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भोर के समय सूर्य के उगने पर, सभी सूरजमुखी फूल, पूर्व की ओर मुड़ जाते हैं। और फिर दिन चढ़ने पर पश्चिम दिशा की ओर सूरज के साथ-साथ अपनी दिशा भी बदलते रहते हैं। एक बार जब सूरज पश्चिमी आकाश में डूब जाता है, तब वे युवा सूरजमुखी रात्रि के दौरान धीरे-धीरे फिर से पूर्व दिशा की ओर मुड़ जाते हैं, और एक बार फिर सूरज के उगने का इंतजार करते हैं। हालांकि, जैसे-जैसे सूरजमुखी के पौधे की उम्र बढ़ती है, यह गतिविधि कम होती जाती है। एक बार जब सूरजमुखी परिपक्व हो जाता है, तो वह सूर्य का अनुसरण करना बंद कर देता है और पूर्व की ओर मुख करके खड़ा रह जाता है।
वर्तमान समय में, यह जानने में काफ़ी प्रगति हुई है कि, सूरजमुखी फूल आकाश में सूर्य की गति के हिसाब से कैसे मुड़ते हैं, लेकिन, कुछ वनस्पतिशास्त्री अभी भी इस मुद्दे पर बहस कर रहे हैं।दरअसल, सूरजमुखी के पौधे में एक आंतरिक घड़ी होती है, जिससे सूरज के साथ साथ इस फूल के मुख की दिशा निर्धारित होती है।
पौधों को प्रजनन के लिए, फूलों पर सही तापमान प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। पौधों के तापमान में वृद्धि पौधों की संरचनाओं द्वारा प्रत्यक्ष सौर विकिरण के अवशोषण और पौधे के आसपास की संरचनाओं के उष्णता विकिरण के माध्यम से हो सकती है। सौर विकिरण के अवशोषण को बढ़ाने का एक प्रभावी तरीका, सूर्य की गति और दिशा के साथ मुड़ना है।
सूर्य की रोशनी में होने के कारण, गर्म हुए फूलों के साथ किए गए, प्रयोगों से पता चला कि, गर्म फूलों की ओर, अधिक परागणक आकर्षित होते हैं। यह परिदृश्य हेलियोट्रोपिज्म(Heliotropism) की व्याख्या के अनुरूप है, जो फूलों को गर्माहट प्रदान करने हेतु, सूर्य की रोशनी का पता लगाता है। इसे सौर ट्रैकिंग(Solar tracking) के रूप में भी जाना जाता है। इससे, वे फूल आने वाले परागणकों के लिए एक आरामदायक स्थान बन जाते हैं।हेलियोट्रोपिज्म पौधों की कई प्रजातियों में पाया जाता है, और प्रकाश संश्लेषण के लिए अवशोषित सूर्य के प्रकाश की मात्रा को नियंत्रित करता है। इसमें सूरजमुखी(Sunflower) या हेलियनथस एनुअस(Helianthus annuus) एक मुख्य एवं सर्वज्ञात उदाहरण है।
इसके अलावा, कुछ अन्य कारक भी होते हैं, जो इस गतिविधि के लिए ज़िम्मेदार हैं। यदि सूरजमुखी का फूल पूर्व की ओर होता है, तो वह फूल सुबह के सूरज से रोशन होता है। साथ ही, फूलों के सुनहरे रंग पर पड़ने वाली सूरज की रोशनी द्वारा परागणकों को पौधे के नए खिले एवं युवा फूलों की ओर आकर्षित किया जाता है।
फूलों में सिर्फ परागकण ही नहीं, बल्कि कुछ अन्य खाद्य स्रोत भी होते हैं। जैसे कि युवा बीज एवं नेक्टर(Nectar) आदि।इस कारण, फूलों की ओर अवांछित आगंतुक भी आकर्षित हो सकते हैं। पूर्व की ओर मुड़ने से, फूल रात भर जमा होने वाली ओस से जल्द ही सूख जाता है, जिससे कवक तथा अन्य संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।
साथ ही, दोपहर का समय सुबह की तुलना में अधिक गर्म होता है। उच्च तापमान की इस अवधि के दौरान, पूर्व की ओर मौजूद सूरजमुखी फूल सूर्य से दूर होता है। इसका मतलब यह है कि, फूल के शीर्ष का अधिकांश भाग सूर्य और पराग के बीच होगा, जिससे गर्मी अधिक होने पर, सूर्य की किरणें पराग पर नहीं पड़ती हैं।
कुछ अध्ययन एवं प्रयोग निश्चित रूप से ही, फूलों के सूर्य की ओर मुड़ने हेतु,गर्मी की परिकल्पना का समर्थन करते हैं।लेकिन,संभावना है कि,इसके लिए कुछ अन्य कारण भी, सच हो सकते हैं।
दूसरी ओर, वैज्ञानिक स्टैसी हार्मर (Stacey Harmer) के अध्ययन से पता चला है कि, यह घटना इन पौधों की आंतरिक सर्कैडियन घड़ी(Circadian clock) द्वारा नियंत्रित होती है।
सुबह पूर्व दिशा की ओर मुड़े फूल, पश्चिम दिशा की ओर मुड़े हुए फूलों की तुलना में, काफी गर्म थे। हार्मर ने कहा है कि, यह गर्माहट सुबह-सुबह भोजन खोजने वाली मधुमक्खियों के लिए, ऊर्जा लाभ लेकर आती है। सीधी धूप फूलों की पंखुड़ियों पर पराबैंगनी निशान भी दिखाती है, जो मधुमक्खियों को तो दिखाई देते है, परन्तु जिन्हें, हम इंसान अपनी आंखों से नहीं देख पाते।
पौधों के ऐसे उन्मुखीकरण ने फूलों के विकास और प्रजनन सफलता को भी प्रभावित किया है। पूर्व की ओर मुख वाले पौधे, बड़े और भारी बीज पैदा करते हैं।
ऐसा प्रतीत होता है कि, ये प्रभाव एवं घटना फूल के शीर्ष के तापमान द्वारा नियंत्रित होते हैं। शोधकर्ताओं ने जब, पश्चिम की ओर मुड़े हुए फूलों को गर्म करने के लिए,एक हीटर का उपयोग किया, तो उन्होंने भी समान परिणाम प्रदर्शित किए।
अंत में, वर्जीनिया विश्वविद्यालय(University of Virginia)के एक अध्ययन में पाया गया कि, पूर्व दिशा की ओर रहने वाले पौधों के परागकण, पश्चिम की ओर रहने वाले पौधों की तुलना में, अधिक प्रजनन के लिए जिम्मेदार थे।
दरअसल, युवा सूरजमुखी के तने रात के दौरान, केवल पश्चिम की ओर अधिक बढ़ते हैं, जो सूरजमुखी के सिर को पूर्व की ओर झुकने की अनुमति देते है। जबकि, दिन के दौरान, तने का केवल पूर्वी भाग बढ़ता है, जिसके परिणामस्वरूप,उनकी सूर्य के साथ पश्चिम की ओर गति होती है।
इस बात को पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता है कि, सूरजमुखी के फूलों का सूर्य प्रेमी होना, केवल हेलियो ट्रोपिज्म एवं सर्कैडियन घड़ी का एक प्रभाव है, वर्तमान साक्ष्य भी इस तथ्य की ओर इशारा करते हैं। सूरजमुखी का पूर्व दिशा की ओर झुकाव और फूलों की शारीरिक रचना, कैसे सुबह के तापमान और परागणकों के लिए दृश्यता को बढ़ाती है और फूलों के सिरों को अत्यधिक सौर विकिरण से कैसे बचाती है, यह भविष्य के शोध के लिए, एक रोमांचक विषय होगा।
संदर्भ
https://tinyurl.com/3estf5jz
https://tinyurl.com/udennpuf
https://tinyurl.com/mp6cn9zm
https://tinyurl.com/2uapuczt
चित्र संदर्भ
1. सूर्य की ओर झुके सूरजमुखी के पुष्प को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. सूरजमुखी के पुष्प को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. दोपहर में सूरजमुखी फूलों की स्थिति को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. सूरजमुखी के फूलों के पैटर्न के वोगेल के सूत्र को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. सूरजमुखी के पराग को दर्शाता एक चित्रण (PickPik)
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