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मेरठ में एआई तकनीक से बदल रही है पशुधन पालन की दुनिया – अब ज़्यादा स्मार्ट, कुशल और उन्नत!
मेरठ के नागरिकों, पशुधन, कृषि का एक अनिवार्य हिस्सा हैं । यह खाद्य उत्पादन उद्योग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। दुनिया के कई हिस्सों में, ये अर्थव्यवस्था और संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा हैं। भोजन, कपड़े और श्रम जैसे विभिन्न उद्देश्यों के लिए जानवरों को पालने की प्रथा को पशुधन कृषि कहा जाता है। वहीं, आज के डिजिटल युग में, स्मार्ट कृषि के तहत पशुधन पालन और प्रबंधन को अनुकूलित करने के लिए प्रौद्योगिकी और डेटा-संचालित समाधानों का उपयोग किया जाता है। एआई तकनीक की मदद से पशुधन पालन अधिक कुशल और उन्नत होता जा रहा है। तो आइए आज, बेहतर पशु प्रबंधन के लिए सटीक पशुधन कृषि और इसकी स्मार्ट तकनीकों के बारे में जानते हैं। इसके साथ ही, हम उत्पादकता और पशुधन स्वास्थ्य में सुधार के लिए बिग डेटा और एआई अनुप्रयोगों के बारे में समझेंगे। अंत में, हम देखेंगे कि एआई (AI) और आईओटी (IoT) से वास्तविक समय की निगरानी और स्वचालन के माध्यम से पशुधन कृषि में कैसे बदलाव आ रहा है।
सटीक पशुधन कृषि:
सटीक पशुधन कृषि एक अभिनव दृष्टिकोण है, जिसके तहत पशुधन पालन और प्रबंधन को अनुकूलित करने के लिए प्रौद्योगिकी और डेटा-संचालित समाधानों का उपयोग किया जाता है। इसमें पशु स्वास्थ्य, व्यवहार और पर्यावरणीय स्थितियों पर वास्तविक समय की जानकारी इकट्ठा करने के लिए सेंसर, स्वचालन और निगरानी प्रणालियों का एकीकरण शामिल है। यह डेटा किसानों को चारा, स्वास्थ्य निगरानी, प्रजनन और समग्र पशु कल्याण के संबंध में सूचित निर्णय लेने में सहायता करता है। सटीक पशुधन कृषि का लक्ष्य उत्पादकता में सुधार करना, संसाधनों की बर्बादी को कम करना, पशु कल्याण को बढ़ाना और टिकाऊ एवं कुशल पशुधन कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देना है।
सटीक पशुधन कृषि में बिग डेटा और एआई जैसी प्रौद्योगिकियां और उनके अनुप्रयोग:
स्वचालित वज़न प्रणाली: चूंकि वज़न पशु स्वास्थ्य और पशुधन उत्पादकता के सबसे महत्वपूर्ण सूचकांकों में से एक है, गुणवत्ता नियंत्रण की दृष्टि से वज़न मापना महत्वपूर्ण है। वज़न करना अक्सर जानवरों के लिए तनाव का एक स्रोत होता है। इसलिए इस पूरी प्रक्रिया को यथासंभव सहज और संक्षिप्त बनाना महत्वपूर्ण है। स्वचालन इसमें मदद करता है। स्वचालित-वज़न प्रणाली में 'स्टेप-ऑन स्केल'और एआई आधारित एकीकृत कैमरों का प्रयोग किया जाता है, जो निम्नतम त्रुटि के साथ छवियों और वीडियो के मशीन-लर्निंग विश्लेषण के माध्यम से वज़न की जानकारी दे देते हैं। संवेदनशील सेंसर शीघ्रता से वज़न का सटीक पता लगा सकते हैं और परिणामों को स्वचालित रूप से डेटाबेस में पंजीकृत कर सकते हैं, जिससे उन्हें मैन्युअल रूप से स्कैन करने की आवश्यकता समाप्त हो जाती है।
खाने-पीने के व्यवहार की निगरानी प्रणाली: जानवरों के खाने-पीने के व्यवहार के बारे में जानकारी रिकॉर्ड करने के लिए पानी के मीटर और विभिन्न प्रकार के चारा सेवन सेंसर का उपयोग किया जाता है। एआई द्वारा प्रसंस्कृत जानकारी के आधार पर, किसान असामान्य पोषण आदतों वाले जानवरों की पहचान करने में सक्षम हो पाते हैं, जो स्वास्थ्य या व्यवहार संबंधी समस्याओं का संकेत हो सकता है। साथ ही, वे प्राप्त डेटा का उपयोग पशुधन के भोजन और स्वास्थ्य व वज़न के बीच संबंध खोजने के लिए कर सकते हैं। इस तरह, यह एक महत्वपूर्ण गुणवत्ता नियंत्रण उपकरण बन जाता है।
पशु संवेदन प्रणाली: जानवरों या उनके पर्यावरण के लिए एक्सेलेरोमीटर(त्वरणमापी), प्रेशर सेंसर और तापमान सेंसर, एक नेटवर्क के माध्यम से इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) स्थापित करते हैं जो एकीकृत सटीक पशुधन कृषि का मूल आधार है। इन सेंसरों का उपयोग जानवरों के व्यवहार पैटर्न, पर्यावरणीय स्थितियों और स्वास्थ्य का पता लगाने के लिए किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, मवेशियों और सूअरों के कान के साथ-साथ गर्दन के कॉलर पर लगाए गए सेंसर भोजन व्यवहार, जुगाली, और शरीर के तापमान का माप और निगरानी कर सकते हैं।
जीपीएस-ट्रैकिंग: जीपीएस-आधारित ट्रैकिंग प्रणाली जैसी रिमोट सेंसिंग तकनीक का उपयोग चराई प्रणालियों के लिए किया जाता है जहां जानवर भूमि के एक बड़े क्षेत्र में घूमते हैं। उनकी गतिविधियों से संबंधित पैटर्न का उपयोग उनकी चराई प्राथमिकता निर्धारित करने के लिए किया जा सकता है जबकि उनके वास्तविक समय के जीपीएस स्थानों का उपयोग उनकी स्थिति को ट्रैक करने के लिए किया जा सकता है। इससे पशुपालन कुशल हो जाता है और चोरी या शिकारियों द्वारा हत्याएँ के माध्यम से मवेशियों की हानि कम हो जाती है।
इलेक्ट्रॉनिक पहचान समाधान से आसान पशुधन पहचानप्रणाली: कृषि में पशुधन की पहचान आवश्यक है, क्योंकि यह सुरक्षा के साथ-साथ किसानों को उनके जानवरों के कल्याण में सुधार करने में मदद करता है। इसके लिए एक पहचान प्रणाली की आवश्यकता होती है, जिसमें प्रत्येक जानवर के बारे में जानकारी होती है। लेकिन, पशुधन की पहचान के पारंपरिक तरीके जानवरों के लिए आक्रामक और हानिकारक होते हैं। रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (Radio Frequency Identification (RFID) और उन्नत ईयर टैग (Ear Tag) जैसे कुशल और स्वचालित इलेक्ट्रॉनिक विकल्प डेटा दर्ज करने की लंबी प्रक्रियाकी आवश्यकता को दूर करते हुए संचालन के सुचारू प्रवाह को सुनिश्चित करते हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से इस डेटा को संसाधित करने और इससे अंतर्दृष्टि प्राप्त करने की सुविधा मिलती है। कंप्यूटर विझन (Computer Vision) का उपयोग करके, किसान पशुधन की पहचान को पूरी तरह से स्वचालित कर सकते हैं। एआई के साथ, पोल्ट्री (Poultry) जैसे छोटे जानवरों को भी पूरे झुंड की बजाय व्यक्तिगत रूप से पहचाना जा सकता है।
पशु कल्याण निगरानी और रोगग्रस्त व्यक्तिगत पशुओं की पहचान प्रणाली: कंप्यूटर विझन से संचालित IoT उपकरण पशुओं के खाने-पीनेकी आदतों के पैटर्न को दर्ज़ कर सकते हैं, यह जानकारी किसानों के लिए मूल्यवान होती है। सेंसर की मदद से जानवरों के व्यवहार की निगरानी करने और विसंगतियों का पता लगाने में मदद मिलती है। एआई प्रणाली द्वारा संसाधित डेटा के साथ, किसान असामान्य पोषण आदतों वाले जानवरों की पहचान करने में सक्षम हो पाते हैं।
मल विश्लेषण प्रणाली: मल पशु कल्याण के संबंध में व्यावहारिक जानकारी का स्रोत हो सकता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विश्लेषण किए गए नमूने के आधार पर संदूषण के संभावित खतरे की तुरंत पहचान कर सकती है और किसान को जानकारी प्रदान कर सकती है।
तापमान विश्लेषण के साथ ताप तनाव की निगरानी प्रणाली: गर्मी के कारण पशुधन में संभावित तनाव की निगरानी करके एआई, पशु कल्याण में सुधार कर सकती है। एआई आधारित प्रणाली के साथ एकीकृत सेंसर, तापमान डेटा एकत्र कर सकते हैं, इसके बढ़ने और घटने के बारे में जानकारी दे सकते हैं और इसे विशेष घटनाओं या व्यवहारों से जोड़ सकते हैं। मशीन लर्निंग मॉडल उन पैटर्न की पहचान करता है जो पशु में गर्मी के तनाव के जोखिम को बढ़ाते हैं और जब तापमान जोखिम भरे स्तर तक पहुंच जाता है तो वास्तविक समय में अलर्ट जारी करता है।
पशुधन आवाज़ों की निगरानी प्रणाली: मल की तरह ही, पशुधन की आवाज़ें किसानों को पशु कल्याण का आकलन करने में मदद करने वाली जानकारी का एक मूल्यवान स्रोत हो सकती हैं। रिकॉर्डिंग से निकाले गए ऑडियो डेटा से प्रशिक्षित एक मशीन लर्निंग एल्गोरिदम जानवरों के स्वरों में विसंगतियों की पहचान कर सकता है और उन्हें पहले से पता लगाए गए पैटर्न के आधार पर वर्गीकृत कर सकता है।
पशुधन कृषि में आईओटी और एआई का महत्व:
एआई और आईओटी दो अभिनव प्रौद्योगिकियां हैं, जो हमारे आसपास की दुनिया के साथ, कृषि, पशु चिकित्सा और मत्स्य पालन सहित कई उद्योगों में क्रांति ला रही हैं।पशुधन उद्योग के लिए सीमित संसाधनों के कुशल उपयोग के साथ बेहतर पैदावार हेतु आधुनिक तकनीक और नवीन दृष्टिकोण पर निर्भर रहना आवश्यक है। इसलिए, वर्तमान में, पशुधन और मुर्गी पालन में वांछित वृद्धि के लिए नवीनतम तकनीकी प्रगति को लागू करना महत्वपूर्ण हो गया है। पशुधन खेती में आईओटी और एआई का एकीकरण अधिक कुशल, टिकाऊ और उत्पादक कृषि पद्धतियों की ओर एक परिवर्तनकारी बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है। पशुधन पालन में आईओटी और एआई का उपयोग आधुनिक समय में कृषि पद्धतियों में दक्षता बढ़ाने का सबसे कुशल और प्रभावी तरीका है। आईओटी और एआई से पशुधन फार्म प्रबंधन, क्षेत्र संचालन से लेकर अनुसंधान परिदृश्य तक, विभिन्न क्षेत्रों में सहायता मिलती है। साथ में, इसे व्यक्तिगत आवश्यकताओं के आधार पर जानवरों की देखभाल और प्रबंधन को अनुकूलित करने में मदद मिलती है, जिससे बेहतर संसाधन उपयोग होता है और पर्यावरणीय प्रभाव कम होता है।
चित्र स्रोत
मुख्य चित्र में पंप मशीन का उपयोग करके गाय का दूध निकालने का स्रोत : Wikimedia
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