मानव विकास में संयुक्‍त राष्‍ट्र (United Nations) की भूमिका

नगरीकरण- शहर व शक्ति
03-10-2018 12:16 PM
मानव विकास में संयुक्‍त राष्‍ट्र (United Nations) की भूमिका

द्वितीय विश्‍व युद्ध (1945) की भयावहता झेलने के बाद अब विश्‍व को आवश्‍यकता थी एक ऐसे नेतृत्‍व की जो संसार को तृतीय विश्‍व युद्ध जैसे प्रलय से बचाए तथा द्वितीय विश्‍व युद्ध के विनाश से प्रभावित विश्‍व को उभारे। ऐसे परिवेश में जन्‍म हुआ संयुक्‍त राष्‍ट्र - United Nations (24 अक्‍टूबर 1945) का जिसने विश्‍व को एक परिवार के रूप में जोड़ने का प्रयास किया।

प्रथम विश्‍व युद्ध के बाद 1919 में राष्‍ट्र संघ की स्‍थापना की गयी किंतु सदस्‍य देशों के मध्‍य चलते आंतरिक मतभेद के कारण यह विफल रहा, संयुक्‍त राष्‍ट्र (United Nation) इसी का परिवर्तित रूप है। संयुक्‍त राष्‍ट्र की स्‍थापना द्वितीय विश्‍व युद्ध के प्रमुख राष्‍ट्र (अमेरिका, ब्रिटेन, सोवियत संघ (अब रूस)) सहित 50 दशों ने संयुक्त राष्ट्र अधिकारपत्र पर हस्‍ताक्षर करके की। संयुक्‍त राष्‍ट्र के चार्टर में ‘भावी पीढ़ी को युद्ध के संकट से बचाने’ तथा ‘सामाजिक प्रगति और जीवन के बेहतर मानकों को बढ़ावा देने’ का वादा किया गया। वर्तमान समय में इसके 193 सदस्‍य हैं तथा इसका मुख्‍यालय न्यू यॉर्क में स्थित है। संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ में छः भाषाओं (अरबी, चीनी, अंग्रेज़ी, फ़्रांसीसी, रूसी, स्पेनी) को मान्‍यता दी गयी है। जिसमें अंग्रेजी और फ्रांसीसी प्रमुख है। इस संगठन को वर्ष 2001 में नोबेल पुरूस्‍कार से भी नवाज़ा गया।

संयुक्‍त राष्‍ट्र के प्रमुख अंग:
1. संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) - संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों की विचार-विमर्श की सभा।
2. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council)- अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों के लिए कार्यरत।
3. आर्थिक और सामाजिक परिषद (Economic and Social Council)- वैश्विक आर्थिक और सामाजिक मामलों के लिए कार्यरत।
4. ट्रस्टीशिप काउंसिल (Trusteeship Council) - ट्रस्ट क्षेत्रों को प्रशासित करने के लिए (वर्तमान में निष्क्रिय)।
5. अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (International Court of Justice)- अंतर्राष्ट्रीय कानून के लिए सार्वभौमिक अदालत।
6. संयुक्त राष्ट्र सचिवालय (United Nations Secretariat) - संयुक्त राष्ट्र के प्रशासनिक अंग।

7. संयुक्त राष्ट्र की अन्‍य प्रमुख एजेंसियां
• अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी
• अंतर्राष्ट्रीय कानून आयोग
• संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यू.एन.डी.पी.)
• संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन
• संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यू.एन.ई.पी.)
• विश्व खाद्य कार्यक्रम
• विश्‍व बैंक
• विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन आदि

संयुक्‍त राष्‍ट्र के उद्देश्‍य:
1. विश्‍व में विभिन्‍न राष्‍ट्रों के मध्‍य युद्ध रोकना
2. मानव अधिकारों की रक्षा करना
3. सामाजिक और आर्थिक विकास
4. लोगों के जीवन स्तर सुधारना तथा उन्हें बीमारियों से निस्तारण दिलाना
5. लिंग भेद में समाप्‍ति तथा महिलाओं का उत्‍थान
6. विश्‍व में शांति स्‍थापित करना

संयुक्‍त राष्‍ट्र के सिद्धान्‍त:
1. सभी राज्‍य बराबर हैं तथा सभी ईमानदारी के साथ अपने दायित्‍वों को पूरा करेंगे।
2. सभी राष्‍ट्र अपने अंतर्राष्ट्रीय विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाएंगे तथा प्रत्‍येक सदस्‍य राष्‍ट्र को अपने अंतर्राष्‍ट्रीय संबंध बनाये रखने के लिए, किसी भी राज्‍य के विरूद्ध सैन्‍य गतिविधियों से बचना होगा।
3. सभी सदस्‍य राष्‍ट्रों द्वारा उठाया गया कोई भी कदम संयुक्‍त राष्‍ट्र के चार्टर में सहायक सिद्ध हो।
4. जो राष्‍ट्र संयुक्‍त राष्‍ट्र का सदस्‍य नहीं हैं उसे भी अंतर्राष्‍ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाये रखने के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र के अनुसार कार्य करना होगा तथा कोई भी राष्‍ट्र किसी भी राष्‍ट्र के आंतरिक मामलों में हस्‍तक्षेप नहीं करेगा।

संयुक्‍त राष्‍ट्र हेतु वित्‍तीय व्‍यवस्‍था सदस्‍य राष्‍ट्रों द्वारा की जाती है। सभी सदस्‍य राष्‍ट्र अपनी क्षमता अनुसार यहां आर्थिक योगदान देते हैं, जिसमें सबसे बड़ा योगदान अमेरिका (22%) का है। संयुक्‍त राष्‍ट्र आज वैश्विक विकास में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। वर्ष 2015 में संयुक्‍त राष्‍ट्र द्वारा "सहस्राब्दी विकास लक्ष्य" रखा गया जिसमें निम्‍न लक्ष्‍य निर्धारित किये गये :

1. भुखमरी तथा गरीबी को समाप्त करना
2. सार्वजनिक प्राथमिक शिक्षा
3. लिंग समानता तथा महिला सशक्तिकरण
4. शिशु-मृत्यु दर घटाना
5. मातृत्व स्वास्थ्य को बढ़ावा देना
6. HIV/AIDS, मलेरिया तथा अन्य बीमारियों से छुटकारा पाना
7. पर्यावरणीय स्थिरता
8. वैश्विक विकास के लिए सम्बन्ध स्थापित करना

अपने लक्ष्‍यों को पूरा करने में संयुक्‍त राष्‍ट्र काफी हद तक सफल रहा है किंतु कुछ कारणों से यह अपनी कार्यप्रणाली में उतनी तीव्रता हासिल नहीं कर पा रहा है जितनी आवश्‍यकता है। फिर भी विश्‍व को एक धागे में पिरोने के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

संदर्भ:
1.http://www.un.org/en/sections/what-we-do/
2.http://www.yourarticlelibrary.com/uno/united-nations-objectives-and-roles-of-united-nations/40332
3.https://en.wikipedia.org/wiki/United_Nations
4.http://www.in.undp.org/content/india/en/home/post-2015/mdgoverview.html
5.https://goo.gl/HyjWSM
6.https://goo.gl/rUp8GK

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