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मेरठ की प्राचीनता के बारे में कोई दुमत नहीं हो सकता।
आज तक जो पुरातात्विक अन्वेषण और उत्खनन हुए हैं तथा हो रहे हैं उनसे और मेरठ के गली कूंचे में खड़े इतिहास के साक्ष्य इस शहर की भारत के इतिहास में जो बेहद महत्वपूर्ण जगह हैं उसे उजागर करते हैं।
हड़प्पा काल, महाभारत काल, इस्लामी शासन, भारत के दोनों स्वातंत्र्य संग्राम का समय इन सभी के साथ यहाँ पर मिले सम्राट अशोक के शिलालेखों की वजह से मेरठ का इतिहास और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।
मेरठ में अशोक का एक शिलालेख स्तंभ था जो अब दिल्ली एवं लंदन पहुँच गया है। अशोक का शिलालेख स्तंभ 6, फिरोजशाह तुग़लक़ मेरठ से दिल्ली ले आये थे। यह बलुआ पत्थर का बना स्तंभ फिरोजशाह ने दिल्ली के उत्तरी टीले के नजदीक उनके शिकार के स्थान के पास चौबुर्जी मस्जिद और बड़ा हिन्दू राव अस्पताल के यहाँ रखवाया। कहा जाता है की इस स्तंभ के परिवहन के लिए 42 पहियों की गाड़ी से उसे पहले यमुना के किनारे लाया गया फिर नौकाओं के जरिये दिल्ली में। इस स्तंभ की ऊँचाई 33 फीट थी लेकिन फ़र्रुख़सियर के राज्यकाल में एक विस्फोट में इसके टुकड़े हो गए थे। इन टुकड़ों को पहले एशियाटिक सोसाइटी, बंगाल में लाया गया था मात्र 1886 में इसे दिल्ली वापस लाया गया और 1887 में इसे फिरसे खड़ा किया गया। सम्राट अशोक के इस 6वे शिलालेख का एक हिस्सा लंदन के ब्रिटिश म्यूजियम में है। यह इंडियन म्यूजियम, लंदन में सन 1880 तक रखा गया था जो फिर ब्रिटिश म्यूजियम में हस्तांतरित किया गया।
प्रस्तुत चित्र में दिल्ली में रखे गए इस अशोक स्तंभ के हैं जिसमे दुसरे चित्र में आप इस स्तंभ के टुकड़े के जोड़ आसानी से देख सकते हैं तथा प्रथम चित्र में इस स्तंभ का इतिहास लिखा गया है।
1.https://en.wikipedia.org/wiki/Ashokan_Edicts_in_Delhi#Delhi-Meerut_pillar 2.https://www.cs.colostate.edu/~malaiya/ashoka.html 3.http://asi.nic.in/asi_books/5282.pdf 4.https://archive.org/stream/InscriptionsOfAsoka.NewEditionByE.Hultzsch/HultzschCorpusAsokaSearchable_djvu.txt 5.http://www.learn.columbia.edu/indianart/pdf/asoka_thapar.pdf 6.https://archive.org/stream/inscriptionsaso00hultgoog/inscriptionsaso00hultgoog_djvu.txt