इस पृथ्वी पर ऐसी कई प्राकृतिक संरचनाएं हैं, जो वास्तव में अत्यधिक आश्चर्यचकित करती हैं। इन्हीं संरचनाओं में से एक भगवान कृष्ण की माखन गेंद (Krishna's Butterball) भी है, जो वास्तव में कोई गेंद नहीं, बल्कि एक विशाल संतुलित चट्टान है, जिसे अपने साथ जुड़ी किवदंती के कारण भगवान कृष्ण की बटरबॉल नाम दिया गया है।यह विशाल चट्टान पत्थर की नक्काशी के लिए प्रसिद्ध शहर महाबलीपुरम में स्थित है, जिसका वजन लगभग 250 टन माना जाता है। यूं तो यह चट्टान एक चिकनी ढलान पर स्थित है, लेकिन खास बात यह है कि यह अपने स्थान से हिलने या लुढकने को तैयार नहीं, जैसे मानो गुरुत्वाकर्षण का विरोध कर रही हो। इसकी उत्पत्ति अभी तक एक रहस्य बनी हुई है,लेकिन एटलस ऑब्स्कुरा (Atlas Obscura) के अनुसार, यह विशाल चट्टान संभवतः बर्फ द्वारा यहां लाई गई,जिसने पहाड़ी पर एक शांत स्थिति ले ली।अनेकों पर्यटक इस विशाल चट्टान के साथ अपनी तस्वीरें लेते हैं, जिसकी वजह से पर्यटकों के लिए भी यह एक लोकप्रिय चट्टान बन चुकी है।हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण जब छोटे थे, तब वे मक्खन के बेहद शौकीन थे, और उनके द्वारा चुराए गए मक्खन का कुछ हिस्सा यहां गिर गया, जिससे एक विशाल नारंगी पुंज का निर्माण हुआ। इसके अलावा यह भी माना जाता है कि आकाश के देवता ने अपनी शक्ति को साबित करने के लिए इस चट्टान को इस अजीब स्थिति में व्यवस्थित किया है। इस प्रकार इसे वायु देवता के पत्थर (Stone of skyGod) के नाम से भी जाना जाता है। जिस समय तकनीक बहुत मददगार नहीं थी, उस समय भी इस चट्टान को हिलाने के लिए मनुष्य समान रूप से उत्साहित थे।कई शासकों ने चट्टान को हिलाने का प्रयास किया, लेकिन उनके प्रयास व्यर्थ साबित हुए, इस प्रकार इस चट्टान की मजबूती साबित हुई। जब एक चींटी इस चट्टान पर झुकती है तो चट्टान लुढ़कती हुई प्रतीत होती है, लेकिन यह इतनी मजबूती से आधारित है कि सात हाथियों की ताकत भी इसे आगे नहीं बढ़ा पाई।1908 में जब भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था, तब मद्रास के गवर्नर सर आर्थर लॉली (Arthur Lawley) ने इसके नीचे बसे शहर की सुरक्षा के लिए चट्टान को उसके स्थान से हटाने का फैसला किया, तथा उन्होंने इस काम के लिए सात हाथियों का ऑर्डर दिया। लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी चट्टान स्थिर रही।तो आइए इन वीडियो के जरिए इस विचित्र चट्टान के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करें।
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