भारत की पहली पनडुब्बी INS कलवरी से वर्तमान INS कलवरी तक का सफर

हथियार व खिलौने
25-01-2019 02:00 PM
भारत की पहली पनडुब्बी INS कलवरी से वर्तमान INS कलवरी तक का सफर

भारत की सीमाओं की सुरक्षा सरकार की पहली प्राथमिकता है। इसके लिए सरकार हमेशा से प्रयासरत रही है। इन्हीं प्रयासों में से एक था भारतीय नौसेना में एक शक्तिशाली पनडुब्बी को शामिल करना। टाइगर शार्क (Tiger shark) समुद्र की सबसे खतरनाक प्रजाति में से एक है परंतु भारत में इस नाम से “आईएनएस कलवरी पनडुब्बी” (‘कलवरी’मलयालम भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ ‘टाइगर शार्क’होता है, जोकि शक्ति का प्रतीक है।) को जाना जाता है। दरअसल कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियां भारतीय नौसेना में शामिल की गई पहली पनडुब्बियां थीं, जो कि तत्कालीन सोवियत संघ द्वारा प्रदत्त फॉक्सट्रॉट (Foxtrot) श्रेणी की पनडुब्बियों का दूसरा रूप था।

इनमें से कलवरी श्रेणी की सबसे पहली पनडुब्बी जो भारतीय नौसेना का भाग बनी थी आईएनएस कलवरी (S23) के नाम से जानी जाती है। इसे 8 दिसंबर, 1967 को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। आईएनएस कलवरी (S23) भारतीय नौसेना की कलवरी श्रेणी की डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों में से एक प्रमुख पोत थी। इस पनडुब्बी को 27 दिसंबर 1966 को लेनिनग्राद के गेलर्निय द्वीप में नोवो-एडमिरल्टी द्वारा सोवियत नौसेना के फॉक्सट्रॉट श्रेणी पनडुब्बी बी-51 के रूप में बनाया गया था और 15 अप्रैल 1967 को लॉन्च किया गया था। इसे बाद में भारतीय नौसेना में स्थानांतरित कर दिया गया। इसे 31 मई, 1996 को सेवानिवृत्त किया गया था। इसके बाद विभिन्न श्रेणियों की बहुत सी पनडुब्बियां नौसेना का हिस्सा बनीं।

2017 में फ्रांस के सहयोग से देश में ही निर्मित स्कार्पीन श्रेणी की जिस पनडुब्बी को नौसेना में शामिल किया गया था, उसका नाम भी आईएनएस कलवरी ही रखा गया है। वर्तमान की आईएनएस कलवरी को दुनिया की सबसे घातक पनडुब्बियों में से एक माना जाता है। यह पहली स्वदेशी पनडुब्बी है। 14 दिसंबर, 2017 को मुंबई स्थित नौसैनिक पोतगाह पर आयोजित एक समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आईएनएस कलवरी नामक पनडुब्बी को सफल परीक्षण के बाद भारतीय नौसेना में शामिल किया। यह पनडुब्बी परियोजना-75 के तहत विकसित प्रथम पनडुब्बी है। परियेाजना-75 वर्तमान में मुंबई स्थित माझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा फ्रांस की नेवल ग्रुप (Naval group) की सहभागिता में परियोजना-75 के तहत कलवरी श्रेणी की 6 पनडुब्बियों का निर्माण किया जा रहा है। ये पनडुब्बियां फ्रांस की स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों पर आधारित हैं। स्कॉर्पीन श्रेणी की द्वितीय पनडुब्बी आईएनएस खन्देरी और तृतीय पनडुब्बी ‘करंज’अभी परीक्षण और विकास के दौर से गुजर रही है शीघ्र ही इनका भी जलावतरण किया जाएगा।

फ्रांस की डीसीएनएस (फ्रांसीसी नेवल रक्षा और ऊर्जा कंपनी) व भारत के माझगांव, डॉक लिमिटेड के मध्य अक्टूबर 2005 में तकनीकी हस्तांतरण के आधार पर माझगांव डॉक लिमिटेड द्वारा इन पनडुब्बियों का निर्माण किया जा रहा है, तथा इन पनडुब्बियों को डीसीएनएस द्वारा डिजाइन किया गया है। गौरतलब है कि वर्ष 1999 में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा नौसेना के 30 वर्षीय पनडुब्बी निर्माण कार्यक्रम को मंजूरी दी गई थी। यह परियोजना दो भागों में विकसित की जानी थी। परियोजना-75 के तहत 6 पनडुब्बियों का निर्माण उक्त कार्यक्रम का पहला भाग है और 6 अतिरिक्त पनडुब्बियों का स्वदेश में निर्माण परियोजना-75-1 के तहत पूरा किया जाना है। इसके अलावा योजना के हिस्से के रूप में नौसेना इस बीच 12 और पारंपरिक पनडुब्बियों का उत्पादन करने के लिए अपनी स्वदेशी डिजाइन विकसित करेगी। इन कार्यक्रमों के तहत वर्ष 2030 तक 24 पनडुब्बियों का निर्माण किया जाना है।

आईएनएस कलवरी में पिछली डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों की तुलना में बेहतर है। यह एक डीजल-इलेक्ट्रिक मोटर द्वारा संचालित पनडुब्बी है और कहा जाता है कि यह इतनी खामोशी से चलती है कि इसका पानी के नीचे पता लगाना मुश्किल हो सकता है। इसकी कुल लंबाई 67.5 मीटर, ऊंचाई 12.3 मीटर तथा वजन 1,565 टन है। यह एक ऐसा पहला भारतीय नौसैनिक डीजल-इलेक्ट्रिक पोत है जिसे एक मॉड्यूलर दृष्टिकोण का उपयोग करके बनाया गया है और कहा जाता है कि यह अधिकांश पनडुब्बियों की तुलना में सबसे कम आवाज करता है। इसमें समुद्र की सतह पर मौजूद लक्ष्यों को देखने के लिए अवरक्त और कम प्रकाश वाला कैमरा और रेंज फाइंडर (range finder) संलग्न हैं। इसके आलावा ये इस पनडुब्बी में लॉग रेंग गाइडेड टॉरपीडो, आधुनिक सेंसर वाली कमरों का सैट, हमला और खोजने वाला पेरिस्कोप, एंटी-शिप मिसाइल आदि बेहतर स्टील्थ (stealth) फीचर्स संलग्न हैं। इसकी गति जल के भीतर 20 नॉट (Knots) है। इसे लगभग 120 दिनों के व्यापक समुद्री परीक्षणों और विभिन्न उपकरणों के लिए कई परीक्षणों से गुजारा गया है।

संदर्भ:
1.https://economictimes.indiatimes.com/news/defence/first-scorpene-submarine-ins-kalvari-delivered-to-navy-to-be-commissioned-soon/articleshow/60783199.cms
2.https://en.wikipedia.org/wiki/Kalvari-class_submarine_(1967)
3.https://en.wikipedia.org/wiki/INS_Kalvari_(S23)
4.https://economictimes.indiatimes.com/news/defence/ins-kalvari-10-facts-about-the-first-made-in-india-scorpene-class-submarine/pm-modi-commissions-ins-kalvari/slideshow/62064446.cms
5.https://www.indiatoday.in/fyi/story/ins-kalvari-diesel-electric-submarine-pm-modi-facts-1106923-2017-12-14

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