मेरठ नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख कर्तव्य कुछ इस प्रकार हैं:
1. सार्वजनिक रास्तों एवं नालों की स्वच्छता।
2. सार्वजनिक शौचालय की स्वच्छता।
3. कूड़ा-कर्कट का प्रबंधन।
4. मलबा साफ़ करना।
5. कूड़ा घरों की स्वच्छता और स्वास्थ्य-रक्षा।
6. कूड़ा प्रबंधन से जुड़े काम।
मगर हम मेरठ के नागरिकों की बात सुने तो शायद यह कर्त्तव्य ठीक तरीके से बजाया नहीं जा रहा और अगर हम बढती आबादी तथा शहरीकरण की तरफ नज़र डालें तो यह एक खत्म ना होने वाला काम जान पड़ता है जो सुरसा की मुह की तरह
बढ़ता ही जा रहा है।
लेकिन असल बात है संयोजन की। जब कोई बड़ा आदमी या नेता भेंट देने आता है तोह रातो रात रास्ते साफ़ हो जाते हैं।
यह अगर एक रात में हो सकता है और अगर इसे रोज़ एक पाठ की तरह दोहराया जाए तो स्वच्छ भारत- स्वच्छ मेरठ यह असिलयत बन सकती है।
कूड़ा-कर्कट उठाना और नगरपालिका अधिनियमों के अनुसार आबादी वाले क्षेत्र से दूर ले जाना यह बहुत ही आसन काम लगता है मात्र असल परीक्षा होती है इस कचरे का प्रबंधन करना।
मेरठ से गजरौला जाते वक़्त रास्ते से आपको बड़े बड़े परबत दिखते है जो कुछ और नहीं बल्कि कूड़े कचरे के ढेर हैं।
जो भी कचरा जमा किया जाता है उसे एक निर्धारित जगह पर लाया जाता है जो आबादी से दूर हो फिर यहाँ पर कचरे का पृथक्करण या प्रबंधन कर के उसका पूर्ण निपटान किया जाता है। मात्र यह सुविधा बहुतायता से उपलब्ध नहीं या
फिर इससे जुड़े विशेष अधिकारियों की कमतरता है अथवा कचरा इतनी अधिक मात्र में उपलब्ध है कि इस सुविधा का इस्तेमाल करना नामुमकिन हो जात है।
इन कारणों की वजह से कचरे की समस्या से छुटकारा पाने के लिए नागरिक और सरकार एक साथ कोशिश कर सकती है। मेरठ नगर पालिका ने हाल ही में यह घोषणा की थी की यहाँ पर जो रोज़ 900 टन कचरा 80 वार्ड के अंतर्गत जामा किया
जाता है उसे वे शहर के लिए रोज़ 12 मेगावाट बिजली का निर्माण करेंगे। यह एक काफी सराहनीय कोशिश है।
इसी तरह नागरिक भी अपने तरफ से इस कार्य को बढ़ावा दे सकते हैं। अगर आप गिला और सुखा कचरा लग रखें, तथा जैवनिम्नीकरण कचरे का इस्तेमाल खाद बनाने के लिए करें तो कचरे की संख्या से निपटना थोड़ी हद तक आसन हो
सकता है तथा उसका फायदा भी है। उसी तरह सर्कार की मदद से गाँव, शहर आदि जगहों पर जो प्राणियों का मलमूत्र, अपशिष्ट निकलता है जैसे गोबर उसका इस्तेमाल खाद तथा गोबर गैस इस इंधन के रूप में इस्तेमाल में आ सकता है।
प्रस्तुत चित्र मेरठ के ही हैं सिर्फ अलग-अलग जगह से। यह यहाँ के कूड़ा-कर्कट प्रबंधन के प्रतिनिधिक चित्र हैं।
1. http://meerutnagarnigam.com/health-department.aspx
2. https://timesofindia.indiatimes.com/city/meerut/city-to-generate-12-mw-power-from-900-tonnes-of-waste-collected-daily/articleshow/56127097.cms
3. http://meerutnagarnigam.com/meerut-municipal-corporation.aspx
4. https://www.complaintboard.in/complaints-reviews/nagar-nigam-meerut-l240884.html
5. http://www.business-standard.com/article/pti-stories/ngt-notice-to-up-govt-over-poor-waste-management-in-meerut-116011300616_1.html
6. https://www.swachhsurvekshan2018.org/
7. http://www.swachhbharaturban.in/sbm/home/
8. https://www.hindustantimes.com/india/india-s-cities-are-faced-with-a-severe-waste-management-crisis/story-vk1Qs9PJT8l1bPLCJKsOTP.html
9. http://cpcb.nic.in/c-d-waste-rules/
10. http://cpcb.nic.in/uploads/hwmd/Salient_features_SWM_Rules.pdf
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