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अमेरिकी राष्ट्रपति के निवास स्थल ‘व्हाइट हाउस’ (The White House) को दुनिया की सबसे सुरक्षित और सबसे खूबसूरत इमारतों में से एक माना जाता है। लेकिन मेरठवासियों को इसे देखने के लिए अमेरिका (America) जाने की कोई आवश्यकता नहीं है। दरसल मेरठ कैंट (Meerut Cantt) में ‘नागरिक सुरक्षा लेखा’ (Civil Defense Account (CDA) कार्यालय, जिसे मूल रूप से “बेल्वेडियर कॉम्प्लेक्स” (Belvedere Complex) कहा जाता है, भी हूबहू वाशिंगटन डीसी (Washington DC) में मौजूद व्हाइट हाउस इमारत की प्रतिकृति जैसा दिखता है।
‘बेल्वेडियर’ शब्द आम तौर पर एक ग्रीष्मकालीन घर या उच्च स्तर पर स्थित एक खुली छत वाली गैलरी (Gallery) को संदर्भित करता है, जो एक सुंदर दृश्य प्रदान करता है। यह इमारत न केवल देखने में शानदार है, बल्कि इसका इतिहास भी उतना ही रोमांचक है इसलिए इसका इतिहास सभी मेरठ वासियों को जरूर पता होना चाहिए।
भारत के उत्तर प्रदेश में मौजूद हमारे शहर मेरठ का एक लंबा इतिहास सिंधु घाटी सभ्यता से जुड़ा हुआ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस शहर का नाम ‘माया राष्ट्र’ से आया है, जिसका अर्थ ‘माया का देश’ होता है। हिंदू पौराणिक कथाओं में, माया को असुरों का वास्तुकार माना जाता था। मेरठ शहर को रावण का ससुराल भी माना जाता है। मेरठ पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण औद्योगिक शहर है, जो पारंपरिक रूप से हथकरघा और कैंची उद्योगों के लिए जाना जाता है । ब्रिटिश राज के दौरान, हमारा मेरठ एक प्रमुख सैन्य केंद्र - एक छावनी (कैंट) था। 1800 के दशक की शुरुआत में, अंग्रेजों के अलावा विभिन्न यूरोपीय राष्ट्रीयताओं के लोग भी मेरठ में रहते थे। 1803 में मराठों के साथ एक संधि के माध्यम से अंग्रेज़ भी मेरठ पहुंचे। मेरठ की छावनी की स्थापना 1806 में राजनीतिक कारणों से की गई थी, क्योंकि यह दिल्ली से नजदीक था और उपजाऊ गंगा-यमुना दोआब क्षेत्र में स्थित था। समय के साथ, अपनी महत्वपूर्ण भौगोलिक स्थिति के कारण, मेरठ भारत के सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण सैन्य केंद्रों में से एक बन गया।
इस क्षेत्र में धार्मिक स्थलों का शानदार मिश्रण नजर आता है, जिसमें मस्जिदों से अज़ान और पास के डोगरा मंदिर से घंटियों की आवाज़ आती है। इस शहर ने कैनन रो रोड (Canon Row Road) और रॉयल आर्टिलरी लाइन्स (The Royal Artillery Lines) जैसी सड़कों के माध्यम से आज तक अपने औपनिवेशिक अतीत को बरकरार रखा है।
‘बेल्वेडियर कॉम्प्लेक्स’ मेरठ छावनी में स्थित एक ऐसी ही महत्वपूर्ण ऐतिहासिक इमारत मानी जाती है। अमेरिकी राष्ट्रपति के निवास के समान दिखने के कारण इस परिसर को अक्सर ‘व्हाइट हाउस’ भी कहा जाता है। यह इमारत 1922 से ‘रक्षा लेखा नियंत्रक-सेना’ (Controller Of Defense Accounts-Army (CDA-Army) के कार्यालय के रूप में विशेष ऐतिहासिक महत्व रखती है। इसका निर्माण वर्ष 1802 में किया गया था और यह पिछली शताब्दी से रक्षा लेखा सेवाओं के मुख्यालय के रूप में कार्य कर रही है।
सीडीए (सेना) (CDA (Army) और सीडीए (फंड) (CDA (Fund) दोनों का क्षेत्रीय मुख्यालय मेरठ में है। ब्रिटिश काल के दौरान और आजादी के बाद भी, सीडीए (सेना) को उच्च प्रतिष्ठित पद प्राप्त था। इसे अनौपचारिक रूप से वायसराय कार्यालय (Viceroy's Office) भी कहा जाता था, क्योंकि यहां से सीधे सेना की निगरानी की जाती थी।
सीडीए (सेना), मेरठ का कार्यालय मेरठ कैंट में आयुध पथ पर ऐतिहासिक बेल्वेडियर कॉम्प्लेक्स इमारत में स्थित है। इस इमारत का निर्माण 1802 में किया गया था लेकिन यह इमारत 1897 में सुचारू रूप से सक्रिय हुई। इसे 1858 में ‘रॉयल हॉर्स आर्टिलरी मेस’ (Royal Horse Artillery Mess) के रूप में बनाया गया था। पहले इस इमारत का इस्तेमाल बॉलरूम डांस हॉल (Ballroom Dance Hall) के रूप में किया जाता था। इस जानकारी की पुष्टि रक्षा लेखा नियंत्रक-सेना की वेबसाइट (Website) पर दी गई है।
भारतीय सेना और ब्रिटिश भारतीय सेना (British Indian Army) दोनों के लेखा परीक्षक के रूप में, सीडीए (सेना) भवन ने छावनी के भीतर सैन्य मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ऐतिहासिक बेल्वेडियर कॉम्प्लेक्स कई दशकों से मेरठ छावनी का एक अभिन्न अंग रहा है। हालाँकि, बॉलरूम डांस हॉल के रूप में कॉम्प्लेक्स की उत्पत्ति और 1897 में इसके बाद के सक्रियण से यह संकेत मिलता है कि समय के साथ इस ईमारत में कई बदलाव भी किये गए हैं। सैन्य लेखा विभाग (अब रक्षा लेखा विभाग) द्वारा 1922 में इस इमारत का उपयोग करना शुरू कर दिया गया। वर्तमान में, यह स्थान सीडीए (सेना) मेरठ के मुख्यालय के रूप में कार्यरत है, और इसमें रक्षा लेखा विभाग के विभिन्न कार्यालय स्थित हैं।
सीडीए (सेना) मेरठ, भारत में रक्षा लेखा विभाग का एक हिस्सा है। इसका नेतृत्व रक्षा लेखा महानियंत्रक द्वारा किया जाता है और यह रक्षा मंत्रालय के अधीन संचालित होता है। सीडीए (सेना) मेरठ कार्यालय की स्थापना 1 जनवरी 1995 में सीडीए (मध्य कमान) (CDA(CC) और सीडीए (ओआर) उत्तरी मेरठ के पुनर्गठन के परिणामस्वरूप हुई थी। इसका मुख्य लक्ष्य सेना को कुशल एवं त्वरित सेवाएँ प्रदान करना है। इसके ऑडिट क्षेत्र (Audit Area) में उत्तराखंड में जोशीमठ, उत्तर प्रदेश में आगरा और बरेली तक के क्षेत्र शामिल हैं। सीडीए (सेना) मेरठ की जिम्मेदारियों में, एक क्षेत्रीय नियंत्रक के रूप में कार्य करना और अन्य रैंकों के खातों का संचालन शामिल है। सीडीए (सेना) मेरठ सेना अधिकारियों को खातों से संबंधित अनुरोधित डेटा भी प्रदान करता है।
संदर्भ
https://tinyurl.com/2ujhnm47
https://tinyurl.com/wwnze84c
https://tinyurl.com/5n83eb6
https://tinyurl.com/2n8xyt66
https://tinyurl.com/vdbbj794
https://tinyurl.com/2bmhy5zp
https://tinyurl.com/y9eyun76
चित्र संदर्भ
1. मेरठ के नागरिक सुरक्षा लेखा को दर्शाता चित्रण (facebook)
2. सामने से मेरठ के व्हाइट हाउस’ को दर्शाता चित्रण (facebook)
3. मेरठ कैंटोनमेंट बोर्ड को दर्शाता चित्रण (prarang)
4. बेल्वेडियर कॉम्प्लेक्स की एक पुरानी तस्वीर को दर्शाता चित्रण (facebook)
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