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यदि हम हमारे मेरठ शहर को आर्थिक विकास के संदर्भ में उत्तर प्रदेश के “सिर का ताज” कहें, तो इसमें कोई भी अतिशयोक्ति नहीं होगी।वाद्ययंत्रों से लेकर विभिन्न खेलों के समान तक, हमारे मेरठ शहर ने लगभग हर उद्योग को अपना लिया। मेरठ के उदाहरण से हम आज यह भी जानेंगे कि व्यावसायिक रूप से अग्रसर एक शहर, किसी भी देश के आर्थिक विकास में कितनी बड़ी भूमिका अदा कर सकता है।
आर्थिक स्तर पर, भारत 2026 तक 5 ट्रिलियन डॉलर (Trillion Dollars) और 2047 तक 40 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का सपना देख रहा है। लेकिन इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हमें कई बड़े कदम भी उठाने होंगे। किसी भी देश के विकास में वहां के बड़े शहर अहम भूमिका निभाते हैं। आर्थिक विकास और नवाचार के लिए देश के बड़े शहर महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि वहाँ पर व्यवसाय, बेहतर नौकरियां और सभी आवश्यक संसाधन और संस्थान मौजूद होते हैं।
बड़े शहरों में "समूह अर्थव्यवस्था (Group Economy)" नामक लाभ भी होते हैं, जो उन शहरों में स्थापित व्यवसायों को अधिक उत्पादक बनाते हैं, जिस कारण वे व्यवसाय अपने कर्मचारियों को उच्च वेतन दे पाते हैं, और अधिक नवाचार (innovation) कर पाते हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि भले ही हमारे देश के सभी शहर, भारत की कुल भूमि का 3 प्रतिशत हैं, लेकिन वे देश के आर्थिक उत्पादन जीडीपी (GDP) में 60% का एक बड़ा और अहम् योगदान देते हैं। छोटे शहरों की तुलना में बड़े शहर नए उत्पादों और निवेश को आकर्षित करते हैं, जिसके कारण वहां मजदूरी अधिक होती है। इसलिए, 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनने के लिए, भारत को छोटे शहरों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। यदि आप गौर करें तो पाएंगे कि मुख्य रूप से ऐसी छह प्रमुख वैश्विक प्रक्रियाएँ हैं जो सभी देशों में बड़े परिवर्तन ला रही हैं:
1. प्रौद्योगिकी और उत्पादन का वैश्वीकरण: प्रौद्योगिकी और उत्पादों को बनाने के तरीके का वैश्वीकरण हो रहा है, जिससे दुनिया भर के सभी देश प्रभावित हो रहे हैं।
2. रोजगार, काम और प्रवासन का वैश्वीकरण: लोग दूसरे देशों में काम करने के लिए पलायन कर रहे हैं. नियोक्ता (employer) सस्ते और बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पाद बनाने के लिए दूसरे देशों में लोगों को काम पर रख रहे हैं जिसके परिणामस्वरूप काम का वैश्वीकरण और प्रवासन हो रहा है।
3. व्यापार, वित्त, ऋण और सूचना का वैश्वीकरण: व्यापार, धन और सूचना अब वैश्विक स्तर पर एक दूसरे से जुड़ चुके हैं, जो दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं और वित्तीय प्रणालियों को प्रभावित कर रहे हैं।
4. हथियारों की होड़ और सैन्यीकरण: कई देश अपनी सैन्य शक्ति बढ़ाने के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं, जिससे हथियारों की होड़ और सैन्यीकरण में वृद्धि हो रही है।
5. प्रदूषण और संसाधनों की कमी: वैश्वीकरण में वृद्धि के कारण संसाधनों का अत्यधिक उपयोग हो रहा है जिसके परिणामस्वरूप प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन में वृद्धि हो रही है जो पूरी दुनिया के लिए बड़ी चिंता का विषय बन रहा है।
6. उपभोग पैटर्न का वैश्वीकरण और "वैश्विक संस्कृति" का उदय: दुनिया भर में लोग समान उपभोग की आदतों को अपना रहे हैं, और इसके अलावा साझा वैश्विक संस्कृति की भावना भी उभर रही है।
7. उपरोक्त सभी प्रक्रियाओं के कारण देशों के भीतर और देशों के बीच एकाधिक पुनर्गठन: इन सभी वैश्विक परिवर्तनों के कारण देशों के भीतर और एक-दूसरे के साथ उनके संबंधों में विभिन्न परिवर्तन हो रहे हैं। ये प्रक्रियाएँ वृत्ताकार, संवादात्मक, त्वरित और अपरिवर्तनीय हैं। "विकास" को फिर से परिभाषित करने के लिए एक नई बातचीत अपरिहार्य है। और वैश्विक जन संचार की वजह से, देशों और विभिन्न संस्कृतियों के बीच यह सामान्य बहस दुनिया भर में सामाजिक शिक्षा को और प्रबल कर सकती है। दरअसल, कुछ देश समस्या-समाधान क्षमताओं को बढ़ाकर और सीखने में तेजी लाकर, अपने लक्ष्यों को फिर से परिभाषित करने लगे हैं।
जैसा कि हमने पढ़ा, आजकल पूरी दुनियां संचार नेटवर्क के माध्यम से आपस में जुड़ चुकी है। इसका मतलब यह है कि आनेवाले समय में प्रौद्योगिकी और भी अधिक सुलभ हो जाएगी, जिस कारण विश्व व्यापार प्रणाली भौतिक वस्तुओं पर कम और सॉफ्टवेयर (Software) तथा ज्ञान पर अधिक निर्भर करेगी। प्रत्येक देश अपने स्वयं के निर्मित सामानों में बुनियादी प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने में सक्षम होगा, और बड़ी कंपनियों के पास अनुसंधान और विकास पर एकाधिकार करने के उतने अवसर नहीं होंगे। उदाहरण के लिए, जब आईबीएम (IBM) एक नया कंप्यूटर जारी करता है, तो अन्य लोग भी तुरंत उसी के जैसा कंप्यूटर बना सकते हैं और उन्हें दुनिया भर में बेच सकते हैं। इस तरह, हम परिवहन और वितरण पर काफी बचत कर सकते हैं। प्रत्येक देश को अपनी विशेष क्षमतायें ढूंढनी होंगी, जिससे अधिक अद्वितीय निर्यात और कम प्रत्यक्ष प्रतिस्पर्धा हो सके।
इन नवाचारों को अपनाने से कितने बड़े बदलाव आ सकते हैं, इसके एक आसान उदाहण के तौर पर हम अपने मेरठ शहर को ही ले सकते हैं, जिसे अपने उद्योगों और कृषि के लिए जाना जाता है। मेरठ शहर दिल्ली के करीब है, इसलिए इसे उद्योग स्थापित करने के लिए एक आदर्श स्थान माना जाता है।शहर में
हथकरघा (handloom) और कैंची उद्योग का भी एक लंबा इतिहास रहा है। वर्तमान में, मेरठ में लगभग 520 लघु, मध्यम और सूक्ष्म उद्योग स्थापित हैं। अगस्त 2006 तक यहां पर कुल 23,471 औद्योगिक इकाइयों (Industrial Units) थीं।
मेरठ में कुछ उल्लेखनीय उद्योगों में कपड़ा, टायर, चीनी, ट्रांसफार्मर (Transformer), रसायन, डिस्टिलरी (Distillery), कागज, इंजीनियरिंग, खेल के सामान, प्रकाशन और अच्छी विकास क्षमता वाले आईटी/आईटीईएस (IT/ITES) केंद्र आदि शामिल हैं। हमारे शहर में बेस्टोकेम (Bestochem), मैनकाइंड फार्मा (Mankind Pharma) और पर्क फार्मास्यूटिकल्स (Perk Pharmaceuticals) जैसी कई दवा कंपनियां भी मौजूद हैं। मेरठ को खेल के सामान के निर्माण का केंद्र माना जाता है और यह क्रिकेट उत्पादों, विशेष रूप से एसजी ब्रांड “SG Brand” (जो विश्व स्तर पर निर्यात किया जाता है) के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। हमारा मेरठ शहर भारत में संगीत वाद्य यंत्रों के निर्माण का भी एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। मेरठ में ब्रांडेड कारों (Branded Cars), कपड़ों, बार और क्लब आदि दुकानों के साथ कई प्रसिद्ध बाजार मौजूद हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि हमारा मेरठ शहर प्रतिदिन लगभग 60 किलोग्राम सोने का प्रसंस्करण करता है। मेरठ में तकरीबन 40 से अधिक बीआईएस हॉलमार्क शोरूम (BIS Hallmark Showroom) मौजूद हैं। किसी भी देश के विकास में एक शहर कितनी बड़ी भूमिका निभा सकता है, इस बात का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं, कि साल 2007/08 में राष्ट्रिय स्तर पर आर्थिक योगदान के मामले में, अकेले मेरठ शहर ने राष्ट्रीय खजाने में 10,089 करोड़ रुपये का योगदान दिया था, जो कि भुवनेश्वर, कोच्चि, भोपाल, जयपुर और लखनऊ जैसे शहरों के योगदान से कहीं अधिक था। आज भी हमारा मेरठ जिला राज्य के कुल आर्थिक उत्पादन में 3% (लगभग 36,506 करोड़ रुपयों) का योगदान देता है।
संदर्भ
https://tinyurl.com/mrxzye6j
https://tinyurl.com/wmfeh2bb
https://tinyurl.com/bdz6ejm4
https://tinyurl.com/4uttz8nt
चित्र संदर्भ
1. मेरठ के उद्योगों को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
2. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
3. भारतीय लोहार को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
5. मेरठ की विश्व प्रसिद्ध कैंची को दर्शाता चित्रण (Prarang)
6. बल्ला निर्माताओं को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
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