खुद को जीवित रखने के लिए, पेड़-पौधे, आज़माते हैं, गज़ब के पैंतरे

व्यवहारिक
23-01-2025 09:19 AM
खुद को जीवित रखने के लिए, पेड़-पौधे, आज़माते हैं, गज़ब के पैंतरे

तितलियों और मधुमक्खियों जैसे परागणकर्ताओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए, पौधे बड़े ही अनोखे तरीके अपनाते हैं। पौधे इन्हें इसलिए आकर्षित करते हैं, ताकि इनकी मदद से वे प्रजनन कर सकें। पौधे, अलग-अलग रंगों, गंध और आकार के होते हैं। इन विशेषताओं से मधुमक्खियां, तितलियां, पक्षी और चमगादड़ जैसे परागणकर्ता उनकी ओर आकर्षित होते हैं। उदाहरण के तौर पर, चमकीले और रंगीन फूल, जिनसे अच्छी गंध आती है, मधुमक्खियों को अपनी ओर खींचते हैं। वहीँ ट्यूब की तरह दिखने वाले फूल, हमिंगबर्ड को आकर्षित करते हैं।
आज के इस रोचक लेख में हम देखेंगे कि, ‘पौधे खास परागणकर्ताओं को अपनी ओर कैसे खींचते हैं।’ इनके पास कौन-कौन सी विशेषताएं हैं जो परागण में इनकी मदद करती हैं।
इसके बाद, हम समझेंगे कि कीटभक्षी या मांसाहारी पौधे (Carnivorous plants) अपना भोजन कैसे पकड़ते हैं। अंत में, हम जानेंगे कि पौधे खुद को खाने वाले जानवरों को कैसे दूर रखते हैं। 

चलिए सबसे पहले जानते हैं कि पौधे, परागणकर्ताओं को अपनी ओर क्यों और कैसे खींचते हैं?
नए पौधों के बीज बनाने के लिए, पौधों को परागण की ज़रूरत होती है। परागण का मतलब 'पराग को पौधे के नर भाग से मादा भाग में पहुँचाना' होता है। पौधों में परागण के कई तरीके होते हैं। परागण के लिए कुछ पौधे हवा या पानी का उपयोग करते हैं। लेकिन परागण करने के लिए पशु और कीट अधिक प्रभावी साबित होते हैं। जब कीट एक पौधे से दूसरे पौधे पर जाते हैं, तो वे पराग को भी अपने साथ लेकर जाते हैं।
पौधों को इन कीटों और जानवरों को अपनी ओर आकर्षित करने की ज़रूरत होती है। इसके लिए वे चमकीले फूलों या अपनी दूसरी किसी खास विशेषता का इस्तेमाल करते हैं। चमगादड़, मधुमक्खियाँ, तितलियाँ और अन्य कीट इन पौधों पर आते हैं।

परागण के लिए फूलों वाले पौधे अपने फूलों का उपयोग करते हैं। साथ वे पंखुड़ियों, बाह्यदल और अमृत आदि भागों के रंग, आकार, गंध और स्वाद के ज़रिए भी परागणकों को खींचते हैं।
कुछ पौधों के परागण के तरीके तो आपको और भी अनोखे और अजीब लग सकते हैं। लेकिन ये पौधों और जानवरों के साथ मिलकर विकसित हुए हैं।
उदाहरण के तौर पर, मक्खियाँ उन फूलों को पसंद करती हैं, जो सड़े हुए मांस जैसे दिखते और महकते हैं। ये फूल, भूरे या धब्बेदार हो सकते हैं। इसके अलावा मिज (Midge) नामक मक्खियां, कोको के पेड़ों के परागण में मदद करती हैं। ये फूल, ज़मीन के पास और नीचे की ओर होते हैं। इनसे मशरूम (Mushroom) जैसी गंध आती है क्योंकि मिज को फ़ंगस पसंद होता है ।

वहीँ, पतंगे रात में बाहर आते हैं। इन्हें आकर्षित करने के लिए, कुछ पौधों के फूल, रात में खिलते हैं और मीठी गंध फ़ैलाते हैं। उदाहरण के तौर पर, मूनफ़्लावर (Moonflower) रात में चमकता है, जिससे पतंगे उसे आसानी से देख पाते हैं। ऑर्किड (orchids) के फूल, नर ततैया को आकर्षित करने के लिए ऐसी गंध छोड़ते हैं, जो मादा ततैया के फ़ेरोमोन ( pheromones) जैसी होती है।
पौधों के इस कोमल और सुंदर पहलू के अलावा, क्या आप ये जानते हैं कि कई पौधे, मांसाहारी भी होते हैं! मांसाहारी पौधे, अलग और अनोखे तरीकों से विकसित होते हैं। ये पौधे उन जगहों पर पाए जाते हैं, जहाँ पोषक तत्व बहुत कम होते हैं। पोषण के लिए, ये पौधे कीड़ों को और कभी-कभी छोटे जानवरों, जैसे मेंढक या स्तनधारी जानवरों को भी पकड़कर खा जाते हैं।
ये पौधे, ज़्यादातर दलदल और गीले क्षेत्रों में उगते हैं। इन स्थानों में पोषक तत्व कम होते हैं, लेकिन पानी और धूप भरपूर होती है। एक दलदल में, वैज्ञानिकों ने इन पौधों की तेरह अलग-अलग किस्में खोजी हैं ।
आम पौधे मिट्टी से नाइट्रोजन (Nitrogen), अपनी जड़ों के ज़रिए लेते हैं। लेकिन, कीट खाने वाले पौधे, नाइट्रोजन को अपने शिकार से प्राप्त करते हैं। इसके लिए, उनकी पत्तियाँ खास रूप और आकार में बनी होती हैं, जो कि, जाल की तरह काम करती हैं।
इस जाल के अलग-अलग प्रकार के होते हैं, जिनमें शामिल है:

पिचर प्लांट (Pitcher plant): पिचर प्लांट की पत्तियाँ गहरे और फिसलन भरे तालाबों जैसी बन जाती हैं। इन तालाबों में शिकार को पचाने के लिए एंज़ाइम (enzymes) होते हैं।
सनड्यू ( sundews) और बटरवॉर्ट ( बटरवर्ट) : ये पौधे चिपचिपी पत्तियों का इस्तेमाल करते हैं। इन पत्तियों पर छोटे बाल होते हैं, जो चिपचिपा म्यूसिलेज (mucilage) बनाते हैं। 
वीनस फ्लाईट्रैप (Venus flytrap) और वॉटरवील (Waterwheel): इन पौधों की पत्तियाँ, एक जाल की तरह काम करती हैं। जब कोई कीड़ा, इनके बालों को छूता है, तो पत्तियाँ, तेज़ी से बंद हो जाती हैं।
ब्लैडरवॉर्ट : ब्लैडरवॉर्ट (bladderwort) की पत्तियाँ, मूत्राशय के आकार की होती हैं। ये पत्तियाँ अचानक खुलती हैं और शिकार को अंदर खींच लेती हैं।

कॉर्कस्क्रू पौधे (Corkscrew Plants): इनकी पत्तियाँ, नलियों में मुड़ जाती हैं। इन नलियों में बाल और ग्रंथियाँ होती हैं, जो कीड़ों को अंदर फ़ँसाती हैं।
इन पौधों का जाल तंत्र बेहद खास होता है, जो उन्हें कठिन परिस्थितियों में भी जीवित रहने में मदद करता है।
आमतौर पर, कीटों को सबसे बड़ा ख़तरा घास खाने वाले जानवरों और कीटों से होता है! लेकिन क्या आप जानते हैं कि पौधे कीटों, घुन और अन्य जानवरों से खुद के बचाव के लिए कई छोटे अणुओं का निर्माण करते हैं। ये अणु जानवरों के तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा, ये महत्वपूर्ण कोशिकाओं और जीवन प्रक्रिया को भी रोक सकते हैं। कई पौधे "प्रोटीज़ अवरोधक" (Protease Inhibitor) नामक प्रोटीन (protein) बनाते हैं। ये प्रोटीन, पौधों पर हमले के समय उनका बचाव करते हैं। ये कीटों में मौजूद प्रोटीज़ नामक एंज़ाइम से जुड़ जाते हैं और उसे रोक देते हैं। कीटों को भोजन पचाने के लिए प्रोटीज़ की ज़रूरत होती है। अगर प्रोटीज़ काम न करे, तो कीट पौधों से प्रोटीन नहीं तोड़ पाते। इससे वे अमीनो एसिड (Amino Acid) को अवशोषित नहीं कर सकते। अमीनो एसिड में नाइट्रोजन भरपूर मात्रा में होती है, जो कोशिका वृद्धि के लिए ज़रूरी है। इस तरह, प्रोटीज़ अवरोधक, कीटों के विकास को रोकते हैं।

कुछ पौधों में खास प्रोटीन सुरक्षा होती है। उदाहरण के लिए, टमाटर और आलू के पौधे "थ्रेओनीन डेमिनेज़"( threonine deaminase) नामक प्रोटीन बनाते हैं। यह प्रोटीन, एक कीट की आंत में "थ्रेओनीन" (threonine) को तोड़ता है। थ्रेओनीन एक ज़रूरी अमीनो एसिड होता है, जिसकी ज़रूरत जानवरों को जीवित रहने के लिए होती है।
पौधों में मौजूद विष और रक्षात्मक प्रोटीन का बहुत महत्व होता है। इनके बिना, कीटों के कारण, ज़्यादा फसलें नष्ट हो सकती हैं। पौधे मनुष्यों को भी प्रभावित करते हैं। ये कभी हानिकारक हो सकते हैं और कभी मददगार। उदाहरण के लिए, उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों (Tropical Areas) में, मुख्य भोजन “कसावा" में, हाइड्रोजन साइनाइड (Hydrogen Cyanide) होता है। इसे खाने के लिए, पहले उपचार करना ज़रूरी है। लोग कसावा की जड़ों को पानी में भिगोते हैं, ताकि साइनाइड निकल जाए। तेज़ आंच पर पकाने से भी कई पौधों के विष कम हो जाते हैं। 

संदर्भ 
https://tinyurl.com/2doxyshp
https://tinyurl.com/25tuzn6t
https://tinyurl.com/22o3kmqb

चित्र संदर्भ

1. वीनस फ़्लाईट्रैप (Venus flytrap) को संदर्भित करता एक चित्रण (pxhere)
2. फूल पर बैठी मधुमक्खी को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. मूनफ़्लावर (Moonflower)को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. ऑर्किड के एक सुंदर फूल को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. पिचर प्लांट (Pitcher plant) को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. कॉर्कस्क्रू पौधे (corkscrew rush) को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
7. घास खाते हुए टिड्डों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
 

पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.