Post Viewership from Post Date to 26-Jan-2024 (31st Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2465 191 2656

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

अरबी खगोलविदों ने विलुप्त हो चुके खगोल ज्ञान को कैसे पुनर्जीवित किया?

मेरठ

 26-12-2023 09:37 AM
शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

क्या आप जानते हैं कि “मध्यकाल (लगभग 5वीं शताब्दी ईस्वी से 15वीं शताब्दी ईस्वी) में खगोल विज्ञान से संबंधित अधिकांश प्राचीन ज्ञान लुप्त हो गया था?” लेकिन 11वीं से 14वीं शताब्दी में अरबी खगोलविदों के योगदान के फलस्वरूप आज कई सितारों और नक्षत्रों को अरबी नामों से पहचाना जा सकता है। इस्लामी स्वर्ण युग (9वीं से 13वीं शताब्दी तक) के दौरान, इस्लामी दुनिया में विद्वानों द्वारा सितारों और अंतरिक्ष से जुड़ी कई खोजें कीं गई। इन विद्वानों ने ग्रीक, फ़ारसी और भारतीय विद्वानों के कार्यों से बहुत कुछ सीखा, इसका अनुवाद किया और यहां तक की इसमें सुधार भी किया। इससे प्रारंभिक मध्ययुगीन काल के दौरान विलुप्त हो चुके, बहुमूल्य खगोल विज्ञान के ज्ञान को फिर से हासिल करने में काफी मदद मिली। उन्होंने 12वीं शताब्दी में अपने कार्यों का लैटिन में अनुवाद भी किया, जिससे प्राचीन खगोल विज्ञान को पुनर्जीवित करने में मदद मिली। यहां तक कि उनके काम ने चीन के खगोल विज्ञान को भी प्रभावित किया।
इस समय की अवधि की लगभग 10,000 पांडुलिपियाँ पूरी दुनिया में फैली हुई हैं। उनमें से कई को अभी तक पढ़ा या सूचीबद्ध नहीं किया गया है। आज हम सितारों के लिए जिन कई नामों का उपयोग करते हैं, वे पहली बार इस्लाम के उदय के बाद, एक हज़ार साल पहले अरब प्रायद्वीप में रहने वाले लोगों द्वारा उपयोग किए जाते थे। प्राचीन ग्रीक के विवरणों के अनुवाद के रूप में, अरबी में कुछ सितारों के नाम बाद में जोड़े गए। आज भी, एल्डेबारन (Aldebaran), अल्टेयर (Altair),डेनेब (Deneb), अलिडेड (Alidade), अज़ीमुथ (Azimuth) और नादिर (Nadir), आदि जैसे कई सितारे और खगोल विज्ञान में उपयोग किए जाने वाले शब्द, अरबी नामों से जाने जाते हैं।
प्रसिद्ध ग्रीक खगोलशास्त्री क्लॉडियस टॉलेमी (Claudius Ptolemy) ने दूसरी शताब्दी में अपनी ग्रीक पुस्तक अल्मागेस्ट (Almagest) में 1,025 सितारों की स्थिति और चमक को सूचीबद्ध किया था। इस पुस्तक का 8वीं और 9वीं शताब्दी में अरबी में अनुवाद किया गया और बाद में 12वीं शताब्दी में लैटिन अनुवाद के माध्यम से यह यूरोप में प्रसिद्ध हो गई। यूरोप में मध्य युग और पुनर्जागरण के दौरान, कई पुराने सितारों के नामों की नकल की गई या विभिन्न लेखकों द्वारा उनका गलत अनुवाद किया गया, जिनमें से कुछ अरबी भाषा को अच्छी तरह से नहीं जानते थे। इस वजह से, किसी भी सितारे के नाम का सटीक इतिहास समझना मुश्किल हो सकता है। 2016 में, अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ (IAU) ने विभिन्न नामकरण प्रणालियों का उपयोग करना आसान बनाने के लिए सितारों के आधिकारिक नामों पर निर्णय लिया। कई सितारों को वही अरबी नाम दिया गया जिसका आमतौर पर अभी तक इस्तेमाल किया जाता था।

साधारण नाम अरबी नाम (लिप्यंतरण) अर्थ अरबी नाम वैज्ञानिक तारा नाम
एसामार (Acamar) अखिरू-अन-नहर (Ākhiru-N-Nahr) नदी या जलधारा का अंत/पूंछ/किनारा/सीमा آخر النهر थीटा एरिदानी (Theta Eridani)
एछेर्नार (Achernar) अखिरू-अन-नहर (Ākhiru-N-Nahr) नदी या जलधारा का अंत/पूंछ/किनारा/सीमा آخر النهر अल्फ़ा एरिदानी (Alpha Eridani)
बहाम (Baham) साद उल-बिहाम (Sa'ad Ul-Biham) युवा जानवरों का भाग्य سعد البهام थीटा पेगासी (Theta Pegasi)
बेटन काइटोस (Baten Kaitos) बटनी कैटस (Baṭni Qayṭus) सेतुस का पेट بطن قيطوس ज़ेटा सेटी (Zeta Ceti)
सेलबलराय (Celbalrai) कल्ब उर-रा (Kalb Ur-Rāʿī) चरवाहे का कुत्ता كلب الراعي बीटा ओफ़िउची (Beta Ophiuchi)
मनुष्य ने हमेशा से ही सितारों की स्थिति और उपस्थिति को जन्म, मृत्यु, प्राकृतिक आपदाओं, मौसम परिवर्तन, फसल के समय और यहां तक कि जानवरों के प्रवासन पैटर्न जैसी सांसारिक घटनाओं से जोड़ा है।कई लोग मानते हैं, कि नक्षत्र हमें दुनिया को समझने में मदद कर सकते हैं:
अल-घोराब (Al-Ghorab), जिसे कॉर्वस तारामंडल (Corvus Constellation) के नाम से भी जाना जाता है, दक्षिणी आकाश में तारों का एक छोटा समूह है। यह बेबीलोनियन रेवेन (Babylonian Raven) या कौवे पर आधारित है। बेबीलोनियों ने इस तारामंडल को अपने बारिश और तूफान के देवता अदद के साथ जोड़ा, क्योंकि यहाँ के तारे वसंत की बारिश शुरू होने से पहले दिखाई देते हैं।
एड-डुल्फिन (Ad-Dulfin), या डेल्फ़िनस (Delphinus) तारामंडल, उत्तरी आकाश में है। यह उस डॉल्फ़िन का प्रतीक है जिसे समुद्री देवता पोसीडॉन (Poseidon) ने एम्फिट्राइट (Amphitrite) नामक समुद्री देवी को खोजने के लिए भेजा था, वह उससे शादी करना चाहता था। इस तारामंडल के मुख्य सितारों में से एक एप्सिलॉन डेल्फ़िनी (Epsilon Delphini) को पारंपरिक रूप से डेनेब डुल्फ़िम (Deneb Dulfim) के नाम से जाना जाता है, जिसका अरबी में अर्थ "डॉल्फ़िन की पूंछ" होता है। एड-दुब अल-अकबर (Ad-Dubb Al-Akbar), या उर्सा मेजर (Ursa Major), ग्रेटर बियर (Greater Bear) में सितारों का एक समूह है, जिसे आमतौर पर बिग डिपर (Big Dipper) भी कहा जाता है। यह उत्तरी आकाश में सबसे अधिक पहचाने जाने योग्य पैटर्न में से एक है। दूबे, इसके सितारों में से एक, का नाम भालू के लिए अरबी शब्द "दुब" से लिया गया है।
अल-असद (Al-Asad) या सिंह तारामंडल, रात के आकाश में सबसे बड़े तारामंडलों में से एक है। इसे अक्सर ग्रीक पौराणिक कथाओं के नेमियन शेर (Nemean Lion) से जोड़ा जाता है। सिंह राशि के सबसे अधिक चमकीले तारे रेगुलस अल्फ़ा लियोनिस (Regulus Alpha Leonis) को अरबी में क़ल्ब अल-असद (Qalb Al-Asad) के नाम से भी जाना जाता है, जिसका अर्थ "शेर का दिल।" होता है। डेनेबोला (Denebola), सिंह राशि का दूसरा सबसे चमकीला तारा है, और इसका नाम अरबी वाक्यांश "दानब अल-असद (Danab Al-Asad)" से लिया गया है, जिसका अर्थ "शेर की पूंछ" होता है।

संदर्भ
http://tinyurl.com/by8x79ab
http://tinyurl.com/ybhw4tmz
http://tinyurl.com/4vye6zwk
http://tinyurl.com/2bsux852

चित्र संदर्भ
1. अरबी खगोलविदों को संदर्भित करता एक चित्रण (worldhistory)
2. अरबी विद्वानों की चर्चा को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. 18वीं शताब्दी का फ़ारसी एस्ट्रोलैब जिसे इंग्लैंड के कैम्ब्रिज में विज्ञान के इतिहास के व्हिपल संग्रहालय में रखा गया है, को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. चंद्र ग्रहण के खगोलीय आरेख को दर्शाता एक चित्रण (worldhistory)
5. ब्रह्माण्ड को दर्शाता एक चित्रण (rawpixel)

***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • अपने युग से कहीं आगे थी विंध्य नवपाषाण संस्कृति
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:28 AM


  • चोपता में देखने को मिलती है प्राकृतिक सुंदरता एवं आध्यात्मिकता का अनोखा समावेश
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:29 AM


  • आइए जानें, क़ुतुब मीनार में पाए जाने वाले विभिन्न भाषाओं के शिलालेखों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:22 AM


  • जानें, बेतवा और यमुना नदियों के संगम पर स्थित, हमीरपुर शहर के बारे में
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:31 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस के मौके पर दौरा करें, हार्वर्ड विश्वविद्यालय का
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:30 AM


  • जानिए, कौन से जानवर, अपने बच्चों के लिए, बनते हैं बेहतरीन शिक्षक
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, उदासियों के ज़रिए, कैसे फैलाया, गुरु नानक ने प्रेम, करुणा और सच्चाई का संदेश
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:27 AM


  • जानें कैसे, शहरी व ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के बीच अंतर को पाटने का प्रयास चल रहा है
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:20 AM


  • जानिए क्यों, मेरठ में गन्ने से निकला बगास, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए है अहम
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:22 AM


  • हमारे सौर मंडल में, एक बौने ग्रह के रूप में, प्लूटो का क्या है महत्त्व ?
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:29 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id