आइए चलते हैं, सन फ़ार्मा के भारत की एक महत्वपूर्ण दवा कंपनी बनने के सफ़र पर

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21-01-2025 09:19 AM
आइए चलते हैं, सन फ़ार्मा के भारत की एक महत्वपूर्ण दवा कंपनी बनने के सफ़र पर

जौनपुर में, सन फ़ार्मा(Sun Pharma) ने हमारे समुदाय को सुलभ और किफ़ायती फ़ार्मास्युटिकल या दवा उत्पाद(Pharmaceutical products) उपलब्ध कराकर स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है। भारत में सबसे बड़ी दवा कंपनियों में से एक के रूप में, सन फ़ार्मा अपनी उच्च गुणवत्ता वाली दवाओं के लिए जाना जाता है, जो पुरानी स्वास्थ्य स्थितियों से लेकर रोज़मर्रा की बीमारियों तक विभिन्न स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करती हैं। जौनपुर के लोगों के लिए, सन फ़ार्मा के उत्पादों की उपलब्धता विश्वसनीय स्वास्थ्य देखभाल समाधानों तक पहुंच सुनिश्चित करती है। चाहे वे ओवर-द-काउंटर दवाएं हों या विशेष उपचार हों, सन फ़ार्मा इस क्षेत्र में बेहतर स्वास्थ्य और कल्याण में योगदान दे रहा है। आज, हम भारत में फ़ार्मास्युटिकल उद्योग के विकास की खोज से शुरुआत करेंगे, तथा दवा निर्माण और निर्यात में एक वैश्विक नेता के रूप में, इसके उदय पर प्रकाश डालेंगे। इसके बाद, सन फ़ार्मास्युटिकल पर गहराई से नज़र डालेंगे। अंत में, हम उभरते बाज़ारों में सन फ़ार्मा के प्रदर्शन की जांच करेंगे, तथा इसकी रणनीतियों और इसके वैश्विक पदचिह्न का विस्तार करने में, सफ़लताओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
भारत में फ़ार्मा उद्योग का विकास:
भारत का फ़ार्मास्युटिकल उद्योग एक शक्ति ही है, जो मात्रा के हिसाब से दुनिया में तीसरे स्थान पर, और मूल्य के हिसाब से तेरहवें स्थान पर है। इस उद्योग के पास जेनेरिक दवाओं का एक व्यापक पोर्टफ़ोलियो है, जो मात्रा के हिसाब से वैश्विक आपूर्ति का लगभग 20% है। यह विशाल उत्पादन क्षमता, 3,000 से अधिक फ़ार्मा कंपनियों और 10,500 विनिर्माण इकाइयों वाले मज़बूत बुनियादी ढांचे पर आधारित है।
भारत के फ़ार्मास्युटिकल उद्योग ने, स्वास्थ्य सेवा में अपने महत्वपूर्ण योगदान के लिए वैश्विक मान्यता अर्जित की है। अपनी उच्च गुणवत्ता वाली, लेकिन सस्ती दवाओं के लिए जाना जाने वाला यह उद्योग, दुनिया के सबसे बड़े उद्योगों में से एक बन गया है। यह वृद्धि कई अग्रणी कंपनियों द्वारा संचालित है, जिन्होंने नवाचार, गुणवत्ता और बाज़ार पहुंच में मानक स्थापित किए हैं।
भारतीय फ़ार्मा उद्योग के विकास को गति देने वाले प्रमुख कारक:
१.किफ़ायती स्वास्थ्य देखभाल समाधान: 
भारतीय फ़ार्मा कंपनियों को किफ़ायती कीमतों पर उच्च गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाएं बनाने की प्रतिष्ठा है, जिससे स्वास्थ्य सेवा विश्व स्तर पर सुलभ हो जाती है।
२.अनुसंधान और विकास:
अनुसंधान एवं विकास में बढ़ते निवेश के साथ, भारतीय कंपनियां नवाचार तथा नई दवाएं और उपचार विकसित करने में सबसे आगे हैं।
३.कुशल कार्यबल: 
फ़ार्मा उद्योग को अत्यधिक कुशल कार्यबल से लाभ होता है, जिसमें वैज्ञानिक और शोधकर्ता भी शामिल हैं, जो निरंतर सुधार और नवाचार में योगदान करते हैं।
४.नियामक समर्थन: 
सरकारी पहल और नियामक ढांचे ने नवाचार और विस्तार का समर्थन करने वाली नीतियों के साथ, इस उद्योग के विकास के लिए अनुकूल माहौल बनाया है।
५.वैश्विक निर्यात: 
भारतीय फ़ार्मा कंपनियां 200 से अधिक देशों में दवाएं निर्यात करती हैं, जिनमें से संयुक्त राज्य अमेरिका सबसे बड़े बाज़ारों में से एक है।
सन फ़ार्मास्युटिकल्स -
सन फ़ार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड, अपनी सहायक कंपनियों और सहयोगियों (सन फ़ार्मा) सहित, चौथी सबसे बड़ी वैश्विक जेनेरिक कंपनी है, जो भारत में नंबर 1 और अमेरिका में नंबर 8 पर है। यह अमेरिका में सबसे बड़ी भारतीय दवा कंपनी और उभरते बाज़ारों में अग्रणी भारतीय दवा कंपनियों में से एक है। यह कंपनी, दीर्घकालिक और तीव्र उपचारों के व्यापक स्पेक्ट्रम में फ़ैले फ़ार्मास्युटिकल फ़ॉर्मूलेशन की एक बड़ी श्रृंखला का निर्माण और विपणन करती है। इसमें जेनेरिक, ब्रांडेड जेनेरिक, जटिल या बनाने में कठिन प्रौद्योगिकी गहन उत्पाद, ओवर-द-काउंटर (ओ टी सी (OTC)) उत्पाद, एंटी-रेट्रोवायरल (ए आर वी (ARV)), सक्रिय फ़ार्मास्युटिकल सामग्री (ए पी आई (API)) और मध्यवर्ती उत्पाद शामिल हैं। 2000 से, अधिक उच्च गुणवत्ता वाले अणुओं के उत्पाद पोर्टफ़ोलियो में टैबलेट, कैप्सूल, इंजेक्टेबल्स, स्प्रे, इन्हेलर, दवा वितरण प्रणाली, मरहम, क्रीम और तरल दवाओं सहित कई रूप शामिल हैं। इनके उत्पाद मनोचिकित्सा, संक्रामकरोधी, तंत्रिका विज्ञान, कार्डियोलॉजी, आर्थोपेडिक, मधुमेह विज्ञान, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, नेत्र विज्ञान, नेफ़्रोलॉजी, मूत्रविज्ञान, त्वचा विज्ञान, स्त्री रोग, श्वसन, ऑन्कोलॉजी, दंत चिकित्सा और पोषण संबंधी चिकित्सीय क्षेत्रों की एक विस्तृत श्रृंखला को पूरा करते हैं।
सन फ़ार्मा कंपनी की दुनिया भर में 43 विनिर्माण सुविधाओं के साथ, वैश्विक उपस्थिति है। भारत और अमेरिका इसके दो प्रमुख बाज़ार हैं, जो कंपनी के राजस्व का लगभग 70% हिस्सा हैं। कंपनी के पास एक मज़बूत उत्पाद प्रणाली है और इसने यूरोप(Europe), रूस(Russia), रोमानिया(Romania), दक्षिण अफ़्रीका(South Africa), ब्राज़ील(Brazil) और मेक्सिको (Mexico) जैसे उच्च विकास वाले उभरते बाज़ारों में उपस्थिति स्थापित की है। कंपनी ने उभरते बाज़ारों में अलग-अलग ब्रांडेड जेनेरिक दवाएं विकसित करने और लाने के लिए, मर्क शार्प एंड डोहम (एम एस डी,(MSD)) के साथ एक संयुक्त उद्यम समझौता किया है। सन फ़ार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज़, प्रत्येक वर्ष अपने वैश्विक राजस्व का लगभग 7-8% अनुसंधान एवं विकास में निवेश करती है। अनुसंधान एवं विकास क्षमताएं, नियंत्रित खुराक वाली दवाओं के अलावा, लिपोसोमल उत्पादों, इन्हेलर, लियोफ़िलिज़्ड इंजेक्शन और नाक स्प्रे जैसे विभेदित उत्पादों के विकास तक फ़ैली हुई हैं।
सन फ़ार्मास्युटिकल को वर्ष 1983 में शुरू किया गया था। कंपनी ने मनोरोग संबंधी बीमारियों के इलाज़ के लिए केवल 5 उत्पादों के साथ, कोलकाता में परिचालन शुरू किया था। उन्होंने वापी में टैबलेट/कैप्सूल के लिए, एक कॉम्पैक्ट विनिर्माण सुविधा स्थापित की। शुरुआत में उनकी बिक्री, पूर्वी भारत के दो राज्यों तक सीमित थी। वर्ष 1986 में, कंपनी ने मुंबई में एक प्रशासनिक कार्यालय स्थापित किया। उन्होंने पश्चिमी भारत के चुनिंदा शहरों तक ग्राहक कवरेज बढ़ाया। फिर, वर्ष 1987 में, उन्होंने अपने विपणन कार्यों को देश भर में शुरू किया।
सन फ़ार्मा के उभरते बाज़ारों का प्रदर्शन-
भारत की सबसे बड़ी दवा निर्माता कंपनी – सन फ़ार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज़ ने, वित्तीय वर्ष 2025 के दूसरी तिमाही के लिए, अपने कर पश्चात समेकित लाभ (PAT) में सालाना आधार पर, 28% की वृद्धि दर्ज की, जो 3,040.3 करोड़ रुपये रही। जबकि, इस अवधि के दौरान उनके परिचालन से राजस्व में 10.5% अर्थात, 13,264.2 करोड़ रुपयों की वृद्धि हुई। शुद्ध लाभ में वृद्धि का श्रेय, बाज़ार हिस्सेदारी में बढ़ोतरी; मात्रा आधारित वृद्धि और घरेलू तथा उभरते बाज़ारों में अच्छे प्रदर्शन को दिया जा सकता है।
क्रमिक रूप से, परिचालन से राजस्व में 5.09% की वृद्धि हुई, जबकि कर पश्चात समेकित लाभ में 7.2% की वृद्धि हुई। कंपनी की ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की कमाई, साल-दर-साल 23.6% बढ़कर 4,292.96 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यह लाभी, ब्लूमबर्ग(Bloomberg) के एक अनुमान से 3.6% अधिक हो गया, जबकि, राजस्व 0.43% गिर गया। कंपनी ने हाल ही में, अनुमोदन पर अंतिम चरण के उम्मीदवार – फ़ाइब्रोमुन(Fibromun) के व्यावसायीकरण के लिए फ़िलोजेन(Philogen) के साथ एक समझौते के माध्यम से, अपनी विशेष उत्पाद श्रृंखला को मज़बूत किया है। फ़ाइब्रोमुन के साथ, त्वचा विशेषज्ञों के लिए उनकी उत्पाद श्रृंखला का और विस्तार हुआ है। वे बाज़ार के करीब उत्पादों के साथ, अपनी उत्पाद श्रृंखला को मज़बूत करने के लिए, अपनी नकदी स्थिति का लाभ उठाना जारी रखेंगे।
कंपनी ने इस तिमाही में, भारत में 14 नए उत्पाद लॉन्च किए। पहली छमाही के लिए, कंपनी की बिक्री 8,409.7 करोड़ रुपये रही, जो कि 13.6% साल-दर-साल बढ़ रही है। संयुक्त राज्य अमेरिका फ़ॉर्मूलेशन की बिक्री, वित्तीय वर्ष 2025 में 517 मिलियन डॉलर तक पहुंच गई, जो 20.3% साल-दर-साल बढ़ रही है और कुल समेकित बिक्री का 33% है। वित्त वर्ष 2015 की पहली छमाही में, बिक्री कुल 983 मिलियन डॉलर थी, जो साल-दर-साल 9.1% की वृद्धि को दर्शाती है। इसके अलावा, उभरते बाज़ारों में, फ़ॉर्मूलेशन की बिक्री साल-दर-साल 3.2% बढ़ी, जो कुल समेकित बिक्री का लगभग 18% है। पहली छमाही में, बिक्री 577 मिलियन डॉलर थी, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 5.9% बढ़ी। 
वित्त वर्ष 2025 में, भारत, अमेरिका और उभरते बाज़ारों को छोड़कर शेष विश्व बाज़ारों में, फ़ॉर्मूलेशन की बिक्री 199 मिलियन डॉलर थी, जो साल-दर-साल 3.5% कम थी। कुल समेकित बिक्री में इस खंड की हिस्सेदारी, लगभग 13% थी। पहली छमाही के लिए, शेष विश्व बाज़ारों में साल-दर-साल 3.2% की गिरावट आई। 

संदर्भ 
https://tinyurl.com/284dcw2p
https://tinyurl.com/5y8atdjn
https://tinyurl.com/4kp3nf39

चित्र संदर्भ

1. दवा निर्माण प्रणाली और सन फ़ार्मा के लोगो को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. दवाई बनाने के लिए एक प्रयोगशाला को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. सन फ़ार्मा कंपनी के लोगो को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. दवाइयों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)

 

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