City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Total | ||
2290 | 196 | 2486 |
***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions
आज लोग अपने मोबाइल पर वेब ब्राउज़ (Web Browsing) करने और ऑनलाइन (Online) पढ़ने में अधिक समय व्यतीत करने लगे हैं। आपने भी ध्यान दिया होगा कि, आज के समय में कृत्रिम बुद्धिमत्ता या ए-आई (Artificial Intelligence Or AI) की बदौलत, डिजिटल दुनियां में असली और नकली चित्रों या वीडियो के बीच फर्क पता करना काफी मुश्किल हो गया है! लेकिन क्या आप जानते हैं कि सांकेतिकता (Semiotics) के तहत, संकेतों और प्रतीकों का उपयोग करके एआई द्वारा निर्मित नकली सामग्री का विश्लेषण किया जा सकता है?
यहां हम आपको बता दें, “सांकेतिकता के अंतर्गत इस बात का अध्ययन किया जाता है कि, दृश्य और भाषाई संकेतों या प्रतीकों के माध्यम से अर्थ कैसे बनाया और संप्रेषित किया जाता है।” सांकेतिकता की बदौलत हम सभी अपने आस-पास मौजूद अधिकांश संकेतों की व्याख्या बिना अधिक सोचे-समझे ही कर लेते हैं। उदाहरण के लिए, हम यह पहले से जानते हैं कि, ट्रैफिक लाइट (Traffic Light) के अलग-अलग रंगों पर कैसे प्रतिक्रिया करनी है, क्योंकि समय के साथ हमने इन संकेतों के अर्थ सीख लिए हैं। हालांकि आमतौर पर हम इन संकेतों और प्रतीकों के बारे में सोचे बिना ही उनकी व्याख्या कर लेते हैं, लेकिन लाक्षणिकता हमें उन्हें अधिक गहराई से समझने में मदद कर सकती है और इस समझ को विकसित करने के लिए गहरे सांस्कृतिक ज्ञान की आवश्यकता होती है।
उदाहरण के लिए, लाल रंग अक्सर खतरे या उत्तेजना से जुड़ा होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारे रक्त का रंग भी लाल है, और यह हमारे अंदर एक शारीरिक प्रतिक्रिया को उत्तेजित कर सकता है। जब हम लाल ट्रैफिक लाइट देखते हैं, तो हम इसलिए रुक जाते हैं, क्योंकि हम लाल रंग को खतरे से जोड़ते हैं, या ‘सावधानी बरतनी चाहिए’ इस संकेत से जोड़ते हैं ।
सांकेतिकता का उपयोग यह समझने के लिए भी किया जा सकता है कि, विभिन्न कंपनियां अपने उपभोक्ताओं के साथ कैसे संवाद करती हैं। उदाहरण के लिए, एप्पल (Apple) का लोगो (Logo) एक सरल, लेकिन फिर भी प्रभावी प्रतीक है। यह लोगो एक रचनात्मक सेब (फल) का है, जो ज्ञान, बुद्धिमत्ता और अच्छाई से जुड़ा हुआ है। समय के साथ यह लोगो एप्पल कंपनी के ग्राहकों में इस विचार को संप्रेषित करने में सफल हुआ है कि एप्पल कंपनी के उत्पाद उच्च गुणवत्ता वाले और विश्वसनीय होते हैं। इस उदाहरण से हम समझ सकते हैं कि “सांकेतिकता एक शक्तिशाली उपकरण है, जिसका उपयोग हमारे आस-पास की दुनिया और उन संदेशों को समझने के लिए किया जा सकता है, जिनसे हम लगातार घिरे रहते हैं।”
इंटरनेट की दुनियां को अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल (User-Friendly) और आकर्षक बनाने के लिए, वेब पेजों (Web Pages) में छवियों का उपयोग करना भी सांकेतिकता का ही एक उदाहरण है। एक वेबसाइट के सभी पृष्ठ हाइपरटेक्स्ट दस्तावेज़ीकरण (Hypertext Documentation) में बुनियादी गतिविधियों, जैसे कि होमपेज (Homepage), परिचय (Introduction) और संपर्क (Contact Us) इत्यादि को दर्शाने के लिए समान प्रतीकों का ही उपयोग किया जाता है। इससे उपयोगकर्ता, इन प्रतीकों का अर्थ तुरंत जान सकते हैं और वेबसाइट पर अधिक आसानी से नेविगेट (Navigate) कर सकते हैं।
हालाँकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि शुद्ध सांकेतिकता कभी भी संभव नहीं होती है, क्योंकि प्रतीक के रूप में व्याख्या करने के लिए प्रतीक को उसी रूप में प्रस्तुत करने की आवश्यकता होती है। यही कारण है कि जब माउस पॉइंटर (Mouse Pointer) किसी लिंक (Link) के ऊपर से गुजरता है, तो उसका आकार बदल जाता है, और वह एक नुकीले सूचकांक वाला एक छोटा हाथ के आइकॉन में बदल जाता है।
सांकेतिकता का एक अन्य उदाहरण ईमेल संचार (Email Communication) में स्माइली चेहरों (Smiley Faces) का उपयोग है। स्माइली चेहरे पारंपरिक प्रतीक हैं जिनका उपयोग पाठ-आधारित माध्यम में भावनाओं को व्यक्त करने के लिए किया जाता है।
चेहरे के भाव न केवल संज्ञानात्मक होते हैं बल्कि संचार के लिए भी आवश्यक होते हैं। इंसान, भावों में बदलाव को काफी हद तक पहचान सकते हैं । लेकिन कृत्रिम बुद्धिमत्ता अभिव्यक्ति के स्तर पर मौखिक भाषा की नकल कर सकती है। उदाहरण के लिए, हम कुछ हद तक सिरी या एलेक्सा (Siri Or Alexa) जैसे एआई स्पीकर (AI Speaker) के साथ, बातचीत कर सकते हैं।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता द्वारा चेहरे बनाने के लिये भी सांकेतिकता के क्षेत्र में अनुसंधान अधिक से अधिक बढ़ रहा है। भविष्य में एआई का उपयोग डिजिटल चेहरे (Digital Faces) बनाने के लिए किया जा सकता है, जो हूबहू इंसानों की भांति दिखेंगे। इसका उपयोग आभासी सहायकों, डिजिटल अवतारों और यहां तक कि कृत्रिम मनुष्यों को बनाने के लिए भी किया जा सकता है। इसके अलावा एआई का उपयोग, जीन को संपादित (Genetic Modification) करने के लिए, विशिष्ट शारीरिक विशेषताओं वाले मनुष्यों को बनाने के लिए भी किया जा सकता है। वास्तव में, विशेषज्ञों के लिए भी वास्तविक और एआई से निर्मित सिंथेटिक छवियों (Synthetic Images) के बीच अंतर करना कठिन होता जा रहा है। इसका मतलब यह है कि अब हम डिजिटल अभ्यावेदन की प्रामाणिकता का मूल्यांकन करने के लिए मानवीय निर्णय और अनुभव पर भरोसा नहीं कर सकते हैं।
इसके बजाय, हम असली और नकली के बीच अंतर करने में मदद के लिए एआई की ही ओर रुख कर रहे हैं। हालांकि, यह एआई-आधारित मूल्यांकन, विधियों की विश्वसनीयता के बारे में नए सवाल उठाता है।
डिजिटल अभ्यावेदन के मूल्यांकन में इस प्रतिमान बदलाव के कई महत्वपूर्ण निहितार्थ हैं। उदाहरण के लिए, इससे ऑनलाइन धोखाधड़ी और दुष्प्रचार अभियानों की पहचान करना और उन पर मुकदमा चलाना अधिक कठिन हो सकता है। इससे लोगों के लिए डीपफेक “Deepfake” (एकदम असली प्रतीत होने वाली) वीडियो या ऑडियो रिकॉर्डिंग (Video Or Audio Recording) बनाना और प्रसारित करना आसान होता है, जिसके कारण आपको उन अपराधों की भी
सज़ा मिल सकती है जो आपने किये ही नहीं! हालांकि सांकेतिकता के तहत प्रकाश, छाया और प्रतिबिंब आदि पहलुओं पर ध्यान देकर, अवास्तविक गतिविधियों, असंभव वस्तुओं या दृश्यों, डिजिटल कलाकृतियों और संदर्भ में विसंगतियों की जांच करके, हम नकली या वास्तविक वीडियो और तस्वीरों की पहचान कर सकते है।
संदर्भ
https://tinyurl.com/424xbxem
https://tinyurl.com/4psjhn2h
https://tinyurl.com/mr2muc3v
चित्र संदर्भ
1. सांकेतिकता को संदर्भित करता एक चित्रण (Freerange Stock)
2. विविध प्रकार के संकेतों को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
3. एप्पल कंपनी के उत्पादों को दर्शाता एक चित्रण (pixahive)
4. वेब आइकॉन को दर्शाता एक चित्रण (shmector)
5. डीपफेक प्रणाली को दर्शाता एक चित्रण (media.lex.dk)
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.