Post Viewership from Post Date to 28-Aug-2023 31st Day
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2311 575 2886

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

वेदांत के सार को संग्रहित करती भगवद् गीता ने किया विश्व के कितने लेखकों को प्रेरित

मेरठ

 27-07-2023 10:02 AM
विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

भगवद् गीता का हिंदू धर्म में अनन्य, असाधारण महत्व है। हिंदू धर्म में, गीता एक धार्मिक ग्रंथ से परे, हमारी आस्था का केंद्र बिंदु भी है। भगवद् गीता ने श्री अरविंद घोष, स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी आदि महापुरुषों के अलावा कई अन्य महत्वपूर्ण विदेशी व्यक्तियों को भी प्रभावित किया हैं। एल्डस हक्सले(Aldous Huxley), हेनरी डेविड थोरो(Henry David Thoreau), जे रॉबर्ट ओपेनहाइमर (J. Robert Oppenheimer), राल्फ वाल्डो एमर्सन(Ralph Waldo Emerson), कार्ल जंग(Carl Jung), बुलेंट एसेविट(Bulent Ecevit), हरमन हेस (Hermann Hesse), हेनरिक हिमलर(Heinrich Himmler), जॉर्ज हैरिसन(George Harrison), निकोला टेस्ला(Nikola Tesla) सहित कुछ अन्य विचारकों और संगीतकारों ने भगवद् गीता से प्रेरणा ली हैं। इनमें से एक महान रचनाकार, एल्डस हक्सले ने, स्वामी प्रभावानंद और क्रिस्टोफर ईशरवुड(Christopher Isherwood) द्वारा अनुवादित भगवद् गीता के अनुवाद का परिचय प्रस्तुत किया है। एल्डस हक्सले एक ब्रिटिश लेखक(British author) और दार्शनिक थे। उनकी ग्रंथ सूची में लगभग 50 पुस्तकें शामिल हैं, जिनमें उपन्यास और गैर-काल्पनिक रचनाएँ, निबंध, कथाएँ और कुछ कविताएँ शामिल हैं। उन्होंने ऑक्सफोर्ड (Oxford) के बैलिओल कॉलेज(Balliol College) से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक की डिग्री(Degree) प्राप्त की थी। अपने साहित्यिक पेशे की शुरुआत में, उन्होंने लघु कथाएँ और कविताएँ प्रकाशित कीं थी। यात्रा लेखन, व्यंग्य और पटकथाएँ प्रकाशित करने से पहले, उन्होंने एक साहित्यिक पत्रिका, ऑक्सफ़ोर्ड पोएट्री(Oxford Poetry) का संपादन किया था। उन्हें साहित्य में नोबेल पुरस्कार(Nobel Prize) के लिए नौ बार नामांकित भी किया गया था। जबकि, 1962 में रॉयल सोसाइटी ऑफ लिटरेचर(Royal Society of Literature) द्वारा उन्हें कंपेनियन ऑफ लिटरेचर(Companion of Literature)चुना गया था। वर्ष 1944 में, हक्सले ने भगवद् गीता – द सॉन्ग ऑफ गॉड(Bhagwad Gita – The song of God) की प्रस्तावना लिखी थी, जिसका अनुवाद स्वामी प्रभावानंद और क्रिस्टोफर इशरवुड ने किया था। इस ग्रंथ को दक्षिणी कैलिफोर्निया(California) की वेदांत सोसायटी(Vedant society) द्वारा प्रकाशित किया गया था।
उनके द्वारा लिखी गई एवं अध्ययन की गई एक अन्य कृति, पेरेनियल फिलोसॉफी (Perennial Philosophy) या चिरस्थायी दर्शन हक्सले द्वारा रहस्यवाद का तुलनात्मक अध्ययन है।
इस दर्शन के मूल में हमें चार मौलिक सिद्धांत मिलते हैं:
1.पदार्थ और व्यक्तिगत चेतना की अभूतपूर्व दुनिया – वस्तुओं, जानवरों, मनुष्यों और यहां तक कि देवताओं की दुनिया एक दिव्य भूमि की अभिव्यक्ति है। इसके भीतर सभी आंशिक वास्तविकताओं का अस्तित्व है, और इसके अलावा वे अस्तित्वहीन होंगे।
2.मनुष्य न केवल किसी अनुमान द्वारा, बल्कि प्रत्यक्ष अंतर्ज्ञान से भी ईश्वरीय भूमि के बारे में जानने में सक्षम है।हम इसके अस्तित्व को महसूस कर सकते हैं, जो विवेकशील तर्क से बेहतर है।
3.मनुष्य के पास दोहरी प्रकृति– एक अभूतपूर्व अहंकार और एक शाश्वत आत्मा है, जो आंतरिक अस्तित्व और आत्मा के भीतर देवत्व की चिंगारी होती है। यदि मनुष्य चाहता है, तो वह स्वयं को आत्मा के साथ और इसलिए दिव्य भूमि के साथ पहचान सकता है।
4.पृथ्वी पर मनुष्य के जीवन का केवल एक ही लक्ष्य और उद्देश्य है; और वह है– स्वयं को अपने शाश्वत स्वरुप के साथ पहचानना और इस प्रकार दिव्य भूमि का समग्र ज्ञान प्राप्त करना। हमारे हिंदू धर्म में, इन चार सिद्धांतों में से पहला सबसे स्पष्ट शब्दों में कहा गया है। दिव्य भूमि ब्रह्म है, जिसके रचनात्मक, टिकाऊ और परिवर्तनकारी पहलुओं में हिंदू त्रिमूर्ति प्रकट होती है। अभिव्यक्तियों का एक पदानुक्रम निर्जीव पदार्थ को मनुष्य, देवताओं, उच्च देवताओं और उससे परे अविभाज्य देवत्व से जोड़ता है।
भगवद् गीता से प्रेरित एक अन्य अंग्रेजी लेखक, जेरोम डेविड सालिंगर(Jerome David Salinger) थे।वह एक अमेरिकी लेखक(American author) थे, जिन्हें उनके 1951 के उपन्यास ‘द कैचर इन द राई(The Catcher in the Rye)’ के लिए जाना जाता है। द्वितीय विश्व युद्ध में सेवा देने से पहले, सालिंगर ने 1940 में स्टोरी पत्रिका(Story magazine) में कई लघु कहानियाँ प्रकाशित की थी। फिर वर्ष 1948 में, उनकी प्रशंसित कहानी “ए परफेक्ट डे फॉर बनाना फिश (A Perfect Day for Bananafish), ‘द न्यू यॉर्कर(The New Yorker)’ में प्रकाशित हुई थी।
1940 के दशक के उत्तरार्ध से, सालिंगर पूर्वी दर्शन और धर्म, विशेषकर वेदांत के प्रति प्रतिबद्ध हो गए। वेदांत आंदोलन, उन्नीसवीं शताब्दी के महापुरुष, रामकृष्ण परमहंस के जीवन और शिक्षाओं पर आधारित एक दर्शन एवं धार्मिक विचार था। न्यूयॉर्क(New York) के रामकृष्ण/विवेकानंद केंद्र का दौरा करना, न्यूयॉर्क में ही एकांतवास पर जाना और पवित्र हिंदू ग्रंथों को पढ़ना सालिंगर की दिनचर्या का भाग बन गया। वह अपने जीवन के लगभग हर फैसले को, वेदांत के सिद्धांतों पर आधारित बताते हैं। जे. डी. सालिंगर और वेदांत (J.D. Salinger & Vedanta) पुस्तक, सेलिंगर पर वेदांत के प्रभाव के महत्व को दोहराने के लिए, हिंदू धर्म में प्रचलित जीवन के चार चरणों पर आधारित है। इसका, पहला भाग – ब्रह्मचर्य; दूसरा भाग– गृहस्थ; तीसरा भाग – वानप्रस्थ्य और चौथा भाग – संन्यास है। यह पुस्तक जॉन मंडे (Jon Monday) और एना मंडे(Anna Monday) द्वारा लिखी गई है। यह परिप्रेक्ष्य लेखकों को भगवद् गीता में बताए गए, त्याग और आत्म-त्याग के सिद्धांतों के आधार पर सालिंगर के सार्वजनिक दृष्टिकोण से हटने हेतु, एक प्रशंसनीय स्पष्टीकरण पेश करने की अनुमति देता है।
अपने जीवन के अंतिम 45 वर्षों में सालिंगर ने लगातार लेखन किया;हालांकि, यह लेखन प्रकाशन के लिए नहीं था। तब वह भगवद् गीता के निर्देशों का पालन कर रहे थे, जैसा कि उनके गुरु, न्यूयॉर्क के रामकृष्ण-विवेकानंद केंद्र, के स्वामी निखिलानंद ने उन्हें सिखाया था। उन्हें सीख दी गई थी कि, हमें अपना कर्तव्य और काम करना चाहिए, जबकि फल की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए। न तो आपका उद्देश्य कर्म का फल होना चाहिए और न ही आपकी आसक्ति अकर्म के प्रति होनी चाहिए। यह शिक्षा हमें भगवद् गीता के सर्वज्ञात एवं प्रसिद्ध श्लोक – “कर्मण्येवाधिकारस्तेमाफलेषुकदाचन।” से मिलती हैं।
वास्तव में, सालिंगर द्वारा लिखित एक पूरा उपन्यास, फ्रैनी एंड ज़ूई(Franny and Zooey), इस श्लोक और कर्म योग के सार के अर्थ पर ही केंद्रित है।

संदर्भ
https://tinyurl.com/bdhyz8x3
https://tinyurl.com/3xnzu6kz
https://tinyurl.com/ut37vypk
https://tinyurl.com/zs69ej3c
https://tinyurl.com/3w464kzk
https://tinyurl.com/4fn9hvzy

चित्र संदर्भ
1. अंग्रेजी लेखक, जेरोम डेविड सेलिंगर और भगवद्गीता को दर्शाता चित्रण (wikimedia,PixaHive)
2. रूसी भगवद गीता यथारूप के साथ भारत की राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
3. ब्रिटिश लेखक और दार्शनिक एल्डस हक्सले को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
4. वर्ष 1944 में, हक्सले ने भगवद् गीता – द सॉन्ग ऑफ गॉड (Bhagwad Gita – The song of God) की प्रस्तावना लिखी थी, जिसका अनुवाद स्वामी प्रभावानंद और क्रिस्टोफर इशरवुड ने किया था। को दर्शाता चित्रण (amazon)
5. जेरोम डेविड सेलिंगर को दर्शाता चित्रण (GetArchive)
6. अंग्रेजी में भगवद् गीता के पृष्ठ को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)

***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • अपने युग से कहीं आगे थी विंध्य नवपाषाण संस्कृति
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:28 AM


  • चोपता में देखने को मिलती है प्राकृतिक सुंदरता एवं आध्यात्मिकता का अनोखा समावेश
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:29 AM


  • आइए जानें, क़ुतुब मीनार में पाए जाने वाले विभिन्न भाषाओं के शिलालेखों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:22 AM


  • जानें, बेतवा और यमुना नदियों के संगम पर स्थित, हमीरपुर शहर के बारे में
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:31 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस के मौके पर दौरा करें, हार्वर्ड विश्वविद्यालय का
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:30 AM


  • जानिए, कौन से जानवर, अपने बच्चों के लिए, बनते हैं बेहतरीन शिक्षक
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, उदासियों के ज़रिए, कैसे फैलाया, गुरु नानक ने प्रेम, करुणा और सच्चाई का संदेश
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:27 AM


  • जानें कैसे, शहरी व ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के बीच अंतर को पाटने का प्रयास चल रहा है
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:20 AM


  • जानिए क्यों, मेरठ में गन्ने से निकला बगास, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए है अहम
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:22 AM


  • हमारे सौर मंडल में, एक बौने ग्रह के रूप में, प्लूटो का क्या है महत्त्व ?
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:29 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id