2020 के हज के लिए लगभग 2 लाख 13 हज़ार लोगों ने आवेदन किया था लेकिन 2020 के बदले हुए परिदृश्य में इन यात्रियों द्वारा जमा कराई गई राशि को ऑनलाइन मोड से उन्हें लौटाया जाएगा। इस धार्मिक यात्रा में 50% महिलाएं थी। पिछले वर्ष 2019 में लगभग 2.5 मिलियन लोगों ने यह यात्रा की थी। सऊदी अरब द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर सीमित अर्थों में 2020 की हज की घोषणा के बाद कुछ सवाल स्वाभाविक रूप से सामने आए हैं- कैसा होगा इस वर्ष का हज, धार्मिक यात्रा के संदर्भ में किस तरह यह अलग किस्म का होगा, इससे आर्थिक पक्ष पर क्या प्रभाव होंगे और दुनिया की सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा के आयोजक और यात्री कितने प्रभावित होंगे।
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हज- 2020: सऊदी अरब की चिंता
सऊदी अरब ने अंतिम रूप से घोषित कर दिया है कि कोविड-19 महामारी के जारी रहने के कारण 2020 के हज में स्थानीय तीर्थयात्री सीमित संख्या में शामिल हो सकेंगे। पिछले दशक में, सऊदी अरब ने 1.9 से 3.2 मिलियन मुस्लिम तीर्थ यात्रियों को प्रतिवर्ष हज करा कर, लगभग 8 बिलियन US डॉलर प्रतिवर्ष राजस्व कमाया।
2020 के हज का आयोजन इस्लामी चंद्र कैलेंडर के अनुसार 28 जुलाई से 2 अगस्त के मध्य 5 दिनों के लिए होगा, जिसमें अधिकतम 10,000 सऊदी और दूसरे देशों में रहने वाले सऊदी राष्ट्रीयता वाले हाजी शामिल हो सकेंगे। यह यात्री शारीरिक और सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करेंगे। अतीत में बीमारी या विवाद के चलते हज प्रतिबंधित या स्थगित होने को छोड़ दे तो 1932 में अपनी स्थापना के बाद सऊदी अरब ने पहली बार हज को इतनी व्यापकता से संक्षिप्त किया है।
इस बीच कोविड-19 के कारण पैदा हुए आर्थिक संकट के कारण तेल की मांग में हुई भारी गिरावट, कोरोना वायरस के दूरगामी प्रभावों में सऊदी अरब की इस उम्मीद को भी भारी झटका पहुंचाया है कि धार्मिक यात्रा आधारित पर्यटन को बढ़ावा देकर आर्थिक स्थिति को दूसरा विकल्प दे।
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आर्थिक प्रभाव
सऊदी अरब के राजस्व का मुख्य स्रोत तेल है, मक्का मदीना की धार्मिक यात्राएं भी उसकी अर्थव्यवस्था का नाजुक हिस्सा है। हज और उमराह से प्राप्त होने वाले राजस्व, जो कि लगभग 12 बिलियन डॉलर सालाना है, फिर से राज्य को तनाव में ला देगा। सऊदी अरब ने अंतरराष्ट्रीय हाजियों को अपने यहां आने से इसलिए प्रतिबंधित किया ताकि कोविड-19 का प्रसार ना हो। लगभग 2 मिलियन लोग इस वर्ष के हज में शामिल होना चाहते थे। सऊदी प्रशासन का मानना है कि उनके निर्णय से हज में सीमित संख्या में शामिल हो रहे हाजियों की पुख्ता सुरक्षा संभव हो सकेगी। मई महीने में सऊदी अरब ने अपने तेल के व्यापार पर तिहरा VAT (वैल्यू ऐडेड टैक्स) लगाकर कठोरतापूर्वक प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करने का प्रयास किया है।
विश्व की प्रतिक्रिया
भारत ने सऊदी अरब के फैसले का सम्मान करते हुए अपने यहां से हज के लिए आए सभी आवेदन निरस्त करके उनकी भुगतान राशि लौटाने का त्वरित निर्णय लिया। इंडोनेशिया और मलेशिया, जहां से हर साल एक चौथाई मिलियन मुस्लिम हज के लिए जाते हैं, जून में ही इस धार्मिक यात्रा को लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के मद्देनजर स्थगित कर दिया। सऊदी अरब में मक्का में 24 घंटे का कर्फ्यू लगा रखा है।
सन्दर्भ:
https://theconversation.com/hajj-2020-coronavirus-pandemic-frustrates-saudi-vision-for-expanded-religious-tourism-141142
https://www.trtworld.com/magazine/hajj-2020-the-economic-impact-of-the-saudi-ban-on-international-pilgrims-37520
https://www.thehindu.com/news/national/coronavirus-indian-pilgrims-will-not-travel-to-saudi-arabia-for-haj-2020-says-naqvi/article31896662.ece
https://www.npr.org/sections/coronavirus-live-updates/2020/06/22/881876215/saudi-arabia-announces-this-years-hajj-will-be-very-limited
चित्र सन्दर्भ:
मुख्य चित्र में काबा के दर्शन के लिए भारी संख्या में उपस्थित हज यात्रियों को दिखाया गया है। (Wikipedia)
दूसरे चित्र में काबा के आस पास कोरोना संक्रमण के एहतियातन पसरा सन्नाटा दिखाया गया है। (Youtube)
अंतिम चित्र काबा का वर्तमान चित्र है। (Flickr)