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हमारे प्यारे रामपुर वासियों, आप में से कई लोगों ने अपने जीवन में कम से कम एक बार अजंता की गुफ़ाओं (Ajanta Caves) का दौरा अवश्य किया होगा। इन्हें देखना किसी आश्चर्य से कम नहीं है। अजंता की गुफ़ाएँ, भारत के महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद ज़िले में अजंता घाट के पास स्थित हैं। ये गुफ़ाएँ बौद्ध धर्म की स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण पेश करती हैं और दुनिया भर में स्थापत्य कला के शिल्पकारों और इतिहासकारों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। ये गुफ़ाएँ, दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व (2nd Century BCE) से लेकर 480 ईस्वी (480 CE) तक बनाई गई थीं और इनमें से अधिकतर गुफ़ाएँ, बौद्ध संतों और अधिकांश भारतीय कला शैलियों से संबंधित हैं। इन गुफ़ाओं को 30 शैलकर्तित वास्तुकला (Rock-Cut Architecture) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इन्हें यूनेस्को (UNESCO) की विश्व धरोहर स्थल (World Heritage Sites) की सूची में शामिल किया गया है। अजंता की गुफ़ा 1, 2, 16 और 17 (Cave 1,2, 16 and 17), प्राचीन भारतीय दीवार-चित्रों का सबसे बड़ा संग्रह हैं। इन गुफ़ाओं की कलात्मक परंपराएँ भारत में समकालीन समाज की कला, वास्तुकला, चित्रकला और सामाजिक-सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनीतिक इतिहास का एक महत्वपूर्ण और दुर्लभ नमूना प्रस्तुत करती हैं। यहां की वास्तुकला, मूर्तिकला और चित्रकला के माध्यम से, बौद्ध धर्म के विकास की जानकारी मिलती है, जो अपने आप में अद्वितीय है। इसके अलावा, यहाँ पर पाए गए पुरातन अभिलेख, समकालीन सभ्यता के बारे में अच्छी जानकारी देते हैं। तो आइए, आज कुछ चलचित्रों की मदद से इन गुफ़ाओं के इतिहास और महत्व को विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं। फिर हम इनमें पाई जाने वाली कला और चित्रों को भी देखेंगे। इसके अलावा, हम इन प्राचीन संरचनाओं के पूरे दौरे का आनंद भी लेंगे। इसी के साथ हम जानेंगे कि, यहाँ कैसे पहुँचा जा सकता है तथा यहाँ घूमने के लिए कितना बजट चाहिए। इस संदर्भ में हम इन गुफ़ाओं के आसपास घूमने की जगहों के बारे में भी विस्तार से जानेंगे।
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