Post Viewership from Post Date to 07-Oct-2023 (31st Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2110 503 2613

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

मेरठ के निकट हस्तिनापुर वन्यजीव अभ्यारण्य में विश्व प्रवासी पक्षी दिवस की तैयारी

मेरठ

 07-09-2023 10:48 AM
पंछीयाँ

विश्व प्रवासी पक्षी दिवस (World Migratory Bird Day) को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बड़े ही उत्साह के साथ प्रवासी पक्षियों के संरक्षण और उनके महत्व को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन को हर साल प्रवासी पक्षियों के प्रकृति और पर्यावरण के साथ जुड़े मुद्दों को साझा करने और उनके संरक्षण की जरूरत को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है। इसे पूरे विश्व में कई तरीकों से मनाया जाता है, जैसे कि, जागरूकता अभियान, प्राकृतिक पार्क और बाघबान में प्रवासी पक्षियों के दर्शन, शिक्षा कार्यक्रम आयोजन और वन्यजीव संरक्षण के प्रोत्साहन के रूप में। इसका मुख्य उद्देश्य प्रवासी पक्षियों के संरक्षण की जरूरत को प्रसारित करना है ताकि वे हमारे प्यारे गौरैया, सारस, और अन्य प्रजातियों के लिए सुरक्षित रह सकें। ये सभी गतिविधियाँ वर्ष में किसी भी समय की जा सकती हैं क्योंकि उन देशों या क्षेत्रों में अलग-अलग समय पर प्रवासन अपने चरम में होता है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय समारोहों के लिए मुख्य दिन मई और अक्टूबर का दूसरा शनिवार होता है। यह वैश्विक कार्यक्रम दुनिया भर के कई पक्षी प्रेमियों को एकजुट करता है। भारत के प्रसिद्ध पक्षी प्रेमी सलीम अली को पक्षियों के प्रति उनके लगाव के लिए अक्सर "भारत का पक्षीमानव" कहा जाता है। यह भारत और विदेशों में व्यवस्थित पक्षी सर्वेक्षण करने वाले पहले वैज्ञानिकों में से एक थे। उनका शोध कार्य पक्षी विज्ञान के विकास में अत्यधिक प्रभावशाली माना जाता है। प्रवासी पक्षियों का आगमन आमतौर पर सीजन के आधार पर होता है और इसका अध्ययन और मॉनिटरिंग (Monitoring) पक्षियों के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है। इन पक्षियों के आगमन को अच्छी तरह से समझने से, हम पक्षियों के लिए उनके वातावरण में सुधार करने के उपाय बना सकते हैं और उनके संरक्षण का सही तरीके से प्रबंधन कर सकते हैं। भारत का मौसम प्रवासी पक्षियों के लिए स्‍वर्ग के जैसा है।
किंतु, जलवायु परिवर्तन के कारण और कुछ मानवीय गतिविधियों के कारण, भारत में भी प्रवासी पक्षियों की संख्‍या दिन प्रतिदिन घटती जा रही है, भारत सरकार इनके संरक्षण के लिए कई कदम उठा रही है। जिनमें भारत के कई सारे पक्षी अभयारण्‍य अपना योगदान दे रहे हैं। इन्हीं में से है, मेरठ से केवल 35 किमी दूर हस्तिनापुर वन्यजीव अभयारण्य। इस अभयारण्य में असंख्य प्रवासी पक्षी विश्राम करते हैं। हस्तिनापुर वन्यजीव अभयारण्य गंगा के मैदानी इलाकों में एक संरक्षित क्षेत्र है। इसकी स्थापना 1986 में हुई थी और यह मेरठ, मुज़फ़्फ़रनगर, ग़ाज़ियाबाद, बिजनौर और अमरोहा जिलों में 2,073 वर्ग किमी (800 वर्ग मील) को कवर करता है। उचित अधिसूचना के अभाव के कारण इस क्षेत्र को अवैध शिकार और वन्यजीवों को अन्य विभिन्न खतरों से बचाने के लिए आवश्यक सुरक्षा नहीं मिल पाई है। 25 साल पहले इसे गंगा बेसिन की पारिस्थितिकी, जैव विविधता की रक्षा और वैश्विक, राष्ट्रीय, क्षेत्रीय, राज्य और स्थानीय पर्यावरण के संरक्षण के लिए वन्यजीव अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया गया था। इसको वास्‍तव में संरक्षित करने के लिए उसी तरह कदम उठाएं जाने चाहिए, जैसे कॉर्बेट नेशनल पार्क (Corbett National Park) या रणथंभौर वन्यजीव अभयारण्य को विकसित किया है और पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए, अभयारण्य क्षेत्र के अंदर होटल और अन्य पर्यटन संबंधी बुनियादी ढांचे के विकास के लिए निवेश को आमंत्रित किया। इससे स्थानीय आबादी को रोजगार के ढेरों अवसर मिलेंगे साथ ही क्षेत्र वन्यजीव पर्यटन के लिए भी विकसित होगा।
अभयारण्य में होने वाली औद्योगिक गतिविधियां वायु, जल और ध्वनि प्रदूषण पैदा कर रही हैं, स्टोन क्रशर (Stone crushers), चीनी मिल, ऑर्गेनिक्स (Organics), पेपर मिल, रसायन उद्योग, कपास मिल, फाइबर इकाई, ऑटोमोबाइल (Automobiles), रबर उद्योग, ईंट भट्टा और अन्य प्रदूषित इकाइयां अधिनियमों का खुलेआम उल्लंघन कर रही हैं। दलदली हिरण, गंगा डॉल्फिन, स्कीमर, तेंदुआ, मगरमच्छ और अन्य आईयूसीएन (IUCN) रेड लिस्टेड (red listed) प्रजातियों जैसे वन्यजीवों की बड़ी संख्या में कमी आ रही है क्योंकि स्वदेशी प्रजातियों और शिकार करने वाले जीवों के प्राकृतिक आवास क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

संदर्भ:

https://shorturl.at/ejvzN
https://shorturl.at/egISU
https://shorturl.at/npuUW

चित्र संदर्भ 

1. हस्तिनापुर वन्यजीव अभ्यारण्य को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. मुख्य अंतर्राष्ट्रीय फ्लाईवे को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. प्रवासी पक्षियों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. हस्तिनापुर में प्रवासी पक्षीयों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)

***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • मेरठ की ऐतिहासिक गंगा नहर प्रणाली, शहर को रौशन और पोषित कर रही है!
    नदियाँ

     18-09-2024 09:18 AM


  • क्यों होती हैं एक ही पौधे में विविध रंगों या पैटर्नों की पत्तियां ?
    कोशिका के आधार पर

     17-09-2024 09:16 AM


  • आइए जानें, स्थलीय ग्रहों एवं इनके और हमारी पृथ्वी के बीच की समानताओं के बारे में
    पर्वत, चोटी व पठार

     16-09-2024 09:34 AM


  • आइए, जानें महासागरों से जुड़े कुछ सबसे बड़े रहस्यों को
    समुद्र

     15-09-2024 09:27 AM


  • हिंदी दिवस विशेष: प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण पर आधारित, ज्ञानी.ए आई है, अत्यंत उपयुक्त
    संचार एवं संचार यन्त्र

     14-09-2024 09:21 AM


  • एस आई जैसी मानक प्रणाली के बिना, मेरठ की दुकानों के तराज़ू, किसी काम के नहीं रहते!
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     13-09-2024 09:10 AM


  • वर्षामापी से होता है, मेरठ में होने वाली, 795 मिलीमीटर वार्षिक वर्षा का मापन
    जलवायु व ऋतु

     12-09-2024 09:25 AM


  • परफ़्यूमों में इस्तेमाल होने वाले हानिकारक रसायन डाल सकते हैं मानव शरीर पर दुष्प्रभाव
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     11-09-2024 09:17 AM


  • मध्यकालीन युग से लेकर आधुनिक युग तक, कैसा रहा भूमि पर फ़सल उगाने का सफ़र ?
    मध्यकाल 1450 ईस्वी से 1780 ईस्वी तक

     10-09-2024 09:32 AM


  • पेट्रोलियम के महत्वपूर्ण स्रोत हैं नमक के गुंबद
    खनिज

     09-09-2024 09:43 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id