समयसीमा 229
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 964
मानव व उसके आविष्कार 759
भूगोल 211
जीव - जन्तु 276
ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावी ढंग से डिजिटल सुविधाएं पहुंचाने के लिए भारत में एक विशेष योजना चलाई गयी है, जिसके तहत देश के सभी 2,50,000 ग्राम पंचायतों के लगभग 625,000 गांवों को 100 एमबीपीएस (MBPS) ब्रॉडबैंड सेवा तथा ब्रॉडबैंड सुविधाओं से जोड़ा जा सकेगा। डिजिटल भारत की इस विशेष परियोजना को नाम दिया गया है “भारत नेट”, जिसे भारत सरकार द्वारा तैयार भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (बीबीएनएल) द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। 25 अक्टूबर 2011 को भारत सरकार ने "राष्ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क" (National Optical Fibre Network) पहल को मंजूरी दी, जिसे बाद में भारत नेट नाम दिया गया। पहले चरण में इसका वास्तविक कार्यान्वयन बीएसएनएल (BSNL), पॉवर ग्रिड और रेलटेल जैसे साझेदारों द्वारा किया जा रहा है। भारतनेट अपनी ओर से ई-गवर्नेंस (E-Governance) सेवाओं, टेलीएजुकेशन (Tele-education), टेलिमेडिसिन (Telemedicine), वित्तीय सेवाएं, ई-वाणिज्य और ई-मनोरंजन में सहायता करेगा तथा भारत के दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले सभी लोग इसका लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
इसमें विकास के लिए ई-बैंकिंग (e-banking), ई-हेल्थ (e-health) और ई-एजुकेशन (e-education) भी शामिल होंगे। इससे मोबाईल ऑपरेटरों, केबल टीवी ऑपरेटरों जैसे सेवा प्रदाताओं तक पहुंच आसान हो जाएगी और ई-कॉमर्स और सूचना प्रौद्योगिकी आउटसोर्सिंग आदि सहित मेक इन इंडिया (Make in India), डिजिटल इंडिया (Digital India) और स्टार्टअप इंडिया (Startup India) जैसी पहल के तहत स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। इसके परिणामस्वरूप सरकारी योजनाओं के अधीन पंचायत स्तर पर स्थानीय आयोजना, प्रबंधन, निगरानी और भुगतान जैसी अनेक सेवाएं भी प्रदान की जा सकेंगी। पूरे प्रोजेक्ट को यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (Universal Service Obligation Fund (USOF)) द्वारा वित्त पोषित किया जा रहा है, जिसे देश के ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में दूरसंचार सेवाओं में सुधार के लिए स्थापित किया गया था। भारतनेट परियोजना का तीन-चरणों में कार्यान्वयन इस प्रकार है : 1. पहले चरण में दिसम्बर 2017 तक भूमिगत ऑप्टिक फाइबर केबल (optic fibre cable (OFC)) लाइनों को बिछाकर एक लाख ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करने का विचार रखा गया था। 2. दूसरे चरण में देश के सभी 2,50,500 ग्राम पंचायतों को भूमिगत फाइबर, बिजली लाइनों, रेडियो और उपग्रह मीडिया के फाइबर के सर्वोत्कृष्ट मिश्रण का उपयोग करके कनेक्टिविटी (connectivity) प्रदान करेगा। जिसे मार्च 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस चरण को सफल बनाने के लिए बिजली के खंभे पर ओएफसी बिछाना भी शामिल होगा, इसके लिए राज्यों की भागीदारी महत्वपूर्ण होगी। यह भारत नेट परियोजना में आकाशीय OFC द्वारा कनेक्टिविटी के कई फायदे हैं, जिसमें कम लागत, त्वरित कार्यान्वयन, आसान रखरखाव और मौजूदा बिजली लाइनों के बुनियादी ढांचे का उपयोग शामिल है। 3. तीसरे चरण में 2019 से 2023 तक, अत्याधुनिक और भावी प्रमाणित नेटवर्क, जिसमें जिलों और ब्लॉकों के बीच फाइबर शामिल हैं, के साथ अतिरेक प्रदान करने के लिए रिंग टोपोलॉजी (ring topology) बनाई जाएगी। यह परियोजना केंद्र-राज्य सहयोगी परियोजना है, जिसमें राज्यों द्वारा ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क की स्थापना हेतु योगदान दिया जा रहा है। नेशनल ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क यूनाइटेड टेलीकॉम लिमिटेड (UTL) द्वारा आपूर्ति किए गए गिगाबिट पैसिव ऑप्टिकल नेटवर्क (GPON) उत्पादों का उपयोग करता है जो स्वदेशी हैं तथा यह प्रौद्योगिकी देश में ही सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (Centre for Development of Telematics (C-DOT)) द्वारा विकसित की गयी है। फाइबर केबल अतिसूक्ष्म तंतु से बनीं हैं। जिसके मुख्यतः दो भाग हैं कोर (core) और क्लैडिंग (Clading)। कोर कांच से बना होता है, कोर फाइबर का सबसे भीतरी हिस्सा होता है, जहां से प्रकाश गुजरता है। क्लैडिंग प्लास्टिक या कांच की मोटी परत से बना होता है, क्लैडिंग को कोर के चारों ओर लपेटा जाता है। कुल आंतरिक प्रतिबिंब नामक एक संवृति बनाने के लिए ये दो हिस्से एक साथ कार्य करते हैं। कुल आंतरिक प्रतिबिंब में प्रकाश बिना फैले तंतुओं के नीचे से गुजर जाता है। यह तब होता है जब प्रकाश कांच के सतही कोण से टकराता है, 42 डिग्री से कम, और दर्पण के विपरित प्रतिबिंबित होने के कारण फिर से वापस आ जाता है। क्लैडिंग प्रकाश को कोर में रखता है क्योंकि यह ग्लास / प्लास्टिक से बना होता है जिसमें एक अलग ऑप्टिकल घनत्व या कम अपवर्तक सूचकांक होता है। इसी प्रकाश के माध्यम से बाइनरी डेटा को संचारित किया जाता है तथा इसी बाइनरी डेटा से संपूर्ण इंटरनेट प्रसारित की जाती है। टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (Telecom Regulatory Authority of India (TRAI)) के डाटा अनुसार जून 2018 में पूरे उत्तर प्रदेश में 6 करोड़ से अधिक लोगों ने इंटरनेट का उपयोग किया। हर साल ये संख्या बढ़ती जा रही है, और इंटरनेट हमारे रोजमर्रा में बहुद्देश्यों की पूर्ति के लिए महत्वपूर्ण होता जा रहा है। ब्रॉडबैंड और वाईफाई हॉटस्पॉट सेवा इसकी उपयोगिता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। भारत सरकार की भारत नेट की पहल भारत के सबसे अहम हिस्से यानी ग्रामीण भारत को भी इंटरनेट से जोड़ने में मदद करेगी।A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.