आइए जानें, क्यों चंद्र प्रभा वन्यजीव अभ्यारण्य है, चंदौली ज़िले का सबसे बड़ा पर्यटक आकर्षण

निवास स्थान
22-01-2025 09:31 AM
आइए जानें, क्यों चंद्र प्रभा वन्यजीव अभ्यारण्य है, चंदौली  ज़िले का सबसे बड़ा पर्यटक आकर्षण

हमारे शहर जौनपुर से लगभग 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चंद्र प्रभा वन्यजीव अभयारण्य, प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है। यहाँ के घने जंगल, खूबसूरत पिकनिक स्थल, और राजदरी, देवदारी व नौगढ़ जैसे आकर्षक झरने हर साल पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। यह अभयारण्य, तेंदुआ, लकड़बग्घा, भेड़िया, जंगली सूअर, नीलगाय, सांभर हिरण, चिंकारा, चीतल, काला हिरण, घड़ियाल, अजगर और अनेक पक्षियों जैसी विविध जीव-जंतुओं का घर है।
इस लेख में हम इस संरक्षित क्षेत्र के बारे में विस्तार से जानेंगे। इसके बाद, यहाँ पाई जाने वाली वनस्पतियों और जीव-जंतुओं की चर्चा करेंगे। साथ ही, इस वन्यजीव अभयारण्य के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को समझने की कोशिश करेंगे। अंत में, यहाँ के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों और चंद्र प्रभा वन्यजीव अभयारण्य में करने योग्य गतिविधियों पर भी नज़र डालेंगे। 

चंद्र प्रभा वन्यजीव अभयारण्य का परिचय
चंद्र प्रभा वन्यजीव अभयारण्य, जिसे चंद्र प्रभा के नाम से भी जाना जाता है, उत्तर प्रदेश के चंदौली ज़िले में स्थित है। यह वन्यजीव अभयारण्य, काशी वन्यजीव प्रभाग (Kashi Wildlife Division) के अंतर्गत आता है। वन्यजीवों पर बढ़ते मानवीय अतिक्रमण, औद्योगिक विस्तार और जनसंख्या वृद्धि के दबाव को ध्यान में रखते हुए, 1957 में 9,600 हेक्टेयर क्षेत्र को वन भूमि के रूप में चिह्नित कर इसे अभयारण्य के रूप में विकसित किया गया। काशी वन प्रभाग के अंतर्गत एक अतिरिक्त बफर क्षेत्र इस अभयारण्य को इन दबावों से बचाने में मदद करता है। 
विंध्याचल पर्वतमाला में बसे इस अभयारण्य में घास के मैदान, गुफ़ाएँ और झरने हैं, जो स्थानीय और प्रवासी वन्यजीवों के लिए एक प्राकृतिक आवास प्रदान करते हैं। 1957 में, एशियाई शेरों को इस क्षेत्र में फिर से बसाने का प्रयास किया गया था। इसके तहत, गुजरात के गिर वन्यजीव अभयारण्य से एक नर शेर ‘राजा’ और दो मादा शेरनियाँ ‘रानी’ और ‘जयश्री’ को यहाँ लाया गया। हालाँकि, 1970 तक उनकी सक्रिय उपस्थिति रही, लेकिन अधिक जैविक दबाव के कारण यह संरक्षण प्रयास सफल नहीं हो सका। 
चंद्र प्रभा वन्यजीव अभयारण्य में पाई जाने वाली वनस्पति और जीव
चंद्र प्रभा वन्यजीव अभयारण्य का क्षेत्रफल, 78 वर्ग किलोमीटर है। यह अभयारण्य, निचले गंगा के मैदानों के नम पर्णपाती वनों की पारिस्थितिकी क्षेत्र (Lower Gangetic Plains Moist Deciduous Forests Ecoregion) में स्थित है।
यहाँ की वनस्पतियों में मुख्यतः जलोढ़ सवाना वन, दक्षिणी शुष्क मिश्रित पर्णपाती वन, शुष्क पर्णपाती झाड़ियाँ और सवाना, शुष्क उष्णकटिबंधीय नदी तटीय वन, तथा मरुस्थलीय कांटेदार वन और झाड़ियाँ शामिल हैं।
इस अभयारण्य में पाए जाने वाले प्रमुख वन्यजीवों में तेंदुआ, जंगली सूअर, नीलगाय (बोसेलाफ़स ट्रागोकैमेलस), सांभर हिरण (सर्वस यूनिकोलर), चिंकारा (गज़ेला बेनेट्टी), चीतल (ऐक्सिस), और विभिन्न प्रकार की पक्षी प्रजातियाँ शामिल हैं।
चंद्र प्रभा वन्यजीव अभयारण्य का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व
- प्रागैतिहासिक युग: चंद्र प्रभा वन्यजीव अभयारण्य का क्षेत्र, प्रागैतिहासिक युग से मानव निवास का प्रमाण प्रस्तुत करता है। पुरातात्विक उत्खनन में पत्थर के औज़ार, शैलचित्र, और प्राचीन वस्तुएँ मिली हैं, जो यहाँ प्रारंभिक मानव सभ्यता की उपस्थिति को दर्शाती हैं।
- प्राचीन साम्राज्यों का प्रभाव: यह क्षेत्र, इतिहास में मौर्य, गुप्त और मुग़ल जैसे कई प्राचीन साम्राज्यों के अधीन रहा। इन साम्राज्यों ने इस क्षेत्र के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को समृद्ध किया।
- धार्मिक महत्व: यह माना जाता है कि, भगवान विष्णु ने अपने वराह अवतार में यहाँ प्रकट होकर पृथ्वी को महासागर से बचाया था। अभयारण्य के अंदर स्थित वराह मंदिर हिंदू धर्म में एक पवित्र स्थल है, जिसे तीर्थयात्री विशेष रूप से पूजनीय मानते हैं।
- शिकारगाह के रूप में उपयोग: 18वीं सदी के उत्तरार्ध में, बनारस के शासकों ने, इस क्षेत्र को शिकारगाह के रूप में उपयोग किया। यहाँ के जंगलों और वनों का उपयोग, राजा-महाराजाओं के शिकार अभियानों के लिए किया जाता था।
- वन्यजीव संरक्षण की स्थापना: 1957 में, इस क्षेत्र की विविध वनस्पतियों और जीव-जंतुओं की रक्षा के उद्देश्य से, चंद्र प्रभा वन्यजीव अभयारण्य की स्थापना की गई। इसे पहले "चंद्र प्रभा वन्यजीव अभयारण्य" कहा जाता था, लेकिन इसका नाम बदलकर "चंद्र प्रभा वन्यजीव अभयारण्य" कर दिया गया है ।
- एशियाई शेरों का परिचय: 1958 में, अभयारण्य में एशियाई शेरों को फिर से बसाने की योजना बनाई गई। गुजरात के गिर वन से एक नर शेर "राजा" और दो मादा शेरनी "रानी" और "जयश्री" को यहाँ लाया गया। हालाँकि, बढ़ते मानवीय दबाव और अन्य चुनौतियों के कारण यह प्रयास पूरी तरह सफल नहीं हो सका।
- स्थानीय और सांस्कृतिक महत्व: चंद्र प्रभा वन्यजीव अभयारण्य सिर्फ जैव विविधता के लिए ही नहीं, बल्कि क्षेत्रीय संस्कृति और परंपराओं का केंद्र भी है। यहाँ के मंदिर, स्थानीय लोककथाएँ और ऐतिहासिक स्थलों ने इसे एक विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान प्रदान की है।
चंद्र प्रभा वन्यजीव अभयारण्य में पर्यटक आकर्षण और लोकप्रिय गतिविधियाँ
- दृष्टि भ्रमण (Sightseeing):
यह जंगल बहुत बड़ा है, जिसे एक ही यात्रा में पूरा नहीं देखा जा सकता। लेकिन दृश्यावलोकन के ज़रिए आप इसे आसानी से देख सकते हैं। इस यात्रा में देवदारी और राजदरी झरने, गुफ़ा चित्र, पार्क, वॉच टॉवर, सूर्यास्त बिंदु, वनग्राम और अन्य कई आकर्षक स्थल शामिल हैं।
- आदिवासी संगीत (Tribal Music):
यह जंगली आदिवासी समुदायों का आश्रय स्थल भी है, जहाँ लोग, प्रकृति के बीच, सरल और शांतिपूर्ण जीवन जीते हैं। इन समुदायों का जीवन, पारंपरिक नृत्य और संगीत से गहरे जुड़ा हुआ है, जो इनकी संस्कृति और पुरानी कहानियों को जीवित रखता है । यहाँ की आदिवासी धुनें और संगीत का अनुभव, मानसिक शांति और आत्मिक सुख प्रदान करता है, जो एक अविस्मरणीय अनुभव होता है।
- वनग्राम दौरा (Forest Village Tour):
यहाँ की सुबह, पक्षियों की चहचहाहट और ताज़गी से शुरू होती है, जहाँ लोग एक-दूसरे से गर्मजोशी से मिलते हैं। एक वनग्राम दौरा, सिर्फ़ शहर की हलचल से बचने का तरीका नहीं, बल्कि यह एक पूरी तरह से अलग और शांत दुनिया है। हम छोटे समूहों में इन निर्जन स्थानों का दौरा करते हैं, ताकि वहाँ के प्राकृतिक और हरे-भरे जीवन का अनुभव कर सकें और इस सुकून भरी दुनिया से जुड़ सकें।
- पहाड़ी चढ़ाई (Hiking):
आपको बस अपनी छड़ी उठानी है और जंगल के पहाड़ी रास्तों पर चढ़ाई शुरू करनी है। यहाँ की असमान ज़मीन में अचानक गहरी खाइयाँ, सीधी चढ़ाईयाँ और दिशा बदलती नदियों की धाराएँ हैं, जो अच्छे पर्वतारोहियों के लिए भी चुनौतीपूर्ण हो सकती हैं। थोड़ी दूर चलने पर आप प्राचीन गुफ़ा चित्रों से सजी खूबसूरत गुफ़ाओं तक पहुँचेंगे, जो इस साहसिक यात्रा को और भी रोमांचक बना देती हैं।
- स्वादिष्ट भोजन (Delicious Food):
वाराणसी अपने स्वादिष्ट भोजन के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है और यहाँ आपको बेहतरीन भोजन मिलेगा, साथ ही दुनियाभर के विभिन्न व्यंजन भी। यहाँ के ताज़े फल-सब्ज़ी और उच्च गुणवत्ता वाले मांस को विशेष मसालों और जड़ी-बूटियों के साथ पकाया जाता है, जो आपके स्वाद को एक नया अनुभव देगा।
- आवास (Accommodation):
चंद्र प्रभा वन्यजीव अभयारण्य के जंगल में ठहरना, आपके छुट्टियों का सबसे बेहतरीन तरीका हो सकता है। यहाँ जंगल में घूमना और हरियाली की ताज़गी में आराम करना सचमुच एक अद्भुत अनुभव है। चांदनी रात में चंद्र प्रभा के जंगल के साथ, झरने और पहाड़ों का दृश्य, काफ़ी सुहावना लगता है।

संदर्भ 
https://tinyurl.com/3ppyujaf 
https://tinyurl.com/mukcvpud 
https://tinyurl.com/y8fjjv3f 
https://tinyurl.com/364k63ac 

चित्र संदर्भ

1. दो हाथियों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. चंद्र प्रभा वन्यजीव अभयारण्य में देवदारी झरने को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. विंध्य पर्वतमाला को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. ब्राह्मणी मैना (Brahmini Starling) को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
 

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