ब्रिक्स (BRICS) की कमियों और विशेषताओं को उजागर करता है कोविड -19

नगरीकरण- शहर व शक्ति
08-07-2020 06:46 PM
ब्रिक्स (BRICS) की कमियों और विशेषताओं को उजागर करता है कोविड -19

ब्रिक (BRIC) ब्राज़ील, रूस, भारत और चीन देशों के समूह को संबोधित करने का एक संक्षिप्त रूप है। यह समूह या संगठन विश्व की तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्थाओं वाले विकासशील देशों का है, जो विकसित होने के रास्ते पर अग्रसर हैं। इसे आमतौर पर ब्रिक्स (BRICs) देश, BRIC अर्थव्यवस्थाएं या वैकल्पिक रूप से बिग फोर (Big Four) के रूप में भी प्रस्तुत किया जाता है। इससे संबंधित, ब्रिक्स (BRICS), दक्षिण अफ्रीका को भी जोड़ता है। यह शब्द 2001 में अर्थशास्त्री जिम ओ'नील (Jim O'Neill) द्वारा प्रतिपादित किया गया था। 2009 में चार देशों के नेताओं ने अपना पहला शिखर सम्मेलन आयोजित किया और 2010 में BRIC एक औपचारिक संस्थान बन गया। दक्षिण अफ्रीका ने BRIC समूह में शामिल होने के प्रयास शुरू किए और 24 दिसंबर 2010 को इसे BRICS में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया। BRIC का मूल उद्देश्य एक न्यायसंगत, लोकतांत्रिक और बहु-ध्रुवीय विश्व व्यवस्था की स्थापना था, लेकिन बाद में BRIC एक राजनीतिक संगठन बन गया, खासकर दक्षिण अफ्रीका के शामिल होने के बाद। ब्राजील, रूस, भारत और चीन की आर्थिक क्षमता ऐसी है कि वे वर्ष 2050 तक चार सबसे प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन सकते हैं। ये देश दुनिया के 25% भूमि आवरण और दुनिया की 40% आबादी को शामिल करते हैं और 20 ट्रिलियन डॉलर (Trillion Dollar) का संयुक्त सकल घरेलू उत्पाद करते हैं। लगभग हर पैमाने पर, वे वैश्विक मंच पर सबसे बड़ी इकाई होंगे। ये चार देश सबसे बड़े और तेजी से उभरते बाजारों में से हैं। गोल्डमैन सैक (Goldman Sachs) के वैश्विक अर्थशास्त्र समूह ने 2004 में अपने प्रारंभिक ब्रिक अध्ययन के लिए एक अनुवर्ती रिपोर्ट जारी की, जिसमें कहा गया कि ब्रिक देशों में, लगभग 2 लाख 24 हजार रुपये से अधिक वार्षिक आय वाले लोगों की संख्या तीन साल में दोगुनी हो जाएगी और एक दशक के भीतर 8000 लाख लोगों तक पहुंच जाएगी। 2025 के लिए यह गणना की गयी कि BRIC राष्ट्रों में लगभग 11 लाख 12 हजार रुपये से अधिक कमाने वाले लोगों की संख्या 2000 लाख तक पहुंच जायेगी। रिपोर्ट के अनुसार, पहले चीन और फिर एक दशक बाद भारत विश्व अर्थव्यवस्था पर हावी होने लगेगा। द वर्ल्ड बैंक डूइंग बिज़नेस (The World Bank Doing Business) रिपोर्ट 2019 के अनुसार BRIC अर्थव्यवस्थाओं ने सुधार के सबसे सामान्य क्षेत्रों के पार बिजली और व्यापार प्राप्त करके कुल 21 सुधार पेश किए।

कोविड-19 के खिलाफ वैश्विक युद्ध में, कई उभरती अर्थव्यवस्थाएं, जिनमें से कई BRICS से संबंधित हैं, महामारी से प्रभावित अन्य देशों तक पहुंच गई हैं। भारत ने दुनिया की तेजी से उभरती हुई फार्मेसी (Pharmacy) के रूप में अपनी साख को मजबूत किया। उसने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) के दुनिया के सबसे बड़े उत्पादक के रूप में, न केवल सार्क (SAARC) और खाड़ी में अपने पड़ोसी देशों को दवा का निर्यात किया बल्कि रूस, ब्राजील, इजरायल और अमेरिका को भी दवा निर्यात की। इसने भारत के लिए एक समावेशी ब्रिक्स-संचालित फार्मा (Pharma) गठबंधन बनाने के लिए मंच तैयार किया है, जो सक्रिय रूप से टीकों के उत्पादन का भी पता लगा सकता है। इसके अलावा चीन ने भी महामारी से निपटने के लिए दृढ़ता से जवाब दिया। शुरुआती समस्याओं और गुणवत्ता आधारित चिंताओं के बावजूद, उसने दुनिया भर के अत्यधिक प्रभावित क्षेत्रों को मास्क (Masks), दस्ताने, जूता आवरण, परीक्षण किट (Kits) आदि प्रदान किये। अपने हेल्थ सिल्क रोड (Health Silk Road) सिद्धांत के तहत, वह दो सबसे खराब वैश्विक प्रभावित क्षेत्रों इटली और ईरान भी पहुंचा। 31 टन (Tonnes) के नौभार जिसमें आवश्यक आपूर्ति और उपकरण जैसे श्वसन यंत्र, सुरक्षात्मक आवरण, मास्क और दवाएं शामिल थीं, के साथ रोम पहुंचाए गये। इसी प्रकार से रूस ने भी विदेशों में अपने डॉक्टरों और वायरोलॉजिस्टों (Virologists) को भेजा। एक रूसी एंटोनोव-124 (Antonov-124), जो चिकित्सा आपूर्ति और विशेषज्ञों से भरा हुआ था, न्यूयॉर्क के जॉन एफ कैनेडी (John F. Kennedy) अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचा। इसी प्रकार से कोविड-19 के प्रभाव को कम करने के लिए ब्रिक्स देशों द्वारा अनेक प्रयास किये गये।

ब्रिक्स के रूप में जाना जाने वाला समूह हमेशा अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में अपनी भूमिका के बारे में अंतर्राष्ट्रीय संबंध विशेषज्ञों के बीच विवाद का बिंदु रहा है। कुछ टिप्पणीकारों ने इसे एक ऐसे समूह के रूप में देखा, जिन्होंने आर्थिक विकास में समान रूपरेखा का आनंद लिया और 2008 की वैश्विक वित्तीय दुर्घटना के बाद सापेक्ष आर्थिक स्थिरता देखी। हालांकि, कुछ ऐसे भी हैं, जो समूह की क्षमता को दक्षिण-दक्षिण सहयोग के लिए प्रतिच्छेदन के रूप में देखते हैं, मौजूदा सुरक्षा प्रतिमान का एक विकल्प प्रदान करते हैं और विश्व व्यवस्था में उल्लेखनीय परिवर्तन लाते हैं। एक समूह के रूप में ब्रिक्स का समर्थन करने वाले तर्क, जो भारतीय परिप्रेक्ष्य से मौजूदा पश्चिमी प्रभुत्व वाले विश्व व्यवस्था को चुनौती देगा, को अब दो कारणों से बदलना चाहिए। पहला कारण यह है कि उभरते देशों के एक समूह के रूप में, उनमें से किसी ने भी एक दूसरे के साथ संवाद नहीं किया, वस्तुतः एक समूह के रूप में भी नहीं जबकि कोविड-19 तेजी से फैल रहा था। ब्राजील के राष्ट्रपति एक राष्ट्रव्यापी तालाबंदी के विचार के खिलाफ हैं और वहां के राज्यपालों के कड़े प्रतिरोध का सामना कर रहे हैं। भारत की तरह दक्षिण अफ्रीका ने भी 21 दिन की तालाबंदी (26 मार्च 2020 को लागू) घोषित की। इस बीच, रूस ने सभी अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को निलंबित किया और भारत और दक्षिण अफ्रीका के विपरीत, तालाबंद घोषित नहीं किया। उस समय चीन की प्राथमिकता जनसंपर्क प्रबंधन थी जबकि वह विषाणु को रोकने की विफलता को लेकर अन्य देशों को ट्रोल (Troll) करता रहा। एक समूह के रूप में, विभिन्न मुद्दों पर आंतरिक कलह के साथ पहल की कमी, दुनिया की आबादी को जोखिम में डालने के लिए जिम्मेदार हो सकती है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने कोविड-19 पर चर्चा नहीं की क्योंकि यह रूस और दक्षिण अफ्रीका द्वारा समर्थित तथा चीन द्वारा अवरुद्ध थी। प्रमुख वैश्विक सुरक्षा और शांति मंच पर बहस की कमी बहुसंख्यक दक्षिण सदस्यों के समूह के रूप में ब्रिक्स पर एक धब्बा लगाती है। इस समूह के सदस्य उक्त परिषद में इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए उपयुक्त नहीं थे। समूह से उम्मीद की गई थी कि विचारों के एक वैकल्पिक समूह को तालिका में लाया जाएगा, क्योंकि चर्चा विश्व स्वास्थ्य संगठन में सुधारों के कुछ पहलुओं को जन्म दे सकती है। यह सुधार, जहां आवश्यक है वहीं विश्व समुदाय, विशेष रूप से प्रमुख शक्तियों द्वारा अनदेखा किया गया है। संगठन को इस तरह से संरचित किया गया है कि यह बजटीय योगदान पर निर्भर है। ब्रिक्स को प्रासंगिक बने रहने के लिए, अपने संस्थानों का बेहतर उपयोग करने की आवश्यकता है, जिसे उसने पिछले दो दशकों में स्थापित किया है। 2014 में स्थापित न्यू डेवलपमेंट बैंक (New Development Bank), हरित ऊर्जा पहल का समर्थन करने वाले अन्य बहुपक्षीय वित्तीय संस्थान के साथ सहयोग कर सकता है और अनुसंधान केंद्र स्थापित कर सकता है, जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा सतत विकास लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

चित्र सन्दर्भ:
1. BRICs के प्रथम चार सदस्य (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन) राष्ट्रों के राष्ट्रीय ध्वज (Prarang)
2. ब्रिक्स (BRICS) के वर्तमान सदस्यों के नाम और ध्वजों के साथ कलात्मक चित्रण (Needpix)
3. ब्रिक्स के पांचीं सदस्यों का मानचित्रात्मक विवरण (Prarang)

संदर्भ:
https://economictimes.indiatimes.com/blogs/et-commentary/covid-19-exposes-deficiencies-of-brics/
https://www.thehindu.com/opinion/op-ed/brics-against-covid-19/article31495439.ece
https://en.wikipedia.org/wiki/BRIC

पिछला / Previous

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.