एक शीर्ष अमेरिकी वैज्ञानिक ने कहा कि अग्रणी वैश्विक संस्थानों के सहयोग से भारत द्वारा कोविड-19 (Covid-19) टीकों को पेश कर के घातक कोरोनवायरस (Coronavirus) से "दुनिया को बचाया" और भारत के द्वारा किये गए योगदान को कम नहीं आंका जाना चाहिए। चिकित्सा में अपने विशाल अनुभव और गहन ज्ञान के साथ कोविड-19 महामारी के दौरान भारत को विश्व का औषधालय कहा जाता है। भारत दुनिया के सबसे बड़े दवा निर्माताओं में से एक है और केवल इतना ही नई कई देशों ने पहले से ही कोरोनोवायरस के टीके की खरीद के लिए भारत से संपर्क किया हुआ है। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा प्राथमिकता समूहों का राष्ट्रव्यापी टीकाकरण 16 जनवरी से शुरू कर दिया गया, ताकि उन्हें कोविड-19 के खिलाफ सुरक्षित किया जा सकें। कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जाएगी। इनकी संख्या लगभग 3 करोड़ होने का अनुमान लगाया गया है।
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79 लाख से अधिक संभावित टीके के प्राप्तकर्ता पहले ही प्रमुख Co-WIN प्रौद्योगिकी मंच पर पंजीकृत हो चुके हैं, जो टीके के भंडार की वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करेगा और व्यक्तिगत प्राप्तकर्ताओं को चिह्नित करेगा। राज्यों को दिए गए परिचालन दिशानिर्देशों के अनुसार, समूहों की प्राथमिकता "बीमारी की घटना और मौजूदा महामारी की स्थिति" पर निर्भर करेगी। इन तीन प्राथमिकता समूहों में अभियान के लिए समय की उपलब्धता टीकाकरण द्वारा निर्देशित की जाएगी। कोविड टीकाकरण के लिए प्रत्येक पात्र व्यक्ति को Co-WIN पर पंजीकृत होना चाहिए और विभिन्न प्राथमिकता समूहों को चिह्नित करने के लिए एक तंत्र बनाया गया है। कोविड-19 के लिए टीकाकरण स्वैच्छिक है। हालांकि, इस बीमारी के खिलाफ एक स्वयं की रक्षा के लिए कोविड-19 टीके की पूरी सारणी प्राप्त करना उचित है और इस बीमारी के प्रसार को परिवार के सदस्यों, दोस्तों, रिश्तेदारों और सहकर्मियों सहित करीबी संपर्कों तक सीमित करना है। साथ ही भारत में पेश की गई कोविड-19 का टीका उतना ही प्रभावी होगा जितनी कि अन्य देशों द्वारा विकसित टीका होगा। इसकी सुरक्षा और प्रभावकारिता को सुनिश्चित करने के लिए टीके का परीक्षण विभिन्न चरणों में किया जाता है।
भारतीय वैक्सीन (Vaccine) निर्माता संयुक्त राज्य अमेरिका (United States) और रूस (Russia) द्वारा विकसित अधिक कोविड-19 टीके बनाने की योजना भी बना रहे हैं, जिसमें जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson & Johnson) भी शामिल है। भारतीय वैक्सीन के एक शीर्ष अधिकारी ने जनवरी में रॉयटर्स (Reuters) को बताया कि सरकार ने भारत में अपने टीके बनाने के बारे में अमेरिकी कंपनियों (Companies) फाइजर इंक (Pfizer Inc) और मॉडर्ना इंक (Moderna Inc) के साथ भी चर्चा की थी। वहीं भारत, भारत बायोटेक (Bharat Biotech) और राज्य द्वारा संचालित इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (Indian Council of Medical Research) द्वारा निर्मित टीके ब्राजील (Brazil), फिलीपींस (Philippines) और जिम्बाब्वे (Zimbabwe) सहित 40 देशों को बेचने की कोशिश कर रहा है। भारत बायोटेक का कहना है कि यह एक साल में लगभग 700 मिलियन खुराक बना सकता है।
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भारत द्वारा बांग्लादेश (Bangladesh), म्यांमार (Myanmar) और नेपाल (Nepal) सहित क्षेत्रीय पड़ोसियों को उत्पादित एस्ट्राजेनेका/ऑक्सफोर्ड जैब्स (AstraZeneca/Oxford jabs) की आपूर्ति भी की गई है, जो न केवल वैश्विक दक्षिण में सस्ते और सुलभ टीकों के आपूर्तिकर्ता के रूप में अपनी प्रतिष्ठा को मजबूत कर रहा है, बल्कि क्षेत्रीय स्तर पर चीन के प्रयासों को भी चुनौती दे रहा है। फरवरी की शुरुआत में, चीनी सिनोपहार्म (Chinese Sinopharm) कोविड-19 वैक्सीन की डेढ़ मिलियन खुराक पाकिस्तान (Pakistan) में भेजी, इससे पहले जल्द ही कंबोडिया (Cambodia), नेपाल (Nepal), सिएरा लियोन (Sierra Leone) और जिम्बाब्वे (Zimbabwe) सहित 13 अन्य देशों में भी भेजी। पाकिस्तान में चीनी राजदूत ने इसे उनके भाईचारे की अभिव्यक्ति के रूप में घोषित किया जो पाकिस्तानी सरकार द्वारा प्रतिध्वनित किया गया। रूस (Russia) ने मित्रों और समर्थन को जीतने के लिए अपने स्वयं के स्पुतनिक वी (Sputnik V) वैक्सीन का उपयोग किया है, ताकि देशों तक पहुंच प्रदान की जा सके, क्योंकि वे अपने स्वयं के टीकाकरण कार्यक्रम शुरू करने में असमर्थ हैं।
इस बीच, इजरायल (Israel) ने कथित रूप से रूस-निर्मित स्पुतनिक वी वैक्सीन को कैदी विनिमय सौदे के हिस्से के रूप में सीरिया (Syrian) सरकार को भेजने के लिए रूस को भुगतान करने के लिए सहमति व्यक्त की। वहीं यूरोप और उत्तरी अमेरिका ने गरीब देशों और क्षेत्रों को टीके प्रदान करने में देरी कर दी। कोरोनावायरस के प्रति शुरू से ही वैश्विक शक्ति और राजनयिक तरंगों में अंतर्निहित रही है। वैश्विक स्वास्थ्य प्रतिस्पर्धा और प्रतिद्वंद्विता के लिए वैश्विक स्वास्थ्य एक नया क्षेत्र बन रहा है, जिसके विषय में हम सभी को चिंतित होना पड़ेगा। इस प्रकार कोविड-19 के प्रति वैश्विक प्रतिक्रिया अब तक असहयोगी और विभाजनकारी रही है, जिसने मुख्य रूप से दोषारोपण या अविश्वास को फैलाने की कोशिश की है।
संदर्भ :-
https://bit.ly/3bylD6L
https://bit.ly/3quD1gF
https://bit.ly/3bvI7Fl
https://bit.ly/3qyAFO6
चित्र संदर्भ:
मुख्य चित्र में कोविद 19 टीकाकरण को अन्य देशों तक पोहुचने के लिये उड़ान भरते हुए दिखाया गया है।
दूसरी तस्वीर बॉक्स में कोविद 19 टीकाकरण के वितरण को दर्शाती है। (विकिपीडिया)
तीसरी तस्वीर में कोविद के 19 टीकाकरण का वितरण दिखाया गया है। (विकिपीडिया)