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कोरोना महामारी के प्रसार को रोकने के लिए सरकार को अन्य प्रतिबंधों के साथ तालाबंदी का सहारा लेना पड़ा है, जिसकी वजह से लोगों को अपने ऑफिस तथा अन्य सभी बाह्य कार्यों को घर पर रहकर ही संपन्न करना पड़ रहा है।चूंकि, लोग अब घर से बाहर निकलना पसंद नहीं कर रहे हैं, इसलिए सड़कों पर यातायात बहुत कम हो गया है।हालांकि,2019 की तुलना में या तालाबंदी के बाद से ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों की संख्या निरंतर बढ़ रही है तथा विभिन्न कारणों के चलते यात्रियों के चालान पहले की अपेक्षा अधिक संख्या में जारी किए जा रहे हैं।इसका मुख्य कारण यह है, कि सड़कें खाली होने की वजह से लोग बहुत तेज गति से वाहन चला रहे हैं, जिससे सड़क दुर्घटना का खतरा बना रहता है।इसके अलावा, कोरोना के प्रसार को रोकने तथा उससे बचने के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं, जिनका उल्लंघन करने पर भी यात्रियों को दंडित किया जा रहा है।10 मार्च 2021 से लेकर 19 मार्च 2021 तक लोगों द्वारा फेस मास्क नहीं पहनने के कारण दिल्ली पुलिस द्वारा कुल 2,720 चालान जारी किए गए। इसके अलावा सामाजिक दूरी न बनाने पर लगभग 33 चालान जारी किए गए। जब भी कोई वाहन उचित गति से अधिक गति पर वाहन चलाता है, तो सड़कों पर लगी स्पीड गन (Speed gun) द्वारा इसे नोट कर लिया जाता है और एक चालान स्वतः ही उत्पन्न हो जाता है।ट्रैफिक नियमों का कड़ाई से पालन करवाने के लिए कई क्षेत्रों में चारों तरफ कैमरे लगाए गए हैं, ताकि ट्रैफ़िक उल्लंघनों को रिकॉर्ड किया जा सके।
जब कोई वाहन नियम तोड़ता है, तो कैमरे द्वारा तस्वीरें क्लिक कर ली जाती हैं, और डेटा (वाहन संख्या और उल्लंघन का प्रकार) नियंत्रण केंद्र को भेज दिया जाता है। इस प्रकार नियंत्रण केंद्र संबंधित ड्राइवर को नोटिस जारी करता है। पुलिस कर्मियों द्वारा उसी क्षण उसी स्थान पर जारी किया गया ई-चालान, वायलेशन ऑन कैमरा एप (Violation on Camera App - VOCA) के माध्यम से जारी किया जाता है।विशेष कैमरे के माध्यम से तारीख, समय, गति सीमा, वास्तविक गति, स्थान, वाहन पंजीकरण संख्या आदि की जानकारी पुलिस कर्मियों को उपलब्ध हो जाती है।दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल तेज गति से वाहन चलाने के लिए 82,20,161 नोटिस और रेड लाइट के उल्लंघन के लिए 18,03,287 नोटिस जारी किए गए थे। पिछले साल राष्ट्रीय राजधानी में विभिन्न स्थानों पर कैमरों के माध्यम से जारी किए गए चालानों की संख्या में 59.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने 2020 में 1.27 करोड़ नोटिस जारी किए, जबकि 2019 में यह आंकड़ा 51.07 लाख था। 2020 में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने ऑन-स्पॉट चालान और नोटिस के माध्यम से कुल 124.16 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला, जबकि 2019 में यह जुर्माना 94.07 करोड़ रुपये वसूला गया था। इस प्रकार जुर्माने में 32 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली।उत्तर प्रदेश में भी यातायात के नियमों को तोड़ने पर अब ई-चालान जारी करने की व्यवस्था की गयी है। लखनऊ, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, वाराणसी, आगरा, बरेली, प्रयागराज और कानपुर आदि क्षेत्रों में इसे शुरू कर दिया गया है। अधिकारियों का मानना है, कि इससे मोटर वाहन अधिनियम का उल्लंघन करने वाले वाहनों के खिलाफ उचित कारवाई करने में अधिक पारदर्शिता आएगी। लोग यातायात के नियमों का कड़ाई से पालन करें, इसलिए संशोधित मोटर व्हीकल अधिनियम (Motor Vehicle Act) के तहत ट्रैफिक जुर्माने में पहले की अपेक्षा काफी अधिक वृद्धि की गयी है। VOCA के माध्यम से मौके पर ई-चालान जारी करने के लिए अधिक पुलिस कर्मियों को नियुक्त करना भी शुरू कर दिया गया है, ताकि लोगों द्वारा नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाने में संतुलन उत्पन्न किया जा सके।
ट्रैफिक जुर्माने में वृद्धि करना आवश्यक है, क्यों कि भारत में हर दिन एक छोटे समय अंतराल पर ऐसी अनेकों मौतें होती हैं, जिन्हें आसानी से टाला जा सकता है। सड़क हादसों में कई लोग घायल भी होते हैं, जिनमें से कई जीवन भर के लिए विकलांग हो जाते हैं।इन हादसों में मरने वालों लोगों में 72 प्रतिशत हिस्सा 18-45 वर्ष के आयु वर्ग का होता है, जो देश की सबसे अधिक उत्पादक जनसंख्या कहलाती है। हर 3 घंटे-24-मिनट की अवधि के दौरान, भारत में लगभग 185 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अकेले 2017 में, पूरे भारत में सड़क दुर्घटनाओं में 1,47,913 लोग मारे गए थे। यह आंकड़ा भारत में पिछले 65 वर्षों में बाढ़ और भारी बारिश के कारण मरने वाले लोगों की कुल संख्या से 37.54 प्रतिशत अधिक है। 2001 और 2017 के बीच सड़क दुर्घटनाओं में कुल 20.42 लाख लोगों की मृत्यु दर्ज की गयी थी, जबकि 82.30 लाख लोग घायल हुए थे।
इन आंकड़ों पर नियंत्रण पाने के लिए ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन करवाना नितांत आवश्यक है, जिसके अंतर्गत जुर्माने में वृद्धि करना महत्वपूर्ण हो सकता है।कोरोना विषाणु के फैलने से सम्बंधित चिंताओं के कारण अदालतें काफी हद तक बंद कर दी गयी हैं (केवल आवश्यक मामलों और आपात स्थितियों को छोड़कर)। नतीजतन कई देशों जैसे अमेरिका (America) के लगभग सभी क्षेत्रों में ट्रैफिक कोर्ट बंद कर दी गयी हैं। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है, कि ट्रैफिक टिकट का भुगतान नहीं किया जाएगा। यदि कोई ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करता है, तो आपको ट्रैफिक टिकट का भुगतान ऑनलाइन माध्यम से करना होगा। यदि आप अपने दंड को कम करना चाहते हैं, तो आपको ऑनलाइन ट्रैफिक स्कूल पाठ्यक्रम भी पूरा करना पड़ सकता है। वहीं अगर आप जुर्माने को कम करने की मांग करते हैं, तो कोरोना के इस दौर में मामले को सुलझाने में आपको लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।
संदर्भ:
https://bit.ly/2RtoHd0
https://bit.ly/3fvhIby
https://bit.ly/3oujnC9
https://bit.ly/3hzMGlt
https://bit.ly/3hDdMIm
https://bit.ly/3weDfvM
https://bit.ly/3wmM86J
चित्र संदर्भ
1. ट्रेफिक पुलिस के वाहन का एक चित्रण (Freepik)
2. ट्रेफिक नियमों के उलंघन करते व्यक्ति का एक चित्रण (flickr)
3. ट्रेफिक पुलिस के वाहन का एक चित्रण (flickr)
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