हिरोशिमा पर परमाणु वार पर बनी फिल्मों में प्रेरणा है ‘शतरंज के खिलाड़ी’ की शैली से

द्रिश्य 1 लेंस/तस्वीर उतारना
09-08-2018 01:15 PM
हिरोशिमा पर परमाणु वार पर बनी फिल्मों में प्रेरणा है ‘शतरंज के खिलाड़ी’ की शैली से

20वीं सदी के दो प्रसिद्ध फिल्म (Film) निर्देशकों के नाम तो आपने सुना ही होंगे- सत्यजीत राय एवं जापान के अकीरा कुरोसावा। वास्तव में इनके और अन्य समकालीन निर्देशकों के बीच बहुत आदर-सम्मान था। वे एक दूसरे के काम को ध्यान से देखते थे, उनकी समीक्षा करते थे, तथा उनके शैलियों से प्रेरणा लेते थे।

राय, जिनके द्वारा भारतीय चलचित्र में एक अनूठी शैली की स्थापना की गयी, की फिल्मों में इतालवी यथार्थवाद (Italian Neorealism) का प्रभाव दिखाई देता है। दूसरी ओर, कुरोसावा, जो निर्देशकों में खुद एक प्रमुख नाम थे, और आज भी ‘रोशोमान’ जैसी फिल्मों के लिए याद किये जाते हैं, का यह कहना था कि ज़िन्दगी में राय की फिल्म न देखना, सूर्य और चन्द्रमा न देखने समान है, और राय के इंसानियत के प्रति प्रेम एवं उसके गहरे अवलोकन की बहुत प्रशंसा भी करते थे।

1857 ग़दर अथवा स्वतंत्रता संग्राम के विषय पर 1977 में बनी ‘शतरंज के खिलाड़ी’ एक लोकप्रिय फिल्म है जिसमें लखनऊ के अतीत का एक काल्पनिक चित्र अमर है। यह राय की पहली हिंदी फिल्म थी, और इसमें वे गंभीर संघर्ष का काल (1856) दर्शाते हैं जब अंग्रेज़, नवाब वाजिद अली शाह के शासन-क्षेत्र पर कब्ज़ा कर रहे थे, और दो ठाकुर, जो नवाब की सहायता करने के ज़िम्मेदार होने चाहिए थे, शतरंज के खेल में मग्न थे।

आज तारीख अगस्त 9 है। अगस्त 6 एवं 9, 1945 में जापान के हिरोशिमा व नागासाकी पर अमरीका द्वारा परमाणु बम गिराए गए थे, जिसके पश्चात दूसरे विश्व युद्ध का अंत हुआ। विश्व में पहली बार इस पैमाने पर मानवीय विनाश हुआ, और आज तक हर अगस्त के महीने में, विभिन्न कलाकृतियाँ हमें इस घटना की याद दिलाती हैं।

कुरोसावा ने अपनी फिल्मों में कलात्मक तरीकों से न्युक्लियर बम की घटना से सम्बंधित हिंसा, संघर्ष, विनाश, आतंक, मायूसी, निराशा, उलझन और मोहभंग जैसे भाव दर्शाये हैं। उनकी ऐसी एक फिल्म है ‘रैपसोडी इन औगस्त’ (अंग्रेज़ी नाम Rhapsody in August) जिसका जापानी नाम है ‘हाचिगात्सु नो रापुसोदी’; ऐसा एक और बड़ा उदाहरण है ‘ड्रीम्स’ (Dreams)। ‘शतरंज के खिलाड़ी’ जैसी फिल्मों की सरलता, मनुष्य की विफलताओं का तीव्र अवलोकन, मनुष्य की हिंसा और मायूसी का विस्तृत चित्र, आदि, विश्व भर की फिल्मों में जंग जैसे विषय को छू गया, खासकर परमाणु बमबारी के विशाल विषय को लेकर कुरोसावा जैसे कलाकारों की फिल्मों में।

संदर्भ:
1.https://en.wikipedia.org/wiki/Rhapsody_in_August
2.https://motherboard.vice.com/en_us/article/ezvbp7/hiroshima-dreams-how-a-cinema-legend-tackled-nuclear-terror
3.http://gregmitchellwriter.blogspot.com/2014/04/marquez-and-kurosawa.html
4.https://www.indiewire.com/2015/05/akira-kurosawa-said-watching-a-satyajit-ray-film-is-like-seeing-the-sun-or-moon-187504/
5.https://www.indiewire.com/2014/08/why-the-best-american-filmmakers-owe-a-debt-to-satyajit-ray-23072/
6.http://sensesofcinema.com/2002/great-directors/ray/

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