City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Total | ||
2279 | 652 | 2931 |
***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions
पंचतंत्र के बारे में आप सभी ने सुना और पढ़ा भी होगा। पं॰ विष्णु शर्मा द्वारा रचित इन अनोखी रचना में जंगल के सभी जानवर इंसानों की भाषा बोलते हैं। हालांकि, पंचतंत्र की कहानियां आमतौर पर छोटे बच्चों को सही राह दिखाने तथा दैनिक जीवन की समस्यओं के समाधान ढूँढने पर केंद्रित हैं। लेकिन, आपको जानकर हैरानी होगी कि, संस्कृत में वयस्कों के लिए भी "शुकसप्तति" नामक एक ऐसा सराहनीय कहानी संग्रह भी है, जिसकी कहानियां बुरे संबंधों, उनकी जटिलताओं और आने वाली समस्याओं के चतुर समाधान सुझाती हैं। सबसे अनोखी बात तो यह है, कि ये सभी समाधान, एक पालतू और बोलने वाला तोता अपनी मालकिन को सुझाता है।
“शुकसप्तति” जिसे “तोते की सत्तर कहानियां” के नाम से भी जाना जाता है, मूल रूप से संस्कृत भाषा में लिखी गई, कहानियों का एक संग्रह है। इस मजेदार संग्रह में एक पालतू तोता हर रात एक महिला को एक-एक कर सत्तर कहानियां सुनाता है। तोता उसके कथावाचक मित्र जैसा होता है। उस महिला का पति व्यापार के सिलसिले में लंबे समय से विदेश गया होता है। इसलिए, घर में अकेली बैठी वह महिला किसी और से मिलने जाने के लिए प्रलोभित होती है, लेकिन तोता उसे ऐसा करने से रोकने के लिए 70 कहानियां सुनाता है।
ये कहानियाँ गुप्त प्रेम (Secret Romance) और उनके साथ आने वाली परेशानियों को उजागर करती हैं। हालांकि, इनमें केवल समस्याओं के बारे में नहीं बल्कि उन कठिन परिस्थितियों से बाहर निकलने के चतुर तरीकों के बारे में भी बताया गया हैं। सत्तर रातों तक उस महिला को हर रात एक कहानी सुनाने के बाद, आखिरकार महिला का पति अपनी यात्रा से वापस आ जाता है।
ये कहानियां संस्कृत साहित्य की एक लंबी परंपरा का हिस्सा मानी जाती हैं। अधिकांश कहानियां कठोर और अबाधित हैं। हालांकि, हम ठीक से नहीं जानते कि ये कहानियां पहली बार कब लिखी गईं, किंतु विशेषज्ञों का मानना है कि, इन कहानियों ने 12वीं शताब्दी ई.पू. के आसपास अपना अंतिम स्वरूप प्राप्त किया। 14वीं शताब्दी में, नखशा बी नाम के एक फ़ारसी विद्वान ने इसे "तूतीनामा" नामक कहानी संग्रह में भी बदला था, जिसके बाद इसके तुर्की और जर्मन संस्करण (Turkish And German Versions) सामने आए। इसी से जुड़ी और रिचर्ड श्मिट (Richard Schmidt) द्वारा लिखित जर्मन पुस्तक, “डेर टेक्स्टस ऑर्नाटियर डेर सुकासप्तति” (Der Textus Ornatior Der Çukasaptati)", 1896 में भी सामने आई। विद्वानों ने इसका तेलुगु और मलयालम में भी अनुवाद किया। हमारे पास उपलब्ध सबसे पुरानी प्रति 15वीं शताब्दी ईस्वी की है। इस मूल प्रति का भी समय के साथ कई भाषाओं में अनुवाद किया गया है। इसका अंतिम बार अंग्रेजी में अनुवाद 2000 ई. में किया गया था।
इसमें 72 कहानियां हैं, और वे सभी कहानी को प्रवाहित रखने के लिए पहेली की तरह जुड़ी हुई हैं। मुख्य कहानी मदन नाम के एक लड़के के इर्द-गिर्द घूमती है, जो कि एक व्यापारी का बेटा है। वह एक गैर जिम्मेदार बालक होता है, जिसका विवाह पद्मावती नामक युवती से होता है। अब, इस व्यापारी का एक ब्राह्मण दोस्त, मदन को बोलने वाला तोता उपहार में देता है। ये तोता बड़ा ही बुद्धिमान होता है और मदन को एक ऐसी कहानी सुनाता है, जो मदन के तौर-तरीके बदल देती है। ये कहानी उसे और अधिक जिम्मेदार बना देती है। इसके बाद, मदन अपनी पत्नी को छोड़कर व्यावसायिक काम के लिए यात्रा पर निकल जाता है। इसके बाद ही कहानी हम आपको पहले सुना ही चुके हैं, जहां तोता अपनी मालकिन को 70 कहानियां सुनाता है।
आप जानते ही होंगे कि तोते केवल कहानियों में ही नहीं बल्कि वास्तविक दुनिया में भी इंसानों की तरह बोलने की क्षमता रखते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि ये तोते कौन से हैं? यहां हम ऐसे ही कुछ तोतों के बारे में बता रहे हैं:
1. अफ्रीकी ग्रे तोते (African Gray Parrots): ये तोते बड़े ही दिमागदार होते हैं और 50 से 200 शब्दों की शब्दावली याद रख सकते हैं। अच्छा प्रशिक्षण दिए जाने पर ये 1000 शब्दों तक भी पहुंच सकते हैं। ये बहुत अच्छे वक्ता होते हैं लेकिन इन्हें बहुत अधिक ध्यान और समाजीकरण की आवश्यकता होती है।
2. अमेज़ॅन तोते (Amazon Parrots): ये बातूनी तोते 100-120 शब्दों की शब्दावली याद रख सकते हैं। वे काफी सक्रिय होते हैं और कुछ आसान प्रयासों से उन्हें नियंत्रित किया जा सकता है।
3. क्वेकर तोते (Quaker Parrots): ये तोते छोटे, उत्साही और बात करने में काफी अच्छे होते हैं। इनकी शब्दावली 40-100 शब्दों की होती है। ये आसानी से आपके कंधे पर बैठ सकते हैं।
4. रिंग-नेक्ड तोते (Ring-Necked Parrots): ये तोते थोड़े शांत होते हैं और 100 से 130 शब्दों की शब्दावली याद रख सकते हैं।
5. इक्लेक्टस तोते (Eclectus Parrots): ये तोते मध्यम स्तर के अच्छे वक्ता होते हैं और 100 से 120 शब्दों की शब्दावली याद रख सकते हैं। मजे की बात ये है कि ये तोते पुरुष और महिला के साथ अलग-अलग व्यवहार करते है, तथा थोड़े शोरगुल करने वाले भी हो सकते हैं।
चलिए अब एक नजर भारत में पाई जाने वाली तोतों की 11 प्रजातियों पर डाल लेते हैं:
1. वर्नल हैंगिंग-तोता (Vernal Hanging-Parrot): यह तोता दक्षिण-पश्चिमी भारत में पाया जाता है, और इस प्रजाति के नर का गला, नीले रंग का होता है। ये तोता पेड़ों की खोहों में घोंसला बनाता है, तथा फल और बीज खाता है।
2. रोज रिंग तोता (Rose Ring Parrot): यह तोता पूरे भारत में देखा जाता है। इस प्रजाति के नरों में गुलाबी-काली रंग की अनूठी नुमा गर्दन होती है। ये तोते जंगलों, आर्द्रभूमियों, यहां तक कि शहरी क्षेत्रों में देखे जा सकते हैं।
3.अलेक्जेंड्रिन पैराकीट (Alexandrine Parakeet): ये तोते भी भारत में व्यापक रूप से फैले हुए हैं। इस प्रजाति के नर की गर्दन के पंख काले होते हैं। ये तोता जंगलों, रेगिस्तानों में रहता है,तथा पेड़ों और इमारतों में घोंसले बनाता है।
4. बेर के सिर वाल ा तोता (Plum-Headed Parrot): ये तोता भारत का स्थानिक पक्षी है। इसकी प्रजाति के तोते जंगलों और खेतों में देखे जाते हैं। भोजन के रूप में ये फल, जामुन और बहुत कुछ खाता है।
5. मालाबार तोता: ये तोते पश्चिमी घाट के स्थानिक पक्षी होते हैं। इस प्रजाति के नर के पंख नीले रंग के होते हैं। ये तोता जंगलों को पसंद करता है और ऊंचे पेड़ों पर घोंसले बनाता है।
6. लाल चोंच वाला तोता: ये तोता उत्तरी और पूर्वी भारत में पाया जाता है। इस प्रजाति के नर की ऊपरी चोंच गहरे लाल रंग की होती है। यह आमतौर पर जंगली इलाकों में रहता है तथा फल और जामुन खाता है।
7. भूरे सिर वाला तोता: यह तोता मुख्य रूप से पूर्वोत्तर भारत में देखा जाता है। इस प्रजाति के नर के सिर भूरे होते हैं। यह जंगलों में निवास करता है और पेड़ों की खोखलों में घोंसला बनाता है।
8.स्लेटी-हेडेड तोता (Slaty-Headed Parrot): ये तोता आमतौर पर उत्तरी भारत में पाया जाता है। इस प्रजाति के नर के कंधे पर लाल धब्बे होते हैं। यह पहाड़ी जंगलों में रहता है, तथा फसलें, फल और बहुत कुछ खाता है।
9. लंबी पूंछ वाला तोता: ये तोता भारत के अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में दिखाई देता है। इस प्रजाति के नर चमकीले रंग और लाल चोंच वाले होते हैं। यह जंगलों में निवास करता है और फल खाता है।
10.निकोबार तोता: निकोबार द्वीप समूह पाए जाने वाले इस तोते की प्रजाति के नर की लाल चोंच होती है। यह जंगलों और नारियल के बागानों में रहता है, तथा पेंडन्स ताड़ (Pandanus Palm) के फल खाता है।
संदर्भ
https://tinyurl.com/2krrdjtm
https://tinyurl.com/ycxr3sfj
https://tinyurl.com/4t6ydvfc
चित्र संदर्भ
1. शुकसप्तति को संदर्भित करता एक चित्रण (Collections - GetArch)
2. शुकसप्तति को दर्शाता चित्रण (prarang)
3. 8वीं शताब्दी में विरुपाक्ष शैव मंदिर में तोते की कथा वाली महिला की मूर्ति को दर्शाता चित्रण (Wikimedia)
4. अफ्रीकी ग्रे तोते को दर्शाता चित्रण (Wallpaper Flare)
5. अमेज़ॅन तोते को दर्शाता चित्रण (Wikimedia)
6. क्वेकर तोते को दर्शाता चित्रण (Wikimedia)
7. रिंग-नेक्ड तोते को दर्शाता चित्रण (Wikimedia)
8. इक्लेक्टस तोते को दर्शाता चित्रण (Wikimedia)
9. वर्नल हैंगिंग-तोते को दर्शाता चित्रण (Wikimedia)
10. रोज रिंग तोते को दर्शाता चित्रण (Wikimedia)
11.अलेक्जेंड्रिन पैराकीट तोते को दर्शाता चित्रण (Wikimedia)
12. बेर के सिर वाले तोते को दर्शाता चित्रण (Wikimedia)
13. लाल चोंच वाले तोते को दर्शाता चित्रण (Wikimedia)
15. भूरे सिर वाले तोते को दर्शाता चित्रण (Wikimedia)
16. स्लेटी-हेडेड तोते को दर्शाता चित्रण (Wikimedia)
18. लंबी पूंछ वाले तोते को दर्शाता चित्रण (Wikimedia)
19. निकोबार तोते को दर्शाता चित्रण (Wikimedia)
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.