेंट महानगरों की जगह छोटे शहरों का रूख कर रहे हैं, क्योंकि वे छोटे शहरों में "निवेश पर अच्छा रिटर्न" देखते हैं। नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI- National Restaurant Association of India) के अध्यक्ष राहुल सिंह का कहना है कि छोटे शहरों में वाणिज्यिक क्षेत्रों और बेहतर परिवहन में तेजी से विकास हुआ है, जिससे खाद्य सेवा उद्योग के लिए एक बड़ा अवसर पैदा हो रहा है।
आज, टियर 2 और टियर 3 शहरों की व्यावसायिक क्षमता उतने ही है जितनी की बड़े शहरों की है। कभी-कभी, छोटे शहरों के रेस्टोरेंट महानगरों से बेहतर प्रदर्शन करते हैं। यदि यहां पर नए रेस्टोरेंट, अच्छी गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ को पेश करते है तो आप लंबे समय तक टिक पाएंगे। आपको सर्वप्रथम उस शहर के लोगों का विश्वास हासिल करना होगा। भारत के टियर 2 और टियर 3 शहरों में रेस्टोरेंट व्यवसाय के फलने-फूलने के लिए बहुत अधिक व्यापकता और संभावनाएं हैं। आप यहां पर आउट ऑफ द बॉक्स सोच कर अपने व्यवसाय को बढ़ा सकते है। अपने रेस्टोरेंट में आप तरह- तरह की गतिविधियों और खेलो का आयोजन कर के भी युवाओं को आकर्षित कर सकते है।
भारत में आज के समय में छोटे शेहरो में युवाओं के पास कहीं भी घूमने के लिये बहुत ही कम विकल्प होते है। अक्सर पार्क और सार्वजनिक स्थानों में बच्चों और वयस्कों को ध्यान में रखते हुए बनाए जाते हैं जो खेलने और पिकनिक के लिए अनुकूल होते हैं। युवा ज्यादातर स्टेशन, शॉपिंग सेंटर और स्थानीय पार्कों में ही घूमते हैं। उनके हैंगआउट के लिये कोई अलग से स्थान नही होता है, परंतु दुनिया में ऐसे कई स्थान है जो युवा लोगों को देखते हुई बनाएं जाते है। यह अक्सर युवा लोग देर रात स्केटिंग करते है संगीत सुनने और सुनाते है और सभी के साथ घुलते मिलते है। यहां पर सभी प्रकार की सुविधा भी लोगों को मिलती है, इतना ही नही इस स्थनों पर कलाओं और शिक्षा का भी प्रचार प्रसार किया जाता है जैसे कि पश्चिमी ऑस्ट्रिया का फ्रेमेंटल एस्पलेनैड यूथ प्लाजा (Fremantle Esplanade Youth Plaza)- यह स्थान विश्व प्रसिद्ध स्केटिंग स्थलों में से एक है, यह विशेषकर युवा स्केटर्स के लिए एक केंद्र बन गया है। युवा लोग अक्सर देर रात तक यहां स्केटिंग करते है और मेरिडा, स्पेन में फैक्टोरीआ जोवेन "यूथ फैक्टरी" (Factoria Joven “Youth Factory”)- यहां पर कलाकारों और कार्यशालाओं के लिए भित्तिचित्र दीवारें, प्रदर्शन के लिए एक मंच, स्केटिंग के जगह, संगीत और नृत्य कार्यशालाएं सुविधाएं उपलब्ध है; फ़िलाडेल्फ़िया में सार्वजनिक कार्यशाला- यह कार्यशाला विभिन्न डिजाइनिंग के माध्यम से अपने समुदायों के साथ जुड़ने के लिए युवाओं को प्रोत्साहित करती है। इनके आलावा दुनिया में कई ऐसे स्थान है जहां युवा वर्ग स्वतंत्र रूप से अपनी रूचिकर गतिविधियों को कर सकते है।
1. https://bit.ly/2FfZ1be
2. https://bit.ly/2TBSonM
3. https://bit.ly/2RRxvod
4. https://bit.ly/2seVEK7
5. https://bit.ly/2RuJcEj
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.