अफ्रीका सात महाद्वीपों मे से एक है जो की पृथ्वी के पूर्वी गोलार्ध में और एशिया के दक्षिण- पश्चिम मे है। अफ्रीका महाद्वीप एशिया के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा महाद्वीप है। सम्पूर्ण मानव जाति का उद्गम स्थल अफ्रीका को माना जाता है। यहीं के युटोपिया से प्राप्त लूसी का कंकाल विश्व मानव विकास की शोध मे एक मील के पत्थर के रूप मे उभर आता है। भारत और अफ्रिकी देशों के मध्य लगभग 5 हजार साल पुराना रिश्ता है जो की भारत की सिन्धु सभ्यता और अफ्रिका की इजिप्त सभ्यता (मिस्र) के मध्य स्थापित था। भारत और इजिप्त के मध्य, व्यापार के कई साक्ष्य प्राप्त हुये हैं। यह विश्व के दो प्राचीनतम् सभ्यताओं के व्यापारिक सम्बन्ध को प्रदर्शित करते हैं।
वैदिक काल के विवरणों से भी यह तथ्य सामने आता है की भारत का अफ्रिकी देशों के मध्य रिश्ता व्याप्त था। भारत से कालीमिर्च का व्यापार अफ्रिकी देशों के साथ बड़ी संख्या मे होता था। अशोक के बौद्ध धर्म के प्रचार प्रसार को यदि देखा जाए तो इजिप्त और इथोपिया का जिक्र होता है। कुषाण काल के दौरान भारत मे इथोपिया से व्यापार के प्रमाण प्राप्त होते हैं। मेडागास्कर और भारत के मध्य जीव वैज्ञानिक सम्बन्ध महत्वपूर्ण हैं। दोनो देशों मे वृक्षों व जीवों मे कई समानतायें हैं। मोरक्को का रहने वाला इब्न बतूता, मुहम्मद तुग़लक़ के शासन काल मे भारत आया था। उसने अपनी पुस्तक अजायब अल अफ़सार मे भारत के बारे में विस्तार से विवरण प्रस्तुत किया है। तंजानिया से भारत का सम्बन्ध मुग़ल काल मे स्थापित हुआ था। भारत मे अफ्रिकी देशों से बड़ी संख्या मे लोग आये।
जौनपुर पर शासन करने वाले शर्की भी अफ्रीका से ही आये हुये थे। महाराष्ट्र मे आने वाले सिद्धी भी अफ्रीका के ही बाशिंदे थे। भारत मे बाओबाब व अन्य कई प्रकार के पेड जो अफ्रीका महाद्वीप पर ही पाये जाते हैं। उनका भारत मे बड़े पैमाने पर उपलब्ध होना इस बात का द्योतक है की भारत और अफ्रीका के मध्य प्राचीन सम्बन्ध थे। भारत मे आने से पहले वास्को डा गामा अफ्रीका के ही बंदरगाहों से होता हुआ आया था। उसके यात्रा-पुस्तिका मे उसके यात्रा का पूर्ण विवरण लिखित है। वह अफ्रीका के बंदरगाहों से होता हुआ भारत के गोवा व कालिकट बंदरगाह पर गया था। चित्र मे वास्को डा गामा की यात्रा के मानचित्र पर प्रदर्शित किया गया है। युरोपीय देशों से आते हुए या व्यापार के लिये अफ्रीका के बंदरगाहों का प्रयोग बड़े पैमाने पर किया जाता था। वसई से सम्बन्धित विवरणों से यह पता चलता है की लोग अफ्रीका से दासों को भी लाते थे। यहाँ पर यह मान्यता थी की जो ज्यादा अमीर है वह ज्यादा दासों को अपने पास रखता था।
दक्षिण अफ्रीका से भारत का आधुनिक काल मे अत्यन्त गहरा रिश्ता स्थापित हुआ जिसका श्रेय महात्मा गाँधी को जाता है। महात्मा गाँधी का दक्षिण अफ्रीका मे किया गया कार्य अत्यन्त ही महत्वपूर्ण है। वहाँ पर आज भी महात्मा गाँधी के विचारों को मान्यता प्राप्त है तथा लोग उनके विचारों को पढते हैं। भारत के आजादी के बाद भारत और अफ्रिकी देशों में कई प्रकार के सम्बन्ध स्थापित हुए जैसे- अनाज व्यापार, खनिजों का व्यापार आदि। भारत के कई प्रधानमंत्री व अन्य नेता आदि अफ्रीका के भ्रमण पर गयें तथा वहाँ के भी प्रधान आदि भारत के भ्रमण पर आयें। भारत मे अफ्रिकी देशों से कई युवा भारत रोजगार के लिये आते हैं तथा अफ्रिकी देशों मे भी भारत की एक बड़ी आबादी निवास करती है। उपरोक्त सभी बिन्दुओं से यह पता चलता है की भारत और अफ्रिकी देशों के मध्य बहोत पुराना व महत्वपूर्ण रिश्ता है।
1. इंडिया एण्ड वर्ल्ड सिविलाइजेशन- डी पी सिंघल
2. http://indiatoday.intoday.in/education/story/vasco-da-gama/1/449964.html