वैज्ञानिकों द्वारा खुलासा किया गया है कि कैसे छोटे जीवाणु प्रकृति की बर्फ मशीनों (Machine) से बर्फ के क्रिस्टल (Crystal) को बनाते हैं। ऐसा माना जाता है कि शीत को लाकर ये अविश्वसनीय जीवों द्वारा बादल बनाया जा सकता है और ये बर्फ और बारिश का कारण बनते हैं। स्यूडोमोनास सिरिंगी (Pseudomonas syringae) नामक जीवाणु प्रोटीन की मदद से ऐसे तापमान पर बर्फ के क्रिस्टल बनाते हैं, जिसमें सामान्य रूप से पानी जम नहीं सकता है। स्यूडोमोनास सिरिंगी कृषि फसलों, पौधों, और पेड़ों पर पाए जाते हैं और उनकी बर्फ बनाने की क्षमताओं का उपयोग पाला से क्षति का कारण बनते हैं। उनके द्वारा उत्पन्न किये गए बर्फ के क्रिस्टल मूल रूप से पौधों के ऊतकों को तोड़ देते हैं ताकि जीवाणु पौधों के पोषक तत्वों तक पहुंच सकें। पिछले दशकों में, स्यूडोमोनास सिरिंगी वायुमंडल, साथ ही साथ अमेरिका से यूरोप और यहां तक कि अंटार्कटिका तक विश्व भर से वास्तविक बर्फ में भी पाए गए हैं। डॉ. लिंडो (Dr. Lindow - यूसी बर्कले (UC Berkeley) में एक वनस्पति रोगविज्ञानी) ने अपने स्नातक अध्ययन के दौरान 1970 के दशक में स्यूडोमोनस सिरिंगी की पहली पहचान जैविक बर्फ के न्यूक्लियेटर (Nucleator) के रूप में की थी। उन्होंने पाया कि यह जीवाणु "इना (Ina) नामक प्रोटीन” को उत्पन्न करता है जो पानी को जमाने का कारण बनता है, इससे पौधे की त्वचा नरम होती है जिससे जीवाणु को पौधे के रस को चूसने में मदद मिलती है। लेकिन पानी को जमाने की यह प्रक्रिया यहाँ तक सीमित नहीं है। दरसल यह जीवाणु अपने साथ हर जगह यह जमाने की प्रक्रिया को ले जाता है।
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उनकी बर्फ बनाने वाली शक्तियों को व्यापक रूप से बादल बनाने और बारिश के पीछे का कारण माना जाता है। वायुमंडलीय घटनाओं में इस संभावित महत्वपूर्ण भूमिका के कारण, स्यूडोमोनास सिरिंगी का पिछले वर्षों में बड़े पैमाने पर अध्ययन किया गया है। केवल इतना ही नहीं हमने अपने उद्देश्यों के लिए इन जीवों का भी दोहन किया है: स्यूडोमोनास सिरिंगी का उपयोग विश्व भर के स्की रिसॉर्ट (Ski Resorts) में कृत्रिम बर्फ बनाने के लिए किया जाता है। वहीं कई दशकों से कृषिविदों द्वारा टमाटर और कई अन्य फसलों पर होने वाले "ब्लैक स्पेक" को हटाने के लिए कई संघर्ष किये गए, हालांकि उन्हें यह ज्ञात नहीं था कि यह जीवाणु बारिश का निर्माण करने के लिए अत्यंत आवश्यक है। आसान शब्दों में, यह कहा जा सकता है कि हमारे द्वारा बारिश उत्पन्न करने वाले जीवाणु को मारा जा रहा है ताकि फसलें फूल सकें, साथ ही साथ बारिश, तुषार-वर्षा और बर्फ की घटनाओं को कम कर रहे हैं।
मनुष्यों के हस्तक्षेप से वैसे ही कई महत्वपूर्ण जीव विलुप्त होने की कगार पर हैं और कई विलुप्त हो चुके हैं, ऐसे ही भोजनदायी पौधों के गायब होने और कीटनाशकों के उपयोग से स्यूडोमोनस की बारिश लाने की कार्यक्षमता काफी कम हो गई है। कुछ उदाहरणों से पता चलता है कि मानव गतिविधियों ने स्यूडोमोनस सिरिंगी के आवास को कैसे नष्ट कर दिया है: जैसे विश्व भर में, औद्योगिक कृषि द्वारा कीटनाशकों के उपयोग से स्यूडोमोनस सिरिंगी को मारा जाता है। दक्षिण-पश्चिम और मध्य संयुक्त राज्य (Southwest & Central United States) में औद्योगिकीकरण की वजह से भोजनदायी घास के मैदानों को नष्ट कर दिया जाता है। औद्योगिकीकरण की वजह से हजारों एकड़ में फैले अमेजन (Amazonian) के जंगल का नष्ट होना भी एक मुख्य कारण है।
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हालांकि हम जानते हैं कि ये जीवाणु फसलों को काफी नुकसान पहुंचते हैं, लेकिन इन्हें बिना नुकसान पहुंचाएं हम अपनी फसलों को बचा सकते हैं, निम्न टमाटरों को काले धब्बों से बचाने के उपायें हैं :-
• मिट्टी का पीएच (pH) बहुत अम्लीय या बहुत क्षारीय नहीं होना चाहिए। टमाटर के लिए इष्टतम पीएच स्तर 6.2 और 6.8 के बीच हो। मिट्टी की यह स्थिति टमाटर के पौधे को अधिक कैल्शियम (Calcium) लेने में सक्षम करेगी।
• उर्वरक का अत्यधिक उपयोग न करें।
• मिट्टी को समान रूप से नम रखा जाना चाहिए। नमी का समान स्तर बनाए रखने के लिए मिट्टी के ऊपर गीली घास को उगाया जा सकता है।
• एक अस्थायी उपाय के रूप में टमाटर के पौधों में कैल्शियम स्प्रे (Spray) लगा सकते हैं।
जहाँ स्यूडोमोनस सिरिंगी फसलों को नष्ट कर देते हैं, वहीं इनके द्वारा उत्पन्न कराई गई वर्षा के बिना फसलें जीवित भी नहीं रह सकती हैं। वहीं निरंतर प्रयोग की मदद से हम जल विज्ञान चक्र के भीतर स्यूडोमोनस सिरिंगी की भूमिका के बारे में हमारी समझ को बढ़ा सकते हैं, और बारिश को बनाने की उनकी क्षमता को नष्ट करने के बजाए हम कैसे सुधार सकते हैं।
संदर्भ :-
https://bit.ly/3cvW0Tc
https://bit.ly/2NlZzTn
https://en.wikipedia.org/wiki/Pseudomonas_syringae
https://bit.ly/2Nq65IW
https://bit.ly/2LYojzz
चित्र संदर्भ:
मुख्य चित्र में आइसी लिंगोनबेरी को दिखाया गया है। (विकिपीडिया)
दूसरी तस्वीर में स्यूडोमोनास सिरिंगी को दिखाया गया है। (विकिपीडिया)
तीसरी तस्वीर टमाटर पर काले धब्बों को दिखाती है। (फ़्लिकर)