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'सेनेट' (Senet) एक बोर्ड गेम है, जिसे प्राचीन मिस्र में खेला जाता था! इस खेल के अवशेषों को तूतनखामुन के मकबरे में खोजा गया था। इससे जुड़ी एक खास बात यह है कि इस खेल की कोई संरक्षित नियम पुस्तिका उपलब्ध नहीं है। इसकी खोज के बाद से, लोग केवल अनुमान ही लगाते रहे हैं कि इसे कैसे खेला जाता था। ऐसे खेलों को अनिर्धारित गेम (Undeciphered games) कहा जाता है। आज के इस लेख में, हम ‘सेनेट’ के बारे में विस्तार से जानेंगे। इसके बाद, इसके महत्व को समझेंगे। फिर, हम यह भी देखेंगे कि प्राचीन काल में इसे कैसे खेला जाता होगा। इसके अलावा, हम हाउंड्स और जैकल्स (Hounds and Jackals) तथा मेहेन (Mehen) जैसे अन्य प्रसिद्ध मिस्री खेलों के बारे में भी जानेंगे। अंत में हम, हम, खेत (Khet) नामक एक आधुनिक मिस्री बोर्ड गेम और इसके नियमों पर चर्चा करेंगे।
सेनेट, प्राचीन मिस्र का एक प्रसिद्ध खेल था। इस खेल को पूर्व-राजवंशीय (Predynastic Period) काल से लेकर लेट काल (Late Period (664-332 ईसा पूर्व)) तक खेला जाता रहा। इस खेल के बोर्ड में दस वर्गों की तीन पंक्तियाँ होती थीं। अंतिम पाँच वर्ग विशेष रूप से सजाए गए होते थे। खिलाड़ी, अपने मोहरों को S-आकार ( बूस्ट्रफ़ीडन (boustrophedon)) में घुमाते थे।
नए साम्राज्य युग (New Kingdm Era (लगभग 1550-1070 ईसा पूर्व)) के दौरान, सेनेट का अर्थ "गुज़रना" माना जाने लगा! इसे मृत्यु के बाद की यात्रा से जोड़ा गया। इस खेल से जुड़े दृश्य, बुक ऑफ़ द डेड (Book of the Dead) के अध्याय 17 में देखे जा सकते हैं। इसके चित्र कब्रों की दीवारों पर भी बनाए गए हैं। हालाँकि सेनेट और मेहेन मुख्य रूप से मिस्र में लोकप्रिय थे, लेकिन इसके कुछ भिन्न रूप लेवेंट और साइप्रस जैसे पड़ोसी क्षेत्रों में भी पाए गए।
आइए, अब सेनेट के महत्व और इसे खेलने की प्रक्रिया को समझते हैं:
सेनेट, दो खिलाड़ियों द्वारा खेला जाने वाला एक प्राचीन खेल था। इसमें प्रत्येक खिलाड़ी, पाँच या सात खेल सामग्री (गेम पीस) का उपयोग करता था और तीस वर्गों वाले बोर्ड पर अपने प्रतिद्वंद्वी का सामना करता था। इस खेल का मुख्य उद्देश्य अपने सभी पीस को बोर्ड के दूसरे छोर तक पहुँचाना और प्रतिद्वंद्वी को ऐसा करने से रोकना था।
नए साम्राज्य युग की कलाकृतियों में इस खेल का चित्रण मिलता है। इनमें सेनेट खेलते हुए राजघराने के लोगों को दिखाया गया है। इसका सबसे प्रसिद्ध उदाहरण रामेसेस द्वितीय (Ramesses II) की पत्नी, रानी नेफ़रतारी (Queen Nefertari (लगभग 1255 ईसा पूर्व)) की कब्र की भित्तिचित्रों में देखा जा सकता है।
सेनेट बोर्ड, प्राचीन मिस्र के प्रारंभिक राजवंश काल से लेकर अंतिम काल (525-332 ईसा पूर्व) तक उपयोग किए जाते रहे। ये बोर्ड, मिस्र की सीमाओं से बाहर अन्य क्षेत्रों की शाही कब्रों में भी पाए गए हैं! इससे इसकी व्यापक लोकप्रियता का पता चलता है।
नए साम्राज्य युग के दौरान, सेनेट को केवल एक खेल के तौर पर ही नहीं, बल्कि जीवन से अनंत काल की यात्रा का प्रतीक माना जाने लगा। वास्तविक गेम बोर्ड पर मिले ग्रंथ, शिलालेख और उत्कीर्णन इस विश्वास को दर्शाते हैं। मिस्र की धार्मिक पुस्तक द इजिप्शियन बुक ऑफ़ द डेड (The Egyptian Book of the Dead) के मंत्र 17 के शुरुआती भाग में सेनेट का उल्लेख मिलता है। यह दर्शाता है कि, इस खेल का संबंध परलोक और देवताओं से भी था।
आइए, अब प्राचीन मिस्र के कुछ अन्य लोकप्रिय बोर्ड गेमों के बारे में जानते हैं:
1.) हाउंड्स और जैकल्स (Hounds and Jackals): यह खेल दो खिलाड़ियों के बीच खेला जाता था। इसका बोर्ड, ढाल के आकार का होता था और दो ट्रैक्स में बंटा होता था, हर खिलाड़ी के लिए एक ट्रैक। प्रत्येक ट्रैक में 29 छेद (19 का बाहरी क्रम और 10 का आंतरिक) होते थे। बीच में एक साझा 30वाँ छेद होता था, जो फिनिश लाइन को दर्शाता था।
इस खेल में उपयोग किए जाने वाले खूंटे, लंबे और नुकीले होते थे। पाँच खूंटों पर सियार (जैकल) का सिर बना होता था, जबकि बाकी पाँच पर कुत्ते (हाउंड) का सिर। हर खिलाड़ी को अपने 5 खूंटों को फिनिश तक पहुँचाना होता था। खेल को रोचक बनाने के लिए कुछ विशेष छेदों को शॉर्टकट या बाधा के रूप में डिज़ाइन किया गया था। उदाहरण के लिए, छेद 6 और 20 तथा छेद 8 और 10 को जोड़ने वाली रेखाएँ किसी खिलाड़ी के लिए लाभदायक शॉर्टकट बन सकती थीं या फिर उसे पीछे भी कर सकती थीं। इसी तरह, छेद 15 और 25 पर बने हाइरोग्लिफ़ चिह्न अतिरिक्त चाल का संकेत देते थे। इस खेल का आविष्कार लगभग 2100 ईसा पूर्व में हुआ था। धीरे-धीरे यह पूरे निकट पूर्व (मध्य पूर्व) में फैल गया और लोकप्रिय हो गया।
2.) मेहेन (Mehen): मेहेन को "सर्प खेल" भी कहा जाता है! यह प्राचीन मिस्र के सबसे पुराने खेलों में से एक था। इसे गोलाकार बोर्ड पर खेला जाता था, जिसमें बीच में साँप का सिर बना होता था और उसका कुंडलित शरीर छोटे वर्गों में विभाजित होता था। यह एकमात्र ज्ञात मल्टी-प्लेयर (एक से अधिक खिलाड़ी वाला) खेल था। इसे छह शेर के आकार के गेमिंग पीस और छह मार्बल के साथ खेला जाता था। हालांकि, इन पीस का सही उपयोग कैसे किया जाता था, यह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है।
पुरानी कब्रों में मिले चित्रों के आधार पर यह समझा जाता है कि यह खेल रणनीति पर आधारित था। खेल में किसी चीज़ को पकड़ने का तत्व भी शामिल था—संभावना है कि खिलाड़ियों को एक-दूसरे के टुकड़ों को पकड़ना पड़ता होगा।
खेत (Khet): खेत शतरंज जैसा ही एक अमूर्त रणनीतिक बोर्ड गेम होता है। इसमें लेज़र का उपयोग किया जाता है। पहले इसे " डिफ़्लेक्शन" (Deflexion) नाम से जाना जाता था।
इस खेल में खिलाड़ी बारी-बारी से खेल के मैदान में मिस्र-थीम वाले मोहरों को घुमाते हैं। प्रत्येक चाल के बाद, वे अपने कम-शक्ति वाले लेज़र डायोड को फ़ायर करते हैं। अधिकतर मोहरों के एक या अधिक किनारों पर शीशे (मिरर) लगे होते हैं। इससे खिलाड़ी लेज़र की दिशा बदल सकते हैं। अगर लेज़र किसी मोहरे के गैर-मिरर वाले हिस्से से टकराता है, तो वह मोहरा खेल से बाहर हो जाता है।
खेत को कैसे खेला जाता है ?
इस खेल में सिल्वर खिलाड़ी, हमेशा पहला कदम उठाता है। प्रत्येक बारी में दो क्रियाएँ होती हैं। पहले, खिलाड़ी एक मोहरे को एक वर्ग आगे बढ़ा सकता है या उसे 90 डिग्री घुमा सकता है। यह केवल उन्हीं सीमाओं के भीतर संभव होता है, जो खेल के नियमों के अनुसार अनुमत हैं। इसके बाद, खिलाड़ी अपने स्फिंक्स का उपयोग करके लेज़र फ़ायर करता है।
लेज़र फ़ायर करने से पहले, खिलाड़ी को उसके रास्ते की कल्पना कर लेनी पड़ती है। यदि योजना सही नहीं बनी, तो खुद के ही मोहरों को हिट करना आसान हो सकता है। अगर लेज़र किसी पिरामिड के गैर-परावर्तक हिस्से से टकराता है, तो वह मोहरा खेल से बाहर हो जाता है। यही नियम, फ़िरौन (Pharaoh) और अनुबिस (Anubis) पर भी लागू होता है, यदि उन्हें किनारे से मारा जाए। हालांकि, स्कारब (Scarabs) और (Sphinxes) लेज़र से सुरक्षित रहते हैं।
एक महत्वपूर्ण नियम यह है कि प्रत्येक बारी में लेज़र फ़ायर करना अनिवार्य होता है, भले ही उससे खुद के किसी मोहरे को नुकसान पहुँच जाए। लेज़र बीम हर दर्पण सतह पर दाएँ या बाएँ मुड़ती है और तब तक घूमती रहती है, जब तक उसके मार्ग में परावर्तक सतहें मौजूद होती हैं। यह बीम कोणीय मार्ग के बजाय सीधी पंक्तियों या स्तंभों का अनुसरण करने के लिए डिज़ाइन की गई होती है।
खेल में जीतने के लिए, केवल अपने फ़िरौन की सुरक्षा करना पर्याप्त नहीं है। आपको अपने और प्रतिद्वंद्वी के मोहरों का उपयोग करके ऐसा दर्पण मार्ग बनाना होगा, जिससे आपका लेज़र सीधा प्रतिद्वंद्वी के कमज़ोर मोहरे से टकराए। हालांकि, यह आसान नहीं होता।
प्रतिद्वंद्वी आपके रास्ते में अपने मोहरे रख सकता है या अपने दर्पणों को घुमाकर आपके लेज़र की दिशा बदल सकता है। साथ ही, कुछ स्थान ऐसे होते हैं, जो सीमा से बाहर माने जाते हैं। जिन वर्गों में लाल रंग का होरस प्रतीक होता है, वहाँ कोई मोहरा नहीं रखा जा सकता। यह प्रतिद्वंद्वी के फ़िरौन या अनुबिस को खत्म करने को और कठिन बना देता है।
संदर्भ:
https://tinyurl.com/tmnzvpa
https://tinyurl.com/y9pxd6j6
https://tinyurl.com/26yan3s
https://tinyurl.com/ocq9hvt
https://tinyurl.com/289rr9tf
मुख्य चित्र: सिएटल, यू इस ए के पैसिफ़िक साइंस सेंटर (Pacific Science Center) में राजा तूतनखामुन से संबंधित प्राचीन मिस्र के खेल सेनेट का एक बॉक्स (Wikimedia)
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