समयसीमा 229
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 964
मानव व उसके आविष्कार 757
भूगोल 211
जीव - जन्तु 274
भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों में होटल (Hotel) और अस्पताल का हमेशा घनिष्ठ संबंध रहा है। इस संबंध को मुख्य रूप से स्वास्थ्य सेवा के निजीकरण ने जन्म दिया है। निजीकरण के साथ, नया निवेश उन शहरों/स्थानों के अस्पतालों में किया जा रहा है, जहां अमीर, समृद्ध और शक्तिशाली लोग रहते हैं, उदाहरण के लिए - नोएडा, गुड़गांव, मुंबई, बैंगलोर, पुणे, लखनऊ आदि के अस्पतालों में। अन्य स्थानों के लोगों, यहां तक कि बड़ी आबादी वाले स्थानों (जैसे - गोरखपुर, वाराणसी, इलाहाबाद आदि) के लोगों को भी अक्सर समीप के महंगे शहरों और उनके अस्पतालों की यात्रा करनी पड़ती है। भारत में ज्यादातर मामलों में, जैसा कि "मेडिकल टूरिज्म (Medical tourism - चिकित्सा पर्यटन)" की अवधारणा में विस्तार हुआ है, अस्पतालों ने आसपास के होटलों के साथ गठजोड़ किया है कि, वे कमरों के लिए विशेष दरें प्रदान करेंगे। चिकित्सा पर्यटन की यह अवधारणा काफी समय से चली आ रही है, जिसके विस्तार ने अस्पतालों और होटल व्यवसायियों को एक-दूसरे के साथ गठजोड़ करने के लिए प्रोत्साहित किया है। भारत में ऐसे कई अस्पताल हैं जो निकट स्थित होटलों के साथ गठजोड़ या संधि करके बाहर से आने वाले रोगियों को हर तरह की सुविधा उपलब्ध करवाते हैं। भारत में चिकित्सा पर्यटन का यह बाजार 2.5 बिलियन डॉलर (billion dollars) से अधिक के साथ सालाना 25 प्रतिशत से अधिक वृद्धि कर रहा है। इसके अंतर्गत होटल, मरीजों और उनके परिचारकों को लाने, ले जाने, रहने तथा अन्य चीजों की सुविधा विशेष दरों और छूट के साथ सुनिश्चित करते हैं जिसके कारण भारत में विदेशी मरीजों की संख्या साल दर साल 40 फीसदी की दर से बढ़ रही है। यह न केवल विदेशों से आए मरीजों बल्कि भारत में जिन लोगों को लंबे समय तक इलाज की जरूरत होती है, उनके लिए भी उपरोक्त सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाते हैं।
अधिकांश अंतराष्ट्रीय रोगी अफ्रीका (Africa), सार्क (SAARC) और पश्चिम एशिया (West Asia) से हैं जो मुख्य रूप से अपेक्षाकृत सस्ते इलाज के कारण भारत आते हैं। भारत में उनके उपचार की लागत विदेशों में खर्च होने वाली लागत का केवल 10-20 प्रतिशत ही होती है। इस प्रकार के होटलों में रोगी के ठीक होने तक उसे चिकित्सीय वातावरण उपलब्ध करवाया जाता है। उनका लक्ष्य इलाज की अवधि के दौरान रोगी को जितना संभव हो सके उतना आरामदायक वातावरण उपलब्ध करवाना होता है। साथ ही वे लोग यह भी सुनिश्चित करते हैं कि डॉक्टर (doctor) के निर्देशों का पूरी तरह से पालन किया जाए। मरीजों को सर्वोत्तम संभव अनुभव प्रदान करने के लिए, होटल के कर्मचारियों को अस्पतालों और क्लीनिकों (clinics) के साथ निकटता से संवाद करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे रोगी की विशेष जरूरतों और अपेक्षाओं को समझते हैं। चिकित्सा पर्यटन से जुड़े अधिकांश होटल रोगियों की देखभाल के उद्देश्य से बनाए जाते हैं, किन्तु जहां ऐसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं होती वहां होटलों में प्रवेश मार्ग व्हीलचेयर (wheelchair) से सुलभ होने चाहिए। हॉलवे (Hallways) और कॉरीडोर (corridors) में किसी भी प्रकार की सीढ़ी नहीं होनी चाहिए। पूर्ण आकार का एलेवेटर (elevator) होना चाहिए जो व्हीलचेयर या रोगी को एक वॉकर (walker) के साथ आराम से समायोजित कर सके, इत्यादि सुविधाएं होटल में मौजूद होनी चाहिए ताकि रोगी को चिकित्सीय देखभाल का वातावरण प्राप्त हो सके।
वर्तमान में कोविड-19 (covid-19) के संकट के प्रभाव से पर्यटन पूर्णतः शून्य हो गया है, तथा संक्रमित और प्रभावित लोगों के क्वारंटीन (Quarantine) और आइसोलेशन (isolation) के लिए अपर्याप्त जगह के कारण इन सभी होटलों को उपयोग में लाया जा रहा हैं। होटल अब अधिक स्वतंत्र रूप से अस्पताल के उपयोग के लिए अपने बुनियादी ढांचे की पेशकश कर रहे हैं। लखनऊ में, भी कई होटलों ने पहले से ही कई अस्पतालों के साथ गठजोड़ किया है तथा अपने पूरे बुनियादी ढांचे की पेशकश कर रहे हैं। लखनऊ जिला प्रशासन ने कोविड-19 से संक्रमित मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टरों (doctors) और नर्सों (nurses) के लिए राज्य की राजधानी के पांच सितारा होटलों को क्वारंटाइन सुविधाओं में परिवर्तित कर दिया है। होटल हयात (Hyatt), होटल फेयरफील्ड (Fairfield), पिकाडिली (Piccadily) और होटल लेमन ट्री (Lemon Tree) विभिन्न अस्पतालों के अंतर्गत आइसोलेशन की सुविधा के लिए उपयोग किये जा रहे हैं। इसके अलावा, हवाई अड्डे के पास हज हाउस (Haj House), शहीद पथ पर अवध शिल्प ग्राम, और इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान जैसे कई सामुदायिक केंद्रों को भी उत्तर प्रदेश के बाहर से आने वाले लोगों के रहने के लिए क्वारंटाइन केंद्र के रूप में परिवर्तित किया गया है। केवल भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी इस प्रकार के होटलों का उपयोग कोरोना (Corona) से संक्रमित लोगों के उपचार के लिए किया जा रहा है। जैसे-जैसे कोविड -19 के संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं, वैसे-वैसे शहरों में लोगों को क्वारंटीन और आइसोलेट करने के लिए स्थानों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इस कमी को पूरा करने के लिए मनोरंजक वाहनों (Recreational vehicle-RVs) तथा लॉज (Econolodge) को क्वारंटीन केंद्रों में बदला जा रहा है।
संदर्भ:
1. https://bit.ly/2y8mdqy
2. https://bit.ly/2K19Nn5
3. https://www.healthcareresearchcenter.org/the-role-of-hotels-in-global-healthcare/
4. https://www.citylab.com/life/2020/03/coronavirus-quarantine-hospitals-home-isolation-government/607633/
चित्र सन्दर्भ:
1. Pxfuel.com - ऊपर दिए गए समस्त चित्रों में होटल के कमरे के अंदर व्यवस्थित ऑब्ज़र्वेशन (Observation) कक्ष दिखाया गया है।
2. Pixnio.com
3. Pxfuel.com
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.