ऑफ़िस ही नहीं, खेत में भी प्रभावी प्रबंधन, कुशल संसाधन उपयोग व् बेहतर फ़सल पैदावार लाया एआई

संचार एवं संचार यन्त्र
23-04-2025 09:43 AM
ऑफ़िस ही नहीं, खेत में भी प्रभावी प्रबंधन, कुशल संसाधन उपयोग व् बेहतर फ़सल पैदावार लाया एआई

जौनपुर के नागरिकों, एआई-संचालित प्रौद्योगिकी के साथ, आज हमारे देश में कृषि करने का तरीका स्मार्ट और कुशल बन रहा है, जिससे किसानों को कई लाभ हो रहे हैं। एआई-संचालित उपकरणों से किसानों को मिट्टी के स्वास्थ्य की निगरानी करने, मौसम के पैटर्न की भविष्यवाणी करने और फ़सल रोगों का शीघ्र पता लगाने, नुकसान को कम करने और पैदावार बढ़ाने में मदद मिलती है। एआई को अपनाकर, किसान उत्पादकता बढ़ा सकते हैं, लागत कम कर सकते हैं और कृषि को अधिक टिकाऊ बना सकते हैं, जिससे लाभदायक और कुशल कृषि का भविष्य सुनिश्चित हो सके। तो आइए, आज हम भारतीय कृषि में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अर्थात एआई की भूमिका और एआई अपनाने के लिए बढ़ावा देने वाली प्रमुख सरकारी पहलों के बारे में जानते हैं। इसके साथ ही, हम कृषि में एआई के साथ उपयोग की जा रही विभिन्न तकनीकों को समझेंगे। अंत में, हम कृषि क्षेत्र में एआई के फ़ायदों और चुनौतियों की जांच करेंगे।

मेड सैटेलाइट अर्थ स्टेशन | चित्र स्रोत : Wikimedia 

भारत में कृषि में एआई:

वर्तमान में, भारतीय कृषि क्षेत्र में एआई-संचालित परिवर्तन देखे जा रहे हैं। एआई समाधान किसानों को वास्तविक समय डेटा और स्वचालन की सुविधा के साथ सशक्त बना रहे हैं, और मौसम की अप्रत्याशितता और श्रम की कमी जैसी चुनौतियों का समाधान करा रहे हैं। भारत में एआई के नेतृत्व वाली इस कृषि क्रांति को बढ़ावा देने में सरकारी पहल और निजी क्षेत्र की भागीदारी महत्वपूर्ण है। भारत में कृषि परिदृश्य, जो देश की अर्थव्यवस्था की आधारशिला है, एआई संचालित परिवर्तन के एक महत्वपूर्ण दौर से गुज़र रहा है।कृषि बाज़ार में एआई बाज़ार का  मूल्य 2023 में 1.7 बिलियन डॉलर से 23.1% की उल्लेखनीय चक्रवृद्धि वार्षिक दर की अनुमानित बाज़ार वृद्धि के साथ, 2028 तक 4.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की पहल और निजी क्षेत्र की प्रगति, कृषि नवाचार के लिए एआई का लाभ उठाने की भारत की प्रतिबद्धता को उजागर करती हैं:

  • परिशुद्ध कृषि: एक डेटा-संचालित दृष्टिकोण: एआई प्रौद्योगिकियों पर आधारित परिशुद्ध कृषि, किसानों को फ़सल प्रबंधन के बारे में सूचित निर्णय लेने की अनुमति देती है। एआई-संचालित उपकरण सिंचाई, उर्वरक और कीट नियंत्रण को अनुकूलित करने के लिए ड्रोन, सेंसर और उपग्रह इमेजरी से डेटा का विश्लेषण करते हैं। 
  • स्वस्थ फ़सल के लिए फ़सल रोग का निदान: भारत में फ़सल रोग उपज़ हानि का एक प्रमुख कारण रहा है, लेकिन एआई से इस स्थिति में परिवर्तन आ रहा है। मशीन लर्निंग एल्गोरिदम का उपयोग करके गेहूं की फ़सलों में पीले रतुआ जैसी बीमारियों की समय पर पहचान करना आसान हो गया है। एआई-आधारित कीट निगरानी प्रणाली भारतीय किसानों को जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाले नुकसान से निपटने में भी मदद कर रही है।
  • स्वचालित खरपतवार नियंत्रण प्रणाली: एआई संचालित प्रणालियां फसलों से खरपतवारों को अलग करने के लिए कंप्यूटर विझन का उपयोग करती हैं और चुनिंदा रूप से जैविक  उर्वरकों को लागू करती हैं, जिससे लागत और पर्यावरणीय क्षति दोनों कम हो जाती हैं।
  • पशुधन स्वास्थ्य निगरानी: एआई के लाभ पशुधन प्रबंधन तक विस्तारित हैं, जो भारतीय कृषि का एक महत्वपूर्ण घटक है। उन्नत सेंसर-आधारित प्रणालियाँ और छवि पहचान प्रौद्योगिकियाँ वास्तविक समय में पशुधन के व्यवहार और स्वास्थ्य की निगरानी करती हैं। ये प्रणालियाँ बीमारियों के शुरुआती लक्षणों का पता लगाती हैं, जिससे किसानों को त्वरित कार्रवाई करने और पशुधन उत्पादकता सुधारने में मदद मिलती है। में सुधार करने में मदद मिलती है।
स्पेन में कृषि निगरानी | चित्र स्रोत : Wikimedia 

एआई अपनाने के लिए बढ़ावा देने वाली सरकारी पहल:

भारत सरकार एआई को कृषि में एकीकृत करने में सक्रिय भूमिका निभा रही है। हाल ही में, केंद्रीय सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवा, कृषि और टिकाऊ शहरों पर केंद्रित तीन 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उत्कृष्टता केंद्रों' (Artificial Intelligence Centres of Excellence (CoEs) की स्थापना की घोषणा की गई।यह पहल, 'मेक एआई इन इंडिया और मेक एआई वर्क फॉर इंडिया' (Make AI in India and Make AI Work for India) दृष्टिकोण का हिस्सा है, जिसे वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2027-28 तक 990 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय द्वारा समर्थित किया जाएगा। इसके प्रमुख उद्देश्यों में किसानों को एआई-संचालित समाधानों के साथ सशक्त बनाना है। इसके अलावा,सरकार द्वारा निम्नलिखित परियोजनाएं भी चलाई जा रही हैं:

किसान ई-मित्र चैटबॉट: यह किसानों के लिए एक एआई-संचालित सहायक है, जो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना और अन्य सरकारी पहलों से संबंधित प्रश्नों के लिए बहुभाषी सहायता प्रदान करता है।

एआई-आधारित फ़सल स्वास्थ्य निगरानी: यह व्यापक फ़सल स्वास्थ्य मूल्यांकन के लिए सैटेलाइट डेटा, मौसम की स्थिति और मिट्टी की नमी के स्तर की जानकारी प्रदान करती है।

राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली: यह कीट-संबंधी चुनौतियों का पता लगाने और उन्हें कम करने के लिए मशीन लर्निंग का उपयोग करती है।

कृषि में एआई आधारित प्रौद्योगिकियां:

मशीन लर्निंग और विश्लेषणात्मक पूर्वानुमानमशीन लर्निंग एल्गोरिदम भविष्य के परिणामों की भविष्यवाणी करने के लिए मौसम पूर्वानुमान, मिट्टी के नमूने और फ़सल की स्वास्थ्य रिपोर्ट के जैसे विभिन्न स्रोतों से बड़ी मात्रा में डेटा का विश्लेषण करते हैं। पूर्वानुमानित विश्लेषण किसानों को रोपण, उर्वरक और कटाई के बारे में सूचित निर्णय लेने में मदद करते हैं।

कंप्यूटर विन और छवि पहचान: कृषि में, कंप्यूटर विझन तकनीक का उपयोग फ़सल के स्वास्थ्य की निगरानी करने, कीटों और बीमारियों का पता लगाने तथा छवि विश्लेषण के माध्यम से मिट्टी की स्थिति का आकलन करने के लिए किया जाता है।

रोबोटिक्स और स्वचालन: रोबोटिक प्रणाली से उच्च परिशुद्धता और दक्षता के साथ रोपण, निराई और कटाई जैसे श्रम-गहन कार्य किए जाते हैं। स्वचालन से शारीरिक श्रम पर निर्भरता कम होती है और उत्पादकता बढ़ती है।

इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और सेंसर: आईओटी उपकरण और सेंसर मिट्टी की नमी, तापमान और आर्द्रता जैसे विभिन्न मापदंडों पर वास्तविक समय का डेटा एकत्र करते हैं। यह डेटा परिशुद्ध कृषि के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे किसानों को दूर से अपने खेतों की निगरानी और प्रबंधन करने की सुविधा मिलती है।

मौसम अनुमान यंत्र | चित्र स्रोत : Wikimedia 

कृषि में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फ़ायदे और नुकसान:

कृषि में एआई से होने वाले विभिन्न फायदों और नुकसान को निम्न तालिका के माध्यम से संक्षेप में समझा जा सकता है:

 फ़ायदेनुकसान
1परिशुद्ध कृषि और डेटा-संचालित निर्णय से कम संसाधनों के साथ अधिक उत्पादनउच्च प्रारंभिक निवेश लागत
2बेहतर फसल प्रबंधन और उपज की भविष्यवाणी

प्रौद्योगिकी पर निर्भरता

 

3संसाधनों का कुशल उपयोगकृषि में संभावित नौकरी विस्थापन
4कीट और रोगों का समय पर निदान और नियंत्रणकृषि पद्धतियों के साथ एआई एकीकरण में चुनौतियां
5श्रम प्रधान कार्यों का स्वचालनछोटे पैमाने के किसानों के लिए सीमित पहुंच
6उन्नत फ़सल निगरानी और रिमोट सेंसिंगडेटा गोपनीयता और सुरक्षा जोखिम
7जलवायु-अनुकूलित कृषिएआई भविष्यवाणियों पर अत्यधिक निर्भरता

 

संदर्भ 

https://tinyurl.com/3j8nsyra

https://tinyurl.com/ysa9ps66

https://tinyurl.com/yevk6z69

मुख्य चित्र स्रोत : WIkimedia 

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