आज हर कोई कैमरा छायाचित्र के बारे में जानता है। सेल्फी से लेकर उच्च गुणवत्ता तक के अद्भुत् छायाचित्र आज सामान्यजन भी देख व ले सकते हैं। यदि छायाचित्र के इतिहास की बात की जाये तो इसका इतिहास निम्न पुरा-पाषाणकाल तक जाता है जब मनुष्य यायावर जीवन व्यतीत करता था। उस काल से सम्बन्धित चित्रों को देखकर यह पता चलता है कि मानव उस काल में दैनिक दिनचर्या से सम्बन्धित चित्रों को प्रस्तरों पर अंकित करता था।
समय के साथ-साथ चित्रों का अंकन प्रस्तर व दीवारों से हट कर पन्नो पर आ गया। कागज की खोज दूसरी शताब्दी ई.पू. मे हान वंश के समयकाल में हुई थी। उस वक्त के बाद से कई चित्रों आदि का अंकन कागज पर होने लगा। दुनिया की प्रथम पुस्तिका का प्रकाशन सन् 868 ई. में हुआ।
कालांतर में कई पाँडुलिपियों का निर्माण हुआ। भारत में कई प्रकार की चित्रकारियों व विभिन्न विधाओं के उदाहरण मिलते हैं जैसे- पहाड़ी कला, बुँदी कला, कोटा कला, मुग़ल कला आदि। जौनपुर से प्राप्त कल्पसूत्र, पाँडुलिपियों में अत्यन्त महत्वपूर्ण है तथा यह कई छायाओं का संग्रहण करता है।
उपरोक्त दिये गए उदाहरण यह सिद्ध करने हेतु हैं कि छायांकन की शुरुआत कैमरे के खोज से भी हजारों साल पहले हो चुकी थी।
आखिर यह कैमरा होता क्या है?
कैमरा एक प्रकाशीय युक्ति है जिसकी सहायता से कोई स्थिर छवि या चलचित्र खींचा जा सकता है। कैमरा शब्द की उत्पत्ति लैटिन के कैमरा ऑब्स्क्योरा से हुई है। कैमरा ऑब्स्क्योरा का अर्थ है अंधेरा कक्ष। कैमरा सबसे पहले कैमरा ऑब्स्क्योरा के रूप मे आया था। इसका आविष्कार इराकी वैज्ञानिक इब्न-अल-हजैन ने करीब 1015-1021 ई. मे किया था। रॉबर्ट बॉयल और रॉबर्ट हुक ने सन् 1660 के दशक में एक पोर्टेबल कैमरा विकसित किया। यही कैमरा आज कई बदलाव लेते हुए डिजिटल कैमरे का रूप ले चुका है।
एक अन्य कैमरा भी 19वीं शताब्दी के शुरुआत मे खोजा गया था जिसे कैमरा ल्युसीडा या प्रकाश चित्रक नाम से जाना जाता था। इसकी खोज सन् 1807 ई. मे वुलैस्टिन ने की थी। जौनपुर के कई छायाचित्र इसी तकनीकि के द्वारा बनाए गए हैं। जिसमें जौनपुर के अटाला व शाही किला प्रमुख हैं। डैनियल्स ने जौनपुर की प्राचीनतम छायाचित्रों का निर्माण किया था जो आज भी संग्रहालयों में विद्यमान हैं। अटाला मस्जिद का छायांकन डैनियल्स ने सन् 1802 ई. मे किया था।
वर्तमानकाल में कैमरों के निम्नलिखित प्रकार पाये जाते हैं-
1. अंकीय एकतालीय प्रतिबिम्ब कैमरा (डिज़िटल सिंगल लेंस रिफ्लेक्स कैमरा)
2. चलचित्र कैमरा (मूवी कैमरा)
3. एकतालीय प्रतिबिम्ब कैमरा (सिंगल लेंस रिफ्लेक्स कैमरा)
4. खिलौना कैमरा (ट्वाय कैमरा)
5. द्वितालीय प्रतिबिम्ब कैमरा (ट्विन लेंस रिफ्लेक्स कैमरा)।
उपरोक्त दिये कैमरों के अलांवा कुछ अन्य प्रकार के भी कैमरों की भी खोज हुई जिसमें 3 डी कैमरा व 4 डी कैमरा प्रमुख हैं।
1. प्रिहिस्टोरिक पेंटिंग्स ऑफ़ भीमबेटका- यशोधर मठपाल
2. रॉक ऑर्ट ऑफ़ द विन्ध्याज़ : एन आर्कियोलॉजिकल सर्वे डॉक्युमेंटेशन एण्ड एनालिसिस ऑफ़ रॉक आर्ट ऑफ़ मिर्जापुर डिस्ट्रिक्ट, उत्तर प्रदेश
3. सेन्टर्स ऑफ़ पहाड़ी पेंटिंग- चन्द्रमणि सिंह
4. ग्राउंडब्रेकिंग साइंटफिक एक्सपेरिमेंट्स इन्वेंशन्स एण्ड डिस्कवरीज़ ऑफ़ द एन्शियेंट वर्ल्ड, ग्रीनवर्ल्ड प्रेस लंदन
5. डायमंड सूत्र ब्रिटिश लाइब्रेरी
6. पॉप कल्चर ऑफ़ इंडियाः मीडिया आर्ट्स एण्ड लाइफस्टाइल- आशा कसबेकर