जौनपुर में अपनी खूबसूरती और जीवंत रंगों के लिए लोकप्रिय है लिली !

बागवानी के पौधे (बागान)
01-04-2025 09:27 AM
जौनपुर में अपनी खूबसूरती और जीवंत रंगों के लिए लोकप्रिय है लिली !

लिली के फूल दुनिया में सबसे लोकप्रिय फूलों में से एक हैं, जो अपनी सुंदरता और विविधता के लिए जाने जाते हैं। भारत में, लिली के विभिन्न प्रकार उगाए जाते हैं, जो बगीचों, धार्मिक समारोहों और उत्सवों की सजावट में सुंदरता का स्पर्श जोड़ते हैं। अपनी नाज़ुक पंखुड़ियों और सुखदायक खुशबू के कारण, लिली के फूल मंदिरों में ईष्ट को अर्पित करने के साथ-साथ किसी भी स्थान की सजावट के लिए पसंद किए आते हैं। अपनी सजावटी अपील, जीवंत रंगों और गहरे सांस्कृतिक महत्व से परे, लिली के कुछ प्रकार अपने औषधीय लाभों के लिए जाने जाते हैं। इनका उपयोग त्वचा की देखभाल और तनाव से राहत के लिए पारंपरिक उपचारों में किया जाता है। तो आइए, आज लिली के बारे में संक्षिप्त रूप से जानते हैं और भारत में लिली के शीर्ष उत्पादक राज्यों के बारे में समझते हुए, भारत से लिली के निर्यात पर चर्चा करेंगे। इसके साथ ही, हम भारत में पाई जाने वाली लिली की विभिन्न किस्मों के बारे में जानेंगे। अंत में, हम लिली को घर में उगाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बागवानी युक्तियों पर प्रकाश डालेंगे, जिसमें आवश्यक देखभाल और विकास तकनीकें शामिल होंगी। 

जीनस लिलियम (Genus Lilium) या संक्षेप में लिली के पौधे सामान्यतः बल्बों से उगने वाले जड़ी-बूटी वाले फूल वाले पौधे हैं। लिली परिवार लिलियासी (Liliaceae) की लगभग 110 प्रजातियां होती हैं। लिली का वैज्ञानिक नाम (लिलियम मिशिगनेंस (Lilium michiganense) है। यह पौधा उत्तरी समशीतोष्ण क्षेत्रों का मूल निवासी है।

 टाइगर लिली | चित्र स्रोत : Wikimedia 

भारत में लिली उत्पादक राज्य:

लिली का फूल सुंदरता, अनुग्रह, आशा और जीवन का प्रतीक है। ये फूल अपने विभिन्न रंगों, सुगंध और एक सप्ताह तक लंबे जीवन के कारण, भारतीय फूल बाज़ार में अत्यंत लोकप्रिय हैं। इसी कारण भारत में कई राज्य जैसे, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, सिक्किम और पश्चिम बंगाल में व्यावसायिक पैमाने पर इनकी खेती की जाती है।

भारत से लिली का निर्यात:

भारत निर्यात डेटा के अनुसार, मार्च 2023 से फ़रवरी 2024 तक भारत से लिलियम के 241 नौभार का निर्यात हुआ। ये निर्यात 20 भारतीय निर्यातकों द्वारा 35 खरीदारों को किए गए, ये आंकड़े पिछले बारह महीनों की तुलना में 41% की वृद्धि दर को दर्शाते हैं। इस अवधि में, अकेले फ़रवरी 2024 में, भारत से 37 लिली नौभार का निर्यात किया गया, जो फ़रवरी 2023 की तुलना में 76% की साल-दर-साल वृद्धि को दर्शाता है। भारत से अधिकांश लिली का निर्यात नेपाल, नीदरलैंड और भूटान को होता है। वहीं, विश्व स्तर पर, नीदरलैंड, कोलंबिया और चिली लिली के शीर्ष तीन निर्यातक हैं।

भारत में पाए जाने वाले लिली के विभिन्न प्रकार:

भारत में कई प्रकार की लिली पाई जाती हैं, और प्रत्येक लिली की अपनी अनूठी सुंदरता और विशेषताएँ होती हैं। यहां भारत में उगाई जाने वाली लिली के विभिन्न प्रकार हैं:

चित्र स्रोत : Wikimedia 
  • एशियाई लिली: यह भारत में पाई जाने वाली सबसे लोकप्रिय लिली में से एक है। ये फूल अपने चमकीले, जीवंत रंगों के लिए प्रसिद्ध हैं, जो आमतौर पर पीले, गुलाबी और नारंगी रंगो के होते हैं। एशियाई लिली को उगाना और इसकी देखभाल करना आसान होता है, जिसके कारण यह बागवानों के बीच अत्यधिक पसंद की जाती है है।
चित्र स्रोत : Wikimedia 
  • ओरिएंटल लिली (Oriental Lily): यह भारत में पाई जाने वाली लिली का एक अन्य लोकप्रिय प्रकार है। अपने बड़े, आकर्षक फूलों और तेज़ खुशबू के कारण, इसे सजावट के लिए बेहद पसंद किया जाता हैं। इस लिली को उगाना और इसकी देखभाल करना भी आसान है, लेकिन एशियाई लिली की तुलना में इन्हें थोड़ा अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
चित्र स्रोत : Wikimedia 
  • ट्रम्पेट लिली (Trumpet Lily): ट्रम्पेट लिली अपने ट्रम्पेट के आकार के फूलों और तेज़ सुगंध के लिए जानी जाती है। इस लिली को उगाना और इसकी देखभाल करना आसान है, लेकिन अन्य लिली की तुलना में थोड़ी अधिक जगह की आवश्यकता होती है, क्योंकि इनके फूल काफ़ी बड़े हो सकते हैं।

लिली के लिए बागवानी युक्तियां:

अन्य पौधों की तुलना में, लिली की देखभाल करना अपेक्षाकृत आसान है, लेकिन, इनके सही रूप से पनपने के लिए कुछ महत्वपूर्ण ध्यान देने की भी आवश्यकता होती है। यहाँ लिली की देखभाल के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं:

  • रोपण: लिली को भरपूर धूप वाले स्थान पर, अच्छी जल निकासी वाली उपजाऊ मिट्टी में लगाया जाना चाहिए। लिली के पौधे को पतझड़ या शुरुआती वसंत में लगाया जाना चाहिए, और बल्बों को लगभग 6 इंच गहराई में रोपित किया जाना चाहिए।
  • पानी: लिली को नियमित रूप से पानी देने की आवश्यकता होती है, खासकर पौधे के विकास के दौरान। इन्हें सप्ताह में एक बार अच्छे से पानी देना चाहिए, और मिट्टी को नम रखना चाहिए, लेकिन जलभराव नहीं होने देने चाहिए।
चित्र स्रोत : pxhere
  • निषेचन: लिली को महीने में एक बार संतुलित उर्वरक के साथ निषेचित किया जाना चाहिए। इससे पौधे का विकास अच्छा होता है और फूल भी भरपूर मात्रा में आते हैं।
  • छंटाई: लिली को अधिक छंटाई की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन स्वस्थ विकास को बढ़ावा देने के लिए मृत या पीली पत्तियों या तनों को हटा देना चाहिए।

 

संदर्भ: 

https://tinyurl.com/pvfa79zj

https://tinyurl.com/55smrptb

https://tinyurl.com/34kxzdaw

https://tinyurl.com/3ahmt3je

मुख्य चित्र: टाइगर लिली (Wikimedia) 

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