क्या है, भारत में जनसँख्या के आधार पर नर्सों का अनुपात ?

नगरीकरण- शहर व शक्ति
18-04-2020 10:15 AM
क्या है, भारत में जनसँख्या के आधार पर नर्सों का अनुपात ?

स्वास्थ्य जीवन का सबसे महत्वपूर्ण अंग होता है इसी के आधार पर मनुष्य कार्यबल से लेकर परिवार संयोजन का कार्य करता है। स्वास्थ्य को सदैव ही चालित करने के लिए विभिन्न स्वास्थ्य विभागों आदि की स्थापना की गयी थी और उसी व्यवस्था में नर्स और पैरामेडिक (Paramedic) श्रमिक भी आते हैं। ऐतिहासिक रूप से कभी दुनिया भर में इनकी जरूरत उतनी महसूस नहीं की गयी थी जितनी वर्तमान के कोरोना (Corona) महामारी के आने के बाद हुई है। दुनिया भर में सबसे ज्यादा नर्स भारत और फिलिपिन्स (Philippins) से ही अन्य देशों में भेजी जाती हैं। भारत में सबसे ज्यादा नर्स (Nurse) केरल राज्य से आती हैं परन्तु यदि स्वास्थ सम्बन्धी आंकड़े देखे जाएँ तो यही पर जनसँख्या के अनुपात में सबसे कम नर्सें पायी जाती हैं। भारत में यदि नर्सों के विषय में बात किया जाए तो यहाँ पर यह परम्परा प्राचीन काल से ही चली आ रही है।

प्राचीन काल में दाई (एक प्रकार की नर्स) का प्रचलन बड़ी संख्या में था कारण कि यही एक ऐसी साधन थी जो कि बच्चे के जन्म के समय कार्य करती थी। समय के साथ-साथ यहाँ पर नर्सों की संख्या बढ़ी और विभिन्न संस्थाएं खुली जिन्होंने बड़े संख्या में नर्सों का उत्पादन शुरू किया। इसके फलस्वरूप भारत दुनिया के अन्य देशों जैसे कि ऑस्ट्रेलिया (Australia), कनाडा (Canada), अमेरिका (America) आदि देशों में नर्सों को भेजने लगा। इन्ही नर्सों में एक प्रकार की नर्स होती हैं जिन्हें सेना के लिए तैयार किया जाता है भारत में इस प्रकार की पहली प्रशिक्षण संस्था ईस्ट इंडिया कंपनी (East India Company) द्वारा सन 1664 में फोर्ट सेंट जॉर्ज (Fort st. George) मद्रास में खोला गया था और यहाँ से पहली नर्सें सेंट थॉमस हॉस्पिटल लन्दन (St. Thomas Hospital London) भेजी गयी थीं। भारत में नर्सिंग (Nursing) को प्रचलित करने का पूरा श्रेय फ्लोरेंस नाईटएंगल (Florence Nightingale) को जाता है। नाईटएंगल द्वारा यह 1865 में शुरू किया गया था जिसमे उन्होंने भारतीय अस्पतालों के लिए नर्सों की मौजूदगी को अनिवार्य होने का सुझाव दिया था। नाईटएंगल स्कूल ऑफ़ नर्सेज (Nightingale School of Nurses) में नर्सों की शिक्षा दी जाती थी और बाद में सन 1867 में नर्सों की ट्रेनिंग के लिए दिल्ली में सेंट स्टीफेंस हॉस्पिटल (St. stephen’s Hospital, Delhi) की स्थापना (Training) की गयी। हमारे लखनऊ में सन 1905 में पहला नर्सों को ट्रेनिंग (training) प्रदान करने वाला केंद्र खोला गया था।

उपरोक्त लिखित ऐतिहासिकता को देखने से यह जरूर पता चलता है कि भारत में नर्सों का एक लम्बा इतिहास रहा है। परन्तु अब यदि वर्तमान के आंकड़ों को देखें तो भारत में कुल 1.94 मिलियन (Million) नर्सें हैं जो कि इंडियन नर्सिंग कॉउन्सिल (Indian Nursing Council) के हवाले से तथा विश्व स्वास्थ संगठन (WHO) से है। भारत में सन 2010 में कुल 2.5 मिलियन नर्सों की कमी थी और उस साल भारत में आधिकारिक तौर पर लगभग 1.23 मिलियन नर्सें कार्य कर रही थी। विश्व स्वास्थ संगठन ने भी यह बात रखी कि भारत में नर्सों की संख्या को कुल जनसँख्या के अनुपात में बढाने की आवश्यकता है। एनएचपी (NHP) के 2016 में पेश किये गए आंकड़े के अनुसार भारत में पंजीकृत नर्सों और दाइयों और आगंतुक महिला स्वास्थ्य का देखरेख करने वालों के सहित औसतन जनसंख्या और नर्सों का अनुपात 1: 475 है जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन 1: 500 के अनुपात की बात करता है।

ग्रामीण स्वास्थ आंकड़े के अनुसार यह कहा गया है कि भारत के ग्रामीण अंचलों में करीब 13 हजार से ज्यादा नर्सों की कमी है और यह कमी ओड़िसा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में सबसे ज्यादा है और यहाँ पर नर्सों के रिक्त पदों को यदि देखें तो यह 64.2 फीसद, 50.5 फीसद और 48 फीसद है। भारत में कुल दो हजार नौ सौ अट्ठावन (2,958) शैक्षणिक केंद्र हैं जो कि नर्सों आदि की ट्रेनिंग (training) कराते हैं और इन संस्थानों से कुल एक लाख अठारह हजार चार सौ छः (1,58,406) विद्यार्थी निकलते हैं इनके अलावा एक हजार नौ सौ इक्कीस (1,921) और भी संस्थान हैं जो कि चौव्वन हजार आठ सौ उन्सठ (54859) नर्सें उत्पादित करता है। इतने ज्यादा नर्सों के उत्पादन के बावजूद भी भारत में नर्सों की कमी यही दिखाती है कि यहाँ पर बहुत ही सीमित स्तर पर नर्सों की नौकरियां निकलती हैं और उनकी तनख्वाह भी अन्य देशों की तुलना में कहीं कम है। यह एक बड़ा कारण है कि यहाँ से बड़ी संख्या में नर्सों का अन्य देशों में पलायन होता है।

चित्र (सन्दर्भ):
1.
मुख्य चित्र में भारतीय नर्सिंग (Nursing) के छात्रों को दिखाया गया है।
2. सन 1855 में टी. पैकर द्वारा बनाया गया फ्लोरेंस नाइटिंगेल और उनके स्कूटरी (Scutari) के कर्मचारी सैन्य अस्पताल में एक मरीज की देखभाल करते हुए लिथोग्राफ
3. अन्तिम चित्र में भारतीय नर्सिंग (Nursing) के छात्रों को दिखाया गया है।
सन्दर्भ
1.
https://everylifecounts.ndtv.com/india-short-nearly-two-million-nurses-13129
2. https://www.quora.com/Why-do-most-hospitals-have-nurses-from-Kerala-mostly
3. en.wikipedia.org/wiki/Nursing_in_India
4. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC1955376/

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