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वर्तमान समय में जीवन की मूलभूत आवश्यकता बन चूका पैट्रोल डीजल के मूल्य आये दिन आसमान छू रहे हैं। जिस कारण अक्सर लोगों के मध्य आक्रोश देखा जा रहा है। चलिए अब जानते है कि भारत में पेट्रोल और डीजल की उत्पत्ति कैसे हुई।
पेट्रोलियम धरातल के नीचे स्थित अवसादी परतों के बीच में पाया जाने वाला एक काले भूरे रंग का तैलीय द्रव है, जिसका मुख्य रूप से प्रयोग ईंधन के रूप में किया जाता है। "पेट्रोलियम" शब्द का निर्माण "पेट्रो" अर्थात चट्टान और "ओलियम" अर्थात तेल से मिलकर हुआ है। पेट्रोलियम की प्राप्ति धरातल के नीचे स्थित अवसादी चट्टानों के ऊपर कुएं खोदकर की जाती है। विश्व में सबसे पहले पेट्रोलियम कुएं की खुदाई अमेरिका के पेंसिलवानिया राज्य में स्थित "टाइटसविले" स्थान पर की गई। आज भारत में 3 प्रमुख तेल विपणन कंपनियां (ओएमसी) हैं। ये 3 कंपनियां इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) हैं। आइये जानते हैं कैसे इनको पेट्रोल की कीमत निर्धारित की जाती है।
पेट्रोल के खुदरा बिक्री मूल्य (आरएसपी) को कई कारकों के आधार पर निर्धारित किया जाता है। भारतीय कच्चे तेल की औसत कीमत की गणना हर पक्ष में की जाती है। यह कीमत प्रति बैरल डॉलर में की जाती है। कच्चे तेल से पेट्रोल निकालने के लिए उसे परिवहन और परिष्कृत किया जाता है। और इसे रिफाइनरी ट्रांसफर प्राइस (आरटीपी) कहा जाता है। पेट्रोल और डीजल अभी तक जीएसटी(वस्तु एंव सेवा कर) के अंतर्गत नहीं लाया गया है। यह अभी व्यापक रूप से केंद्रीय उत्पाद शुल्क (केंद्र सरकार द्वारा लगाया गया) और राज्य वैट (मूल्य वर्धित कर) के अंतर्गत आता है। इन दोनो करों को पेट्रोल की किमत में जोड़ा जाता है। वर्तमान उत्पाद शुल्क 15.33 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल है और वैट राज्य से राज्य में भिन्न होता है, सबसे ज्यादा वैट मुंबई में 39.12 है।
ये सभी कीमत पेट्रोल के अंतिम खुदरा बिक्री मूल्य (आरएसपी) में शामिल हो जाती है जो आखिर में उपभोक्ता तक पहुंचती है। विभिन्न राज्यों में पेट्रोल की कीमतों का कारण विभिन्न वैट दर है। यह कीमत विभिन्न ओएमसी (तेल विपणन कंपनियों) के स्वामित्व वाले पंप में भी भिन्न होती है। मार्जिन और डीलर कमीशन में बदलावों के कारण ये मामूली मतभेद होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं अगर पेट्रोल और डीजल जीएसटी के तहत लाए जाएं तो कीमतें एकदम से काफी गिर जाएगी। जीएसटी के तहत 28 फीसदी टैक्स स्लैब के तहत भी पेट्रोल की कीमत केवल 48.59 रुपये प्रति लीटर होगी और डीजल की कीमत प्रति लीटर 50.41 रुपये होगी।
1.https://www.quora.com/How-are-fuel-petrol-diesel-prices-decided-in-India-Why-does-each-city-even-in-same-state-have-a-different-price-point
2.https://www.indiatoday.in/education-today/gk-current-affairs/story/are-central-government-s-taxes-causing-the-sky-high-petrol-prices-know-how-fuel-prices-are-calculated-1237814-2018-05-21
3.https://factly.in/understanding-petrol-pricing-in-india/
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