Post Viewership from Post Date to 18-Aug-2023 31st
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
4268 587 4855

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

अब चिकित्सा क्षेत्र में प्रवेश पाना हुआ आसान!

मेरठ

 20-07-2023 10:01 AM
आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

बढ़ती आबादी के साथ ही देश में पेशेवर चिकित्सकों की मांग भी दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। इस बढ़ती मांग और आपूर्ति के बीच के रिक्त स्थान को भरने के लिए देश के लाखों योग्य युवा ‘राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा’ अर्थात नीट (National Eligibility cum Entrance Test (NEET) जैसी प्रवेश परीक्षा के माध्यम से मेडिकल क्षेत्र में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं। चलिए जानते हैं कि इन युवाओं कीकोशिशों को सार्थक करने के लिए सरकार क्या कर रही है?
भारतीय संसद में एक सत्र के दौरान भारतीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने उल्लेख किया कि “भारत में ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ (World Health Organization (WHO) द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा करते हुए पर्याप्त संख्या में चिकित्सक हैं।" उनके अनुसार भारत का चिकित्सक-जनसंख्या अनुपात 1:854 है, जो WHO के अनुशंसित अनुपात (1:1000) से भी बेहतर है। उन्होंने आगे यह भी बताया कि देश में 34.33 लाख पंजीकृत नर्सिंग कर्मी (Nursing Personnel) और 13 लाख सहयोगी तथा स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर हैं। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के अनुसार, देश में जून 2022 तक राज्य चिकित्सा परिषदों और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के साथ 13,08,009 पंजीकृत एलोपैथिक डॉक्टर (Allopathic Doctor) थे (जिनकी संख्या में इस साल भी वृद्धि हुई है)। देश की मौजूदा सरकार ने चिकित्सक-जनसंख्या अनुपात में सुधार के लिए कई उपाय किए हैं। इन उपायों में जिला/रेफरल अस्पतालों (District/Referral Hospitals) को उन्नत करके नए मेडिकल कॉलेज (Medical College) स्थापित करने की योजना भी शामिल है, जिसके तहत 157 नए मेडिकल कॉलेज स्वीकृत हैं और 72 पहले से ही कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त, एमबीबीएस (MBBS) और स्नातकोत्तर सीटों (PG seats) की संख्या बढ़ाने के लिए मौजूदा केंद्र और राज्य सरकारों के द्वारा मेडिकल कॉलेजों को मजबूत और उन्नत बनाया जा रहा है।
सरकार ने संकाय सदस्यों, कर्मचारियों, बिस्तरों की संख्या और बुनियादी ढांचे की आवश्यकताओं को कम करके मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के मानदंडों में भी ढील दी है। संकाय सदस्यों की कमी को दूर करने के लिए संकाय नियुक्तियों के लिए ‘डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड’ (Diplomate of National Board (DNB) योग्यता को मान्यता दी गई है। कुछ पदों के लिए नियुक्ति/विस्तार/पुनः रोजगार के लिए आयु सीमा 70 वर्ष तक बढ़ा दी गई है, और सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति के लिए सीनियर रेजीडेंसी (Senior Residency) का कार्यकाल तीन वर्ष से घटाकर एक वर्ष कर दिया गया है। इसके अलावा, सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं कि स्नातकोत्तर मेडिकल सीटें पूरी भरी जाएं। मेडिकल में स्नातकोत्तर डिग्री (PG Degree) और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों (Diploma Courses) में प्रवेश के लिए बेंचमार्क प्रतिशत (Benchmark Percentage) भी कम कर दिया गया है, और अखिल भारतीय कोटा स्नातकोत्तर सीटों के लिए काउंसलिंग राउंड (Counseling Round) को बढ़ाकर चार कर दिया गया है। 2014 के बाद से स्नातकोत्तर सीटों की संख्या में 93% की वृद्धि हुई है। नर्स-रोगी अनुपात में सुधार करने के लिए, सरकार ने छात्र-रोगी अनुपात और संस्थानों के लिए भूमि आवश्यकताओं सहित नर्सिंग शैक्षिक कार्यक्रमों के लिए नियमों में ढील दी है। यदि आप भी चिकित्सा क्षेत्र में रूचि रखते हैं और सरकार द्वारा दी जा रही ढ़ीलों और सेवाओं का लाभ उठाना चाहते है तो आप भी नीट परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं।
‘राष्ट्रीय योग्यता सह प्रवेश परीक्षा’, जिसे पहले ‘ऑल इंडिया प्री-मेडिकल टेस्ट’ (All India Pre-Medical Test (AIPMT) के नाम से जाना जाता था, भारत में एमबीबीएस (MBBS), दंत चिकित्सा (Dentistry (BDS) जैसे चिकित्सा से संबंधित विभिन्न पाठ्यक्रमों का अध्ययन करने की इच्छा रखने वाले छात्रों के लिए एक राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा होती है। यह परीक्षा ‘राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी’ (National Testing Agency (NTA) द्वारा आयोजित की जाती है। इस परीक्षा के परिणामों के आधार पर ही स्वास्थ्य अधिकारियों और परामर्श निकायों द्वारा सरकारी तथा निजी संस्थानों में सीटें आवंटित की जाती हैं। वर्तमान में नीट-यूजी (NEET-UG) ने राज्यों और कॉलेजों द्वारा आयोजित विभिन्न अन्य मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं का स्थान ले लिया। देश भर में नीट-यूजी लागू होने से पहले, प्रत्येक राज्य, मेडिकल प्रवेश के लिए अपनी प्रवेश परीक्षा आयोजित करता था। इसके अतिरिक्त, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute of Medical Sciences AIIMS), जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (Jawaharlal Institute of Postgraduate Medical Education and Research (JIPMER), चिकित्सा विज्ञान संस्थान (बनारस हिंदू विश्वविद्यालय)(Institute Of Medical Sciences (Banaras Hindu University in Varanasi (IMS-BHU), कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज मणिपाल, मैंगलोर (Kasturba Medical College (KMC Manipal, Mangalore) और क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज वेल्लोर (Christian Medical College (CMC Vellore) जैसे प्रसिद्ध मेडिकल संस्थानों द्वारा भी अपनी-अपनी प्रवेश परीक्षा आयोजित कराई जाती थी। लेकिन आज नीट-यूजी पूरे भारत में एमबीबीएस और बीडीएस कॉलेजों में प्रवेश के लिए एकमात्र प्रवेश परीक्षा मानी जाती है। आवेदकों की संख्या के हिसाब से यह देश की सबसे बड़ी परीक्षाओं में से एक है।
नीट-यूजी पाठ्यक्रम में भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के मुख्य विषय शामिल होते हैं जो ‘राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद’ (National Council of Educational Research and Training (NCERT) दिशानिर्देशों के अनुसार कक्षा 11 और 12 में पढ़ाए जाते हैं। 2019 के बाद नीट-यूजी सहित अखिल भारतीय प्रतियोगी परीक्षाओं के संचालन की जिम्मेदारी राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) की होती है। 9 मार्च 2022 को, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (National Medical Commission (NMC) ने अंडरग्रेजुएट मेडिकल कोर्स (Undergraduate Medical Course) में प्रवेश के लिए आयु सीमा के संबंध में एक पत्र (संख्या यू 11022/2/2022-यूजीएमईबी) जारी किया। इस पत्र के अनुसार, जो उम्मीदवार 17 वर्ष के हैं या परीक्षा के वर्ष 31 दिसंबर से पहले 17 वर्ष के होंगे, वे परीक्षा के लिए आवेदन करने के पात्र हैं।
पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए कोई ऊपरी आयु सीमा नहीं है। 2017 में, नीट परीक्षा के दौरान विवाद भी हुआ था जब केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board of Secondary Education (CBSE) ने बिना किसी पूर्व सूचना के नीट के लिए ऊपरी आयु सीमा और प्रयासों की अधिकतम संख्या की शुरुआत की थी। उस समय के नियम के अनुसार, 30 वर्ष से कम आयु के आरक्षित छात्रों और 25 वर्ष से कम उम्र के अनारक्षित छात्रों को तीन प्रयासों तक की सीमा के साथ नीट परीक्षा देने की अनुमति थी। हालांकि, नीट परीक्षा के नियामक बोर्ड, ‘राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी’ (एनटीए) के अनुसार, अब नीट परीक्षा के लिए अनुमत प्रयासों की संख्या पर भी कोई प्रतिबंध नहीं है।
नीट परीक्षा 2023 में, भारत में एमबीबीएस पाठ्यक्रमों के लिए कुल 1,01,043 सीटें उपलब्ध थी। इनमें से 52,778 सीटें सरकारी मेडिकल कॉलेजों में, जबकि शेष 48,265 सीटें निजी मेडिकल कॉलेजों में थी। एमबीबीएस सीटों के अलावा, बीडीएस पाठ्यक्रमों के लिए 27,868 सीटें, ‘बैचलर ऑफ वेटरनरी एंड एनिमल हसबेंडरी’ (Bachelor of Veterinary and Animal Husbandry (BVSC AH) पाठ्यक्रमों के लिए 603 सीटें और आयुष पाठ्यक्रमों के लिए 52,720 सीटें उपलब्ध थी जिन्हें नीट-यूजी 2023 काउंसलिंग के माध्यम से भरा जा सकता था।
इस साल सरकार ने एमबीबीएस सीटों की कुल संख्या में 97 फीसदी की बढ़ोतरी भी की। नीट परीक्षा 2023 में एमबीबीएस सीटों का आवंटन मेरिट सूची (Merit List) पर आधारित था, जो प्रवेश परीक्षा में छात्रों द्वारा प्राप्त अंकों और रैंक पर विचार करता है।
नीट-यूजी 2023 के आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस सीटों की संख्या सबसे अधिक थी। इनमें से प्रत्येक राज्य अतिरिक्त 5,200 सीटों की पेशकशकरता है, जिससे उम्मीदवारों को प्रवेश पाने का बेहतर मौका मिलता है। ‘स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय’ ने भी नीट-यूजी 2023 के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 10% सीटें आरक्षित की थी। जारी आंकड़ों के मुताबिक, इस साल कुल 20,87,462 उम्मीदवारों ने परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया था। इनमें से 20,38,596 उम्मीदवार वास्तव में परीक्षा के लिए उपस्थित हुए। नीट-यूजी 2023 में कुल 20,87,462 पंजीकृत उम्मीदवार थे, जिनमें 9,02,936 पुरुष, 11,84,513 महिलाएं और 13 ट्रांसजेंडर (Transgender) छात्र शामिल थे।

संदर्भ
https://tinyurl.com/mr2vbscn
https://tinyurl.com/y84mfxyn
https://tinyurl.com/278jsm4c
https://tinyurl.com/mum9prjt
https://tinyurl.com/2s4dhym4

चित्र संदर्भ
1. एक भारतीय महिला चिकित्सक को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
2. ऑपरेशन करते चिकित्सकों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. भारतीय नौसेना सर्जन कमांडर को संदर्भित करता एक चित्रण (PICRYL)
4. एक पुस्तकालय को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
5. सर्जरी में मदद करते युवाओं को दर्शाता चित्रण (wikimedia)

***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • आधुनिक हिंदी और उर्दू की आधार भाषा है खड़ी बोली
    ध्वनि 2- भाषायें

     28-12-2024 09:28 AM


  • नीली अर्थव्यवस्था क्या है और कैसे ये, भारत की प्रगति में योगदान दे रही है ?
    समुद्री संसाधन

     27-12-2024 09:29 AM


  • काइज़ेन को अपनाकर सफलता के शिखर पर पहुंची हैं, दुनिया की ये कुछ सबसे बड़ी कंपनियां
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     26-12-2024 09:33 AM


  • क्रिसमस पर लगाएं, यीशु मसीह के जीवन विवरणों व यूरोप में ईसाई धर्म की लोकप्रियता का पता
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     25-12-2024 09:31 AM


  • अपने परिसर में गौरवपूर्ण इतिहास को संजोए हुए हैं, मेरठ के धार्मिक स्थल
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     24-12-2024 09:26 AM


  • आइए जानें, क्या है ज़ीरो टिलेज खेती और क्यों है यह, पारंपरिक खेती से बेहतर
    भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

     23-12-2024 09:30 AM


  • आइए देखें, गोल्फ़ से जुड़े कुछ मज़ेदार और हास्यपूर्ण चलचित्र
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:25 AM


  • मेरठ के निकट शिवालिक वन क्षेत्र में खोजा गया, 50 लाख वर्ष पुराना हाथी का जीवाश्म
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:33 AM


  • चलिए डालते हैं, फूलों के माध्यम से, मेरठ की संस्कृति और परंपराओं पर एक झलक
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:22 AM


  • आइए जानते हैं, भारत में कितने लोगों के पास, बंदूक रखने के लिए लाइसेंस हैं
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:24 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id