Post Viewership from Post Date to 28-Nov-2023 (31st Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
3116 219 3335

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

मेरठ जैसे शहरों की संस्कृति और प्रकृति को कैसे प्रभावित कर सकता है, पर्यटन

मेरठ

 28-10-2023 10:13 AM
नगरीकरण- शहर व शक्ति

मेरठ सहित पूरे भारत में हजारों दर्शनीय पर्यटन स्थल मौजूद हैं, जिन्हें देखने के लिए हर साल लाखों पर्यटक भारत आते हैं। हालांकि आपको जानकर हैरानी होगी कि इनमें से कई पर्यटक ऐसे भी होते हैं, जो भारतीय संस्कृति की संपन्न विरासत का अनुभव लेने के लिए हमारे देश में पधारते हैं। भारतीय लोग भी इन विदेशी मेहमानों की जिज्ञासा को समझते हुए, उन्हें अपनी संस्कृति और रीति-रिवाजों में शामिल होने और घुलने-मिलने का भरपूर अवसर देते हैं। इस तरह अनोखी और लाभदायक मेहमान नवाजी को आधुनिक संदर्भ में “सांस्कृतिक पर्यटन” के नाम से संदर्भित किया जाता है। सांस्कृतिक पर्यटन (Cultural Tourism) को पर्यटन की एक ऐसी श्रेणी माना जाता है, जिसके तहत एक पर्यटक का पहला लक्ष्य किसी भी देश या स्थान के मूर्त और अमूर्त सांस्कृतिक आकर्षणों को खोजना, इनका अनुभव करना और इनसे सीखना होता है। सांस्कृतिक पर्यटन के तहत पर्यटक जिस भी क्षेत्र में जाते हैं वह वहां के आसपास फल-फूल रही कला और वास्तुकला, ऐतिहासिक और जीवित सांस्कृतिक विरासत, पाक विरासत, साहित्य, संगीत, रचनात्मक उद्योग, स्थानीय निवासियों की जीवन शैली, वो किन जीवन मूल्यों और विश्वासों को प्राथमिकता देते है, इन सब सम्पूर्ण परंपराओं को समझना चाहते हैं। इसके लिए पर्यटक वहां के संग्रहालयों, ऐतिहासिक स्थलों और धार्मिक स्थलों में घूमते हैं, और वहां के सांस्कृतिक त्योहारों में भी शामिल होते हैं। सांस्कृतिक पर्यटन में स्थानीय सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेना, स्थानीय निवासियों के साथ खाना पकाना, उनके पारंपरिक नृत्य सीखना या स्थानीय संगीत सुनना भी शामिल हो सकता है। स्थानीय समुदायों के बीच जाकर उनके साथ खाना पकाने की कक्षाएं, कला कार्यशालाएं और नृत्य पाठ जैसी गतिविधियों में भाग लेने को "रचनात्मक पर्यटन" का अभिन्न अंग भी कहा जाता है। सांस्कृतिक पर्यटन, पर्यटकों को अनुष्ठानों और त्योहारों जैसी स्थानीय सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने और अपनी कला का प्रदर्शन करने की भी अनुमति देता है। सांस्कृतिक पर्यटन को पर्यटन का एक लोकप्रिय रूप माना गया है, क्योंकि यह लोगों को दुनिया भर की विभिन्न संस्कृतियों के बारे में जानने, उनसे सीखने और उनकी सराहना करने की अनुमति देता है। हाल के अध्ययनों ने विकासशील देशों और मेजबान समुदायों पर पर्यटन के मिश्रित प्रभाव के बारे में चिंता जताई है। सांस्कृतिक पर्यटन से पर्यटकों और उनके द्वारा देखे जाने वाले गंतव्यों, दोनों को कई लाभ हो सकते हैं। सांस्कृतिक पर्यटन, गंतव्यों (Destinations) की स्थानीय संस्कृति और विरासत को बढ़ावा देने तथा स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। हालाँकि, सांस्कृतिक पर्यटन के कुछ संभावित नकारात्मक प्रभाव भी होते हैं। उदाहरण के लिए, इससे भद्रीकरण (Gentrification) हो सकता है तथा यह स्थानीय निवासियों के विस्थापन का कारण भी बन सकता है। सांस्कृतिक पर्यटन से सांस्कृतिक संसाधनों के दोहन और पारंपरिक सांस्कृतिक प्रथाओं का क्षरण भी हो सकता है। कई विकासशील देशों पर पर्यटन का आर्थिक रूप से बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है, लेकिन आमतौर पर लोगो और पर्यटकों में बेहतर सामाजिक-सांस्कृतिक समझ और सामान्य मानव मूल्यों को विकसित करने के बजाय केवल इसके वित्तीय लाभ पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। पर्यटन का संस्कृति पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है, जिसमें पारंपरिक रीति-रिवाजों के लिए ख़तरा, ऐतिहासिक वस्तुओं और जानवरों का अवैध व्यापार, पारंपरिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों और कलाओं का व्यवसायीकरण और निवासी आबादी का अन्य संस्कृतियों के संपर्क में आना शामिल है, जिसके कारण दृष्टिकोण, रुचि और मूल्यों में गंभीर परिवर्तन आ सकते हैं। इस तरह के पर्यटन ने पारंपरिक भारतीय मूल्यों, जैसे बुजुर्गों के प्रति सम्मान और परिवार के महत्व के क्षरण में योगदान दिया है। पर्यटकों की आमद ने योग और ध्यान जैसी कई भारतीय सांस्कृतिक परंपराओं के व्यावसायीकरण को भी बढ़ावा दिया है। संस्कृति पर नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए पर्यटन विकास का सावधानीपूर्वक प्रबंधन करना महत्वपूर्ण है। इसके लिए सरकारों को ऐसी नीतियां विकसित करनी चाहिए जो टिकाऊ पर्यटन को बढ़ावा दें और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा करें। पर्यटकों को भी स्थानीय संस्कृतियों और परंपराओं का सम्मान करना चाहिए। किसी एक स्थान में भारी संख्या में पर्यटकों के आगमन से उस स्थान के सांस्कृतिक और पारिस्थितिक तंत्र पर बहुत भारी दबाव भी पड़ने लगता है। इसी पर्यावरणीय दबाव ने आधुनिक समय में पारिस्थितिक पर्यटन या "ईकोटूरिज्म” (Ecotourism)" की पर्यटन शैली को प्रेरित किया है। ईकोटूरिज्म के नाम में ही इसका अर्थ छिपा हुआ है। ईकोटूरिज्म का अर्थ प्राकृतिक आकर्षणों या स्थानों की यात्रा करना होता है, जिसके तहत इस बात का विशेषतौर पर ख्याल रखा जाता है कि उनके (पर्यटकों) जाने से उस प्राकृतिक क्षेत्र के पर्यावास और पारिस्थितिक तंत्र को कोई भी नुकसान न पहुंचे। ईकोटूरिज्म पर्यटन का एक ऐसा रूप है जो पर्यावरण के संरक्षण और स्थानीय लोगों की भलाई पर केंद्रित है। ईकोटूरिज्म का मूल उद्देश्य पर्यटकों को इंसानों के कारण पर्यावरण पर बढ़ते दबाव से जुड़ी जानकारी देना और पर्यावरण के प्रति सम्मान अदा करना होता है। इकोटूरिज्म के तहत किसी पर्यावरणीय क्षेत्र की यात्रा करके वहां के समुदायों को सामाजिक-आर्थिक लाभ प्रदान करने का प्रयास किया जाता है।
ईकोटूरिज्म के कुछ प्रमुख सिद्धांत हैं, जिनका पालन करना जरूरी होता है:
१. पर्यावरणीय प्रभाव को कम करना: इसमें टिकाऊ, पर्यावरण अनुकूल परिवहन का उपयोग करना, अपशिष्ट को कम करना और ऊर्जा और पानी का संरक्षण करना शामिल है।
२. स्थानीय संस्कृतियों का सम्मान: ईकोटूरिज्म के तहत स्थानीय संस्कृतियों और परंपराओं की समझ और सराहना को बढ़ावा दिया जाता है।
३. स्थानीय समुदायों का समर्थन करना: ईकोटूरिज्म के तहत स्थानीय लोगों को रोजगार देकर, स्थानीय वस्तुओं और सेवाओं को खरीदकर और संरक्षण पहल का समर्थन करके आर्थिक लाभ उत्पन्न किया जाता है। ईकोटूरिज्म गतिविधियों के कुछ उदाहरण निम्नवत दिए गए हैं:
१. वन्यजीव निरिक्षण:
इसके तहत जानवरों को चिड़ियाघरों के बजाय उनके प्राकृतिक आवासों में ही देखा जाता है, जैसे शेर को देखने के लिए अफ्रीका में सफारी पर जाना, बाघ को देखने के लिए जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क (Jim Corbett National Park) में जाना या व्हेल मछली को दखने के लिए प्रशांत महासागर में गोते लगाना शामिल है।
२. लंबी पैदल यात्रा और कैम्पिंग: ये गतिविधियां पर्यटकों को प्राकृतिक क्षेत्रों का पता लगाने और उनकी सुंदरता का अनुभव करने की अनुमति देती हैं।
३. सांस्कृतिक गांवों का दौरा: इससे पर्यटकों को स्थानीय संस्कृतियों और परंपराओं के बारे में प्रत्यक्ष रूप से जानने का मौका मिलता है। हालांकि यह भी ध्यान में रखना जरूरी है कि इकोटूरिज्म के इसके ठीक विपरीत “पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता।” इन प्रभावों में लापरवाह पर्यटकों द्वारा उत्पन्न किया गया प्रदूषण और निवास स्थान का विनाश भी शामिल है। कुछ मामलों में, इको टूरिज्म के कारण स्थानीय समुदायों को उनकी पारंपरिक भूमि और आजीविका से विस्थापन का सामना करना पड़ा है।
यदि हम भारत की बात करें तो भारत में जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क भी इको-पर्यटन पर केंद्रित है, जिसे विशेषतौर पर अपनी टिकाऊ और जिम्मेदार पर्यटन प्रथाओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए जाना जाता है।
इन प्रतिबद्धताओ में शामिल है:
१. संरक्षण प्रयास: यहां के पार्क प्रबंधन और स्थानीय अधिकारी पार्क की वनस्पतियों और जीवों के संरक्षण को प्राथमिकता देते हैं, और पर्यावरण-पर्यटन गतिविधियों को इन प्रयासों का समर्थन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
२. वन्यजीव सफारी: जानवरों और उनके आवास में व्यवधान को कम करने के लिए वन्यजीव सफारी को नियंत्रित तरीके से संचालित किया जाता है। आगंतुकों को शांति बनाए रखने और जानवरों के स्थान का सम्मान करने के दिशा निर्देश दिए जाते हैं।
३. टिकाऊ आवास: पार्क के आसपास कई रिसॉर्ट्स और लॉज (Resorts And Lodges) हैं, जिन्होंने टिकाऊ वास्तुकला, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत, अपशिष्ट प्रबंधन और जल और ऊर्जा संरक्षण जैसी पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं को अपनाया है।
४. पर्यावरण शिक्षा: पार्क प्राधिकरण और स्थानीय संगठन द्वारा आगंतुकों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए पर्यावरण शिक्षा कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।
५. सामुदायिक भागीदारी: जिम कॉर्बेट में इको-पर्यटन रोजगार के अवसरों, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के माध्यम से स्थानीय समुदायों की भागीदारी पर जोर दिया जाता है। हमारे मेरठ में भी घूमने के लिए कई प्राकृतिक और मानव निर्मित दर्शनीय स्थल मौजूद हैं।
यदि आप भी स्थानीय स्तर पर मेरठ के कुछ दर्शनीय स्थलों का भ्रमण करना चाहते हैं, तो इनकी सूची निम्नवत दी गई है:
१. औघड़नाथ मंदिर
२. हस्तिनापुर वन्यजीव अभयारण्य
. बेसिलिका ऑफ आवर लेडी ऑफ ग्रेसेस (Basilica Of Our Lady Of Graces)
४. द शॉपप्रिक्स मॉल (The Shopprix Mall)
५. गांधी बाग
६. मनसा देवी मंदिर
. जैन मंदिर सलावा
. सेंट जॉन चर्च (St. John's Church:)
९. आर्मी पार्क (Army Park)
१०. चंडी देवी मंदिर


संदर्भ
https://tinyurl.com/3mefcznm
https://tinyurl.com/3dyhpn8d
https://tinyurl.com/4f4fda7b
https://tinyurl.com/ms8nyz8y
https://tinyurl.com/45hv8nej
https://tinyurl.com/mpebnehp

चित्र संदर्भ
1. पारंपरिक नृत्य करती महिलाओं को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. एक मंदिर का अवलोकन करते पर्यटकों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. भारत में होली खेलते पर्यटकों को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
4. एक बाजार में खड़े विदेशी पर्यटकों को दर्शाता एक चित्रण (Flickr)
5. इकोटूरिज्म को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
6. एक पर्यावरण समर्थित आवास को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
7. जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)

***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • आधुनिक हिंदी और उर्दू की आधार भाषा है खड़ी बोली
    ध्वनि 2- भाषायें

     28-12-2024 09:28 AM


  • नीली अर्थव्यवस्था क्या है और कैसे ये, भारत की प्रगति में योगदान दे रही है ?
    समुद्री संसाधन

     27-12-2024 09:29 AM


  • काइज़ेन को अपनाकर सफलता के शिखर पर पहुंची हैं, दुनिया की ये कुछ सबसे बड़ी कंपनियां
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     26-12-2024 09:33 AM


  • क्रिसमस पर लगाएं, यीशु मसीह के जीवन विवरणों व यूरोप में ईसाई धर्म की लोकप्रियता का पता
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     25-12-2024 09:31 AM


  • अपने परिसर में गौरवपूर्ण इतिहास को संजोए हुए हैं, मेरठ के धार्मिक स्थल
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     24-12-2024 09:26 AM


  • आइए जानें, क्या है ज़ीरो टिलेज खेती और क्यों है यह, पारंपरिक खेती से बेहतर
    भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

     23-12-2024 09:30 AM


  • आइए देखें, गोल्फ़ से जुड़े कुछ मज़ेदार और हास्यपूर्ण चलचित्र
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:25 AM


  • मेरठ के निकट शिवालिक वन क्षेत्र में खोजा गया, 50 लाख वर्ष पुराना हाथी का जीवाश्म
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:33 AM


  • चलिए डालते हैं, फूलों के माध्यम से, मेरठ की संस्कृति और परंपराओं पर एक झलक
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:22 AM


  • आइए जानते हैं, भारत में कितने लोगों के पास, बंदूक रखने के लिए लाइसेंस हैं
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:24 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id