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ऐतिहासिक दृष्टि से मेरठ शहर का विशेष महत्व रह चुका है। पहले भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का आगाज़ भी मेरठ से ही हुआ था। मेरठ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) का एक हिस्सा है और उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े शहरों में से एक है। यह नई दिल्ली के बाद एनसीआर का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। मेरठ को समृद्ध कृषि क्षेत्र होने के साथ-साथ महत्वपूर्ण और उभरते औद्योगिक क्षेत्र के रूप में माना जाता है। आज, मेरठ विश्व स्तर पर कुछ प्रसिद्ध उद्योगों जैसे खेल सामग्री, आभूषण, कैंची, ऑटो पार्ट्स (Auto Parts), ऑटो टाइप (Auto Types), हथकरघा, बिजली करघे और कीटनाशकों का घर है।
मेरठ शहर में जहां कभी कृषि परिवारों का दबदबा था, वहां आज शहरी आबोहवा बढ़ रही है और शहरी क्षेत्र का विस्तार होने लगा है। मेरठ की आधारभूत संरचना वर्तमान में रियल एस्टेट (Real Estate), शॉपिंग मॉल (Shopping Mall), और मनोरंजन, रेल और सड़क आदि से संबंधित कई नई परियोजनाओं से तीव्रता से विकसित हो रही है। मेरठ एक औद्योगिक शहर के रूप में प्रसिद्ध है। यह पुराने समय से ही हथकरघे के काम और कैंची उद्योग के लिए भी प्रसिद्ध था। दिल्ली से निकटता होने के कारण, यह कपड़ा, ट्रांसफार्मर (Transformer), चीनी, डिस्टलरी (Distillery), रसायन, अभियांत्रिकी, कागज़, खेल के सामान और आभूषण जैसे उद्योगों के लिए आदर्श माना जाता है। मेरठ खेल सामाग्री का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। मेरठ का बदलता स्वरूप यहां के उपभोक्ताओं के व्यवहार में भी परिवर्तन ला रहा है।
उपभोग पैटर्न (Pattern) और उपभोग बजट (Budget) एकल परिवार के जीवन स्तर और समृद्धि के स्तर को दर्शाते हैं। जैसे किसी परिवार का भोजन उपभोग पैटर्न कई कारकों जैसे सदस्यों की शिक्षा, परिवार की संपत्ति, आय, व्यवसाय और जनसांख्यिकीय विनिर्देश पर निर्भर है। उपभोक्ता के स्वाद, ब्रांड वरीयता, आय आदि में परिवर्तन उसके उपभोग पैटर्न में बदलाव के माध्यम से प्रकट होते हैं। उपभोक्ता पैटर्न को प्रभावित करने वाले कारकों का मूल्यांकन करने और मेरठ शहर के विकास का मूल्यांकन करने के लिए शोधकर्ताओं द्वारा एक प्रश्नावली तैयार की गयी। इस अध्ययन को इन्होंने मेरठ के दो प्रमुख बाज़ार क्षेत्रों- शॉपिंग मॉल और प्रमुख मेरठ बाज़ार (सदर बाज़ार, आबू लेन, सेंट्रल मार्केट, आदि) में आयोजित किया। जिसमें 51.5% पुरुषों और 48.5% महिलाओं ने हिस्सा लिया। इसके केन्द्र बिंदु व्यापारी, स्व नियोजित लोग, कृषक आदि थे। खाद्य क्षेत्र में किए गए शोध से ज्ञात हुआ है कि लोग कीमत से ज़्यादा गुणवत्ता को महत्व दे रहे हैं।
वर्तमान परिदृश्य में, भारत की उपभोक्ता संस्कृति को, सभी क्षेत्रों के उपभोक्ताओं की आय में वृद्धि और खुले बाज़ार में वस्तुओं की उपलब्धता में वृद्धि के द्वारा चिह्नित किया जा रहा है। विश्व स्तर पर बढ़ती उपभोक्तावाद की प्रवृत्ति की स्पष्ट झलक मेरठ में भी देखी जा सकती है। विभिन्न क्षेत्रों के उपभोक्तावाद में तेज़ी से वृद्धि अर्थव्यवस्था, तकनीकी पैठ, कृषि, सामाजिक प्रगति, प्रत्येक आय स्तर पर उपभोक्ताओं की आकांक्षाओं आदि से संबंधित कारकों के संयोजन का परिणाम है।
संदर्भ:
1.https://bit.ly/2KK5TzS
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