
समयसीमा 250
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 978
मानव व उसके आविष्कार 756
भूगोल 244
जीव - जन्तु 281
जौनपुर के अधिकांश दूध व्यापारी, गाय, भैंस और बकरी के बारे में तो जानते हैं, लेकिन गधे के दूध के अनोखे गुणों और इसकी ऊँची कीमत से अनजान हैं। आइए बहुत कम लोग हैं, जिन्हें इसकी पौष्टिकता और औषधीय लाभों की जानकारी है, जबकि यह दूध, कई मामलों में हमारे लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है। आज के इस लेख में सबसे पहले हम जानेंगे कि क्या भारत में इसकी मांग सच में बढ़ रही है, और किसान इसके माध्यम से मुनाफ़ा कैसे कमा सकते हैं? फिर हम जानेंगे कि आखिर गधे के दूध को इतना महत्वपूर्ण क्यों माना जाता है, इसके स्वास्थ्य लाभ क्या हैं, और किन विशिष्ट मापदंडों में यह बेहतर विकल्प साबित हो सकता है? इसके बाद, हम ग्लोबल स्किनकेयर (Skincare) और सौंदर्य प्रसाधन (Cosmetics) उद्योग में इसकी प्रमुखता पर नज़र डालेंगे। फिर अंत में, हम जानेंगे कि जौनपुर में गधा फ़ार्म स्थापित करने की लागत कितनी होगी और यह किसानों के लिए एक नया, स्थायी व्यवसाय बन सकता है या नहीं।
आइए सबसे पहले जानते हैं कि भारत में गधे के दूध की कीमत कितनी है?
बेंगलुरु स्थित "तक्ष्वी एग्री प्रोडक्ट्स (Taksvi Agri Products)" नामक एक कंपनी आज गधे का दूध और दूध पाउडर बेच रही है। इसका फ़ार्म कोलार में स्थित है, जबकि प्रसंस्करण इकाई हैदराबाद में और मुख्य कार्यालय बेंगलुरु के नंदिनी लेआउट में है।
इनके द्वारा बेचे जा रहे गधे के दूध की कीमत नीचे दी गई हैं:
-250 मिलीलीटर – ₹1,000
-500 मिलीलीटर – ₹2,000
- 1 लीटर – ₹ 3,200
इस दूध को बर्फ से भरे थर्मोकोल के डिब्बों में पैक कर ग्राहकों तक पहुँचाया जाता है। इसके अलावा, गधे के दूध का पाउडर भी उपलब्ध है, जिसकी कीमत ₹30,000 प्रति आधा किलो है। फ़िलहाल, इस कंपनी ने अपनी सेवाएँ केवल दक्षिणी बेंगलुरु तक ही सीमित रख रही हैं ।
गधे का दूध इतना महंगा क्यों है, इसका अंदाज़ा आपको इसकी ख़ूबियों को जानने के बाद लगेगा! गधे का दूध सेहत के लिए बेहद फ़ायदेमंद माना जाता है। यह कई आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो शरीर को मज़बूत और स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं।
इसके प्रमुख लाभों में शामिल हैं—
गधे का दूध पोषण से भरपूर, आसानी से पचने वाला और त्वचा के लिए लाभकारी होता है। इसके सूजनरोधी गुण और कम वसा सामग्री, इसे स्वास्थ्य के लिए एक बेहतरीन विकल्प बनाते हैं। यदि आप एक प्राकृतिक और स्वास्थ्यवर्धक विकल्प की तलाश में हैं, तो गधे का दूध, एक अच्छा समाधान हो सकता है।
आइए अब आपको वैश्विक व्यक्तिगत देखभाल उद्योग में गधे के दूध की भूमिका से परिचित कराते हैं:
आज की तारीख में गधे का दूध, सौंदर्य और व्यक्तिगत देखभाल से संबंधित उत्पादों में एक प्रमुख घटक बन चुका है। इसका उपयोग विशेष रूप से साबुन, क्रीम, सौंदर्य प्रसाधन और मॉइस्चराइज़र जैसे स्किनकेयर उत्पादों में किया जाता है। ये उत्पाद प्रीमियम श्रेणी में आते हैं, क्योंकि इनकी कीमत अपेक्षाकृत अधिक होती है। उदाहरण के लिए, 100 ग्राम साबुन की कीमत ₹500 से ₹1000 तक हो सकती है।
यूरोपीय बाज़ार में गधे के दूध से बने उत्पादों की सबसे बड़ी रेंज उपलब्ध है, जहाँ फ्रांस इस उद्योग में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। वहीं, एशियाई बाज़ार में भी इसकी मांग तेज़ी से बढ़ रही है। थाईलैंड, मलेशिया, दक्षिण कोरिया और चीन में इसे ख़ासतौर पर एंटी-एजिंग उत्पादों में खूब पसंद किया जा रहा है। इसके अलावा, रूस और पूरे यूरोप में भी इसकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है।
आइए, अब जानते हैं कि जौनपुर में गधा फार्म स्थापित करने की लागत कितनी आ सकती है ?
यदि आप जौनपुर में गधा फार्म शुरू करना चाहते हैं, तो सबसे पहले गधों के लिए एक सुरक्षित आश्रय और उनके चारे की उचित व्यवस्था करना आवश्यक होगा। गधा पालन, एक लाभदायक व्यवसाय बन सकता है, क्योंकि गधे के दूध की कीमत, बाज़ार में काफ़ी ऊँची है। एकगधे की औसत आयु, 20 से 25 वर्ष होती है और इसे गाय या बकरी की तुलना में कम खर्च में पाला जा सकता है। इसके अलावा, गधे की लीद और मूत्र भी अपने औषधीय गुणों के कारण महंगे दामों पर बेचे जाते हैं।
गधे से मिलने वाले उत्पादों की कीमतें इस प्रकार हैं:
- गधे के दूध की कीमत – ₹5,000 - ₹7,000 प्रति लीटर
- गधे के मूत्र की कीमत – ₹500 - ₹600 प्रति लीटर
- गधे की लीद (जैविक खाद) की कीमत – ₹600 - ₹700 प्रति किलो
गधा पालन के लिए 30 फ़ीट चौड़ा और 70 फ़ीट लंबा शेड पर्याप्त होता है, जिसकी निर्माण लागत, लगभग ₹50,000 पड़ती है।इस व्यवसाय को शुरू करने में लगभग ₹2.5 लाख का खर्चा आ सकता है। अच्छी बात यह है कि गधे पहले दिन से ही मुनाफ़ा देना शुरू कर सकते हैं। कुल मिलाकर, गधे के दूध की बढ़ती मांग और सीमित आपूर्ति, इसे एक आकर्षक और लाभदायक व्यवसाय बना रही है। यदि सही तरीके से निवेश किया जाए और अच्छी रणनीति अपनाई जाए, तो गधा पालन, जौनपुर के किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर साबित हो सकता है।
संदर्भ
https://tinyurl.com/2brscehf
https://tinyurl.com/26uclwwn
https://tinyurl.com/2765mehl
मुख्य चित्र स्रोत : Wikimedia
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.