आधुनिक दुनिया में. सरल और शांत अस्तित्व की ओर ले जाते हैं. हनोक शैली में निर्मित घर

वास्तुकला 1 वाह्य भवन
11-06-2021 09:41 AM
आधुनिक दुनिया में. सरल और शांत अस्तित्व की ओर ले जाते हैं. हनोक शैली में निर्मित घर


वर्तमान समय में प्रकृति के संरक्षण और उसका वास्तविक लाभ प्राप्त करने के लिए लोगों द्वारा पर्यावरण अनुकूलित कई उपाय किये जा रहे हैं। किंतु पर्यावरण के अनुकूल कोई भी कार्य करने की यह धारणा केवल आज के समय से ही नहीं बल्कि सदियों पहले से मौजूद है, जिसका एक उदाहरण हनोक (Hanok) शैली में निर्मित घर हैं। हनोक एक पारंपरिक कोरियाई (Korean) घर है, जिसे कोरियाई प्रायद्वीप और मंचूरिया (Manchuria) में विकसित किया गया था। इस शैली के घर को पहली बार 14वीं शताब्दी में जोसियन (Joseon) राजवंश के दौरान डिजाइन और निर्मित किया गया था। घर के अंदरूनी भाग या इंटीरियर को भी उसी के अनुसार बनाया गया। व्यापक स्तर पर हनोक में सभी प्रकार की पारंपरिक कोरियाई वास्तुकला शामिल हैं, जैसे बौद्ध मंदिर। कोरियाई वास्तुकला के अनुसार घर की स्थिति का सम्बंध उसके परिवेश के साथ होना चाहिए, ताकि मनुष्य अपने आस-पास मौजूद प्रकृति का आनंद प्राप्त कर सके, इसलिए हनोक शैली में निर्मित घरों के अंदरूनी भाग को इस बात को ध्यान में रखके बनाया जाता है। कोरिया के ठंडे उत्तरी क्षेत्रों में, बीच में एक आंगन के साथ वर्गाकार हनोक बनाए जाते हैं, ताकि गर्मी का अच्छा स्तर बनाए रखा जा सके। वहीं दक्षिणी क्षेत्रों में हनोक अधिक खुले और L-आकार के बनाए गए हैं। पारंपरिक हनोक शैली के घरों की मुख्य विशेषता यह है, कि इन्हें स्थानीय रूप से प्राप्त प्राकृतिक सामग्री का उपयोग करके बनाया जाता है।
इन घरों की सबसे विशिष्ट विशेषताओं में से एक थोड़ी घुमावदार छत या रूफ लाइन है। इसके अतिरिक्त, इन घरों के फर्श को ओन्डोल (Ondol) शैली में बनाया गया है,जिससे घर को गरम रखने में मदद मिलती है।हनोक घरों के वास्तुकार इस बात पर विशेष ध्यान देते हैं, कि घर प्राकृतिक परिवेश के भीतर हो। उदाहरण के लिए, एक हनोक के पीछे हमेशा पहाड़ और सामने नदी होनी चाहिए। पारंपरिक कोरियाई वास्तुकला उस गहरे आध्यात्मिक संबंध को दर्शाती है,जो एक व्यक्ति और उस दुनिया के बीच मौजूद है, जिसमें वे रहते हैं। इस अवधारणा को कोरियाई संस्कृति का आवश्यक तत्व माना जाता है। गगनचुंबी इमारतों की आधुनिक दुनिया में, यह अनूठी कोरियाई संरचना एक सरल और शांत अस्तित्व की ओर ले जाती है। पारंपरिक हनोक को इको-आर्किटेक्चर का अग्रदूत भी माना जाता है, क्यों कि इस शैली में बनाए गए घर पर्यावरण के अनुकूल होते हैं, तथा दुनिया को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।हनोक को पहले से ही निर्मित लकड़ी की फ्रेम संरचना द्वारा बनाया जाता है, जिसे उसी स्थान पर एक साथ जोड़ा जाता है। हनोक के निर्माण के समय निवासियों की जरूरतों के साथ-साथ देश के परिदृश्य और वहां की भौगोलिक स्थिति का भी ध्यान रखा जाता है। दूसरे शब्दों में हनोक घरों को बनाते समय केवल इसके डिजाइन और निर्माण पर ही ध्यान नहीं दिया जाता, बल्कि घर अपने आसपास के समग्र वातावरण से किस प्रकार संबंधित है, इस पर अधिक ध्यान दिया जाता है। इस प्रकार हनोक की वास्तुकला और इसके चारों ओर की प्रकृति के बीच भौतिक और दृश्य समरसता एक आवश्यक कारक है, जो कि पश्चिमी वास्तुकला में सामान्य रूप से देखने को नहीं मिलता है। हनोक प्राकृतिक सामग्री, जैसे लकड़ी और मिट्टी का उपयोग करके बनाए जाते हैं। इनके निर्माण में किसी कृत्रिम सामग्री का उपयोग नहीं किया जाता, इसलिए ये घर 100% प्राकृतिक, बायोडिग्रेडेबल और रिसाइकल करने योग्य होते हैं। कुछ हनोक 500 साल से भी अधिक पुराने हैं, लेकिन उन्हें ऊर्जा संरक्षण को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया था। छत के आगे निकले हुए हिस्से को विशेष रूप से इसलिए डिज़ाइन किया गया, ताकि गर्मियों में सूरज की रोशनी हनोक के इंटीरियर में प्रवेश न कर सके।जबकि, सर्दियों के महीनों में छत के आगे निकले हुए हिस्से तथा क्षितिज पर मौजूद सूर्य के कारण सूर्य की रोशनी आसानी से घर के अग्र भाग में प्रवेश कर सकती है, जिससे घर गर्म रहता है, तथा ईंधन की बचत होती है। इंटीरियर की आकृति और आकार को बदलने के लिए इमारत के अंदर की दीवारों को हटाया जा सकता है तथा कमरों को छोटा या बड़ा बनाया जा सकता है।चूंकि भारी छत,इमारत की लकड़ी के फ्रेम संरचना पर टिकी हुई होती है, इसलिए बाहरी दीवारों को किसी सहारे की आवश्यकता नहीं होती। इस प्रकार गर्मियों के महीनों के दौरान, बाहरी दीवारों को ऊंचा किया जा सकता है, ताकि इंटीरियर का तापमान कम हो सके। कुछ हनोक में खिड़कियां और दरवाजे बने होते हैं, जिससे यहां निवास करने वाले लोग दीवारों को उठाए बिना ही बाहर की सुंदरता का आनंद ले सकते हैं।हनोक शैली में निर्मित घरों ने समकालीन वास्तुकला को भी प्रेरित किया।जब फ्रैंक लॉयड राइट (Frank Lloyd Wright) को जापान (Japan) के टोक्यो(Tokyo)में स्थित इंपीरियल होटल (Imperial Hotel) को डिजाइन करने के लिए नियुक्त किया गया, तब उन्होंने ओंडोल सिस्टम (अंडर-फ्लोर हीटिंग) की खोज की, जिसे कोरिया के औपनिवेशिक शासन के दौरान जापानियों द्वारा कोरियाई महल से लिया गया था। राइट इससे इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने इस प्रणाली को जैकब्स (Jacobs) हाउस में शामिल कर लिया, जिसे उन्होंने विस्कॉन्सिन (Wisconsin) में बनाया था। राइट ने 1930 के दशक में संयुक्त राज्य अमेरिका (America) में मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए यूज़ोनियन (Usonian) घरों का निर्माण किया, जो हनोक शैली में निर्मित घरों की विचारधारा पर आधारित थे।एक अन्य वास्तुकार जो पूर्वी डिजाइन और दर्शन में रुचि रखते थे, वे थे लुडविग मिस वैन डेर रोहे (Ludwig Mies van der Rohe)। उन्होंने 1945 और 1951 के बीच प्रसिद्ध फ़ार्न्सवर्थ (Farnsworth) हाउस बनाया। पिछले कुछ वर्षों में कोरिया में हनोक शैली में निर्मित घरों की लोकप्रियता में अत्यधिक वृद्धि हुई है।
बड़ी संख्या में लोग हनोक में रहना पसंद कर रहे हैं, तथा इसे हाई-एंड, 'ट्रेंडी' घरों के रूप में दर्जा दिया गया है। इस लोकप्रियता के चलते दक्षिण कोरियाई सरकार ने ‘द नेशनल हनोक सेंटर’ (The National Hanok Center) बनाया है, ताकि आधुनिक जीवन के लिए हनोक निर्माण के नए रूपों और हनोक की नई अवधारणाओं में अनुसंधान को सुविधाजनक बनाया जा सके।हनोक शैली,मानव जीवित इकाई और उसके परिवेश को एक साथ जोड़कर, मनुष्य को प्रकृति के साथ लाकर,रहने के लिए एक उत्तम स्थान बनाती है, तथा मानव जीवन को फिर से नया जन्म देती है।

संदर्भ:
https://bit.ly/3z9IVJA
https://bit.ly/3ggTqlJ

चित्र संदर्भ
1. गंगवोन प्रांत में कोरियाई पारंपरिक बार्क शिंगल हाउस, नियोवाजिप या गुलपिजिप (굴피집)굴피집 का एक चित्रण (wikimedia)
2. किम जोंग-हुई मे के घर का एक चित्रण (wikimedia )
3. पारंपरिक कोरियाई हनोक घर का एक चित्रण (flickr)

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