रामपुर शहर: शहर क्यूँ?

शहरीकरण - नगर/ऊर्जा
19-02-2018 07:04 PM
रामपुर शहर: शहर क्यूँ?

रामपुर उत्तरप्रदेश के रामपुर ज़िले में स्थित शहर और नगरपालिका मुख्यालय है तथा प्रशासकीय मुख्यालय भी है। रामपुर की स्थापना अवध संधि के मुताबिक सन 1774 में नवाब फैज़ुल्लाह खान द्वारा की गयी थी। यह नतीजा था सन 1774 में हुए रोहिल्ला युद्ध का। रामपुर को शहर का दर्ज़ा प्राप्त होने से पहले वह दिल्ली सल्तनत का एक हिस्सा था जो बदाऊँ और संभल जिलों के बीचोबीच स्थित था। इस क्षेत्र को कठेर नाम से जाना जाता था तथा इसपर कठेरिया राजपूतों का अमल था। मात्र सन 1775 में नवाब फैज़ुल्ला खान इन्होने रामपुर किले की नीव रखी और उसी के साथ रामपुर शहर की स्थापना हुई। किसीभी क्षेत्र को शहर की उपमा देने के लिए कुछ मापदंड होते हैं जैसे की उसकी आबादी घनी हो मतलब लगभग 5000 से भी ज्यादा हो, जिसमे प्रति स्क्वायर फीट 400 से भी ज्यादा लोग रहते हो तथा वहाँ पर कम से कम 75% से भी ज्यादा जनसंख्या कृषि-भिन्न गतिविधियों में शामिल हो। इन सभी मापदंडो के साथ और भी कई अलग परिमाण थे जो रामपुर को शहर का दर्जा प्रदान करते थे और हैं। रामपुर की स्थापना ऐतिहासिक मध्यकाल में हुई जब शहर एक किले के आस पास स्थित होता था। इस स्थापत्य को किलाबन्द शहर कहा जाता है। इसमें मध्य भाग में एक किला होता है और उसके चारो तरफ लोग रहते हैं तथा बाज़ार, उद्योग-उद्यम यह सब भी मौजूद रहते हैं। फिर इन के चारों ओर बड़ी दीवारें रहती हैं और चार दिशाओं में शहर में प्रवेश करने के लिए बड़े अलंकृत दरवाज़े होते हैं। रामपुर शहर भी इसी स्थापत्य के मुताबिक बना हुआ था मात्र आज इनमेंसे बस कुछ ही इमारतें; जैसे रामपुर का किला आदि मौजूद हैं और इनके प्रवेशद्वार अब काल के गाल में समां गए हैं। नवाब वाजिद अली ने ब्रिटिश अधिकारी श्री. राईट के साथ रामपुर में बहुत सी सुविधाजनक इमारतों आदि का निर्माण किया। यहाँ पर रेलवे स्टेशन भी बनाया गया था। इन सभी के साथ एक और परिमाण रामपुर में उसे शहर का दर्ज़ा देता था जो है कला क्षेत्र में उन्नति। आज रामपुर आधुनिक मापदंडो के अनुसार भी शहर का दर्ज़ा बनाए हुए है जिस में महानगरपालिका और शहर विकास सम्बंधित सभी संगठनों की मौजूदगी, विकसनशील औद्योगिक क्षेत्र और घनी आबादी यह सभी हैं। प्रस्तुत चित्र रामपुर शहर के नगरीकरण के कल और आज का प्रतिनिधिक चित्र है।

1. सी डेप 2007 2. रज़ा लाइब्ररी, रामपुर, राज भवन, लखनऊ, उत्तर प्रदेश और भगवन शंकर (आई.ए.एस.), डाइरेक्टर, नॉर्थ सेंट्रल ज़ोन कल्चरल सेंटर, इलाहाबाद 3. उत्तर प्रदेश के रुहेलखण्ड क्षेत्र की संगीत परम्परा (एक विवेचनात्मक अध्ययन) : डॉ. (श्रीमती) संध्या रानी 4. http://cpwd.gov.in/Publication/ConservationHertBuildings.pdf 5. https://en.wikipedia.org/wiki/Adaptive_reuse 6. http://www.census2011.co.in/census/city/99-rampur.html