Post Viewership from Post Date to 31-Jul-2023 31st
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
1558 630 2188

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

चिंता से निपटने में 'मैजिक मशरूम', क्या सच में है जादू की छड़ी? शोधकर्ता कर रहे अध्ययन

मेरठ

 14-06-2023 09:24 AM
फंफूद, कुकुरमुत्ता

आपने ऐसी औषधियों या जड़ी बूटियों के बारे में अवश्य सुना होगा, जो चोट लगने या जलने पर उत्पन्न हुए घावों को ठीक कर देती हैं! लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्राचीन भारतीय साहित्य में एक ऐसे मशरूम का वर्णन भी मिलता है, जो आपकी मनोदशा को प्रभावित कर सकता है। यहां तक कि यह मशरूम, तनाव जैसी जटिल समस्याओं को दूर करके, मानसिक स्वास्थ में बड़े सकारात्मक बदलाव कर सकता है। साइलोसाइबिन मशरूम (Psilocybin Mushroom), जिसे आमतौर पर मैजिक मशरूम (Magic Mushroom) के रूप में जाना जाता है, कवक का एक अनौपचारिक समूह है जिसमें साइलोसाइबिन यौगिक होता है। ‘जॉन्स हॉपकिन्स सेंटर फॉर साइकेडेलिक एंड कॉन्शसनेस रिसर्च’ (Johns Hopkins Center For Psychedelic And Consciousness Research) में मानसिक बीमारियों के इलाज के लिए ‘मैजिक मशरूम’ में पाए जाने वाले यौगिक ‘साइलोसाइबिन’ (Psilocybin) का गहराई से अध्ययन किया जा रहा है। माना जा रहा है कि साइलोसाइबिन, जो एक मनोविकृतिकारी यौगिक होने के कारण केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में प्रवेश करने में सक्षम है, हमारे मस्तिष्क और मनोदशा को प्रभावित कर सकता है! हालांकि वैज्ञानिक अभी भी इसके संभावित लाभों के बारे में अध्ययन कर रहे हैं। इन शोधकर्ताओं को विभिन्न मनोरोग विकारों को दूर करने के लिए नए उपचार विकसित करने हेतु 17 मिलियन डॉलर (17 Million Dollars) की आर्थिक मदद मिली हुई है। इस आर्थिक मदद से शोधकर्ताओं का लक्ष्य ऐसे उपचार विकसित करना है, जो प्रत्येक रोगी के लिए अनुकूलित हों। वे यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि स्वस्थ व्यक्तियों की सेहत में साइलोसाइबिन क्या बदलाव कर सकता है?
2006 में, जॉन्स हॉपकिन्स के शोधकर्ताओं ने एक महत्वपूर्ण अध्ययन किया, जिसके बाद उन्हें साइलोसाइबिन की एकल खुराक लेने के बाद ही, सकारात्मक और स्थायी प्रभाव दिखाई देने शुरू हो गए। इस अध्ययन ने दुनिया भर के शोधकर्ताओं को साइकेडेलिक शोध को नए सिरे से शुरू करने के लिए प्रेरित किया। 2014 में, जॉन्स हॉपकिन्स के शोधकर्ताओं ने पाया कि साइलोसाइबिन और संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (Cognitive Behavioural Therapy) के संयोजन से, लंबे समय से धूम्रपान करने वाले लोगों को धूम्रपान छोड़ने में मदद मिली। इसके अलावा 2016 में किये गए एक अध्ययन से पता चला कि साइलोसाइबिन की एक बड़ी खुराक ने कैंसर से संबंधित चिंता या अवसाद वाले रोगियों को छह महीने तक बड़ी राहत प्रदान की। 2018 में, जॉन्स हॉपकिन्स के शोधकर्ताओं ने साइलोसाइबिन के संभावित चिकित्सा लाभों को देखते हुए, इसे अनुसूची I दवा (Schedule I Drug) से अनुसूची IV दवा (Schedule IV Drug) में पुनर्वर्गीकृत करने का सुझाव दिया। वहीं 2019 के एक सर्वेक्षण में पाया गया कि मशरूम से प्राप्त साइकेडेलिक दवा का उपयोग शराब और अन्य मादक द्रव्यों के सेवन की लत को नियंत्रित करने में भी किया जा सकता है। 2020 में किये गए एक ब्रेन स्कैन (Brain Scan) से पता चला कि साइलोसाइबिन ‘क्लॉस्ट्रम’ (Claustrum),दिमाग की एक परत जो ध्यान और बदलाव कार्यों के लिए जिम्मेदार होती है, उसमे होने वाली अनियमित गतिविधि को कम करती है। इसके अलावा 2020 में ही किये गए एक छोटे से अध्ययन से यह भी पता चला कि साइलोसाइबिन सहायक मनोचिकित्सा के तहत अवसादग्रस्तता के लक्षणों को भी तेजी से कम करती है।
साइकेडेलिक दवाएं कई प्रकार की होती हैं, जिनमें क्लासिक साइकेडेलिक्स जैसे मशरूम और नागफनी के साथ ही साथ एमडीएमए (MDMA) जैसे एंटैक्टोजेंस (Entactogens) भी शामिल हैं। कई अन्य चिकित्सा पद्धतियों की भांति, भारतीय संस्कृति में साइकेडेलिक्स का भी एक लंबा इतिहास रहा है। इन दवाओं में मस्तिष्क में पीनियल ग्रंथि (Pineal Gland) को फिर से तारित और सक्रिय करने की क्षमता होती है, जिसका मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। आज भारत में मानसिक स्वास्थ्य एक गंभीर मुद्दा बन गया है, ऐसे में साइकेडेलिक दवाएं इस क्षेत्र में क्रांति ला सकती हैं। हालांकि, इन पर बहुत अधिक निर्भरता बढ़ाने और आशावादी होने से पहले, आपको यह बता दें कि साइकेडेलिक दवाओं के कुछ जोखिम भी होते हैं। साइकेडेलिक थेरेपी के लिए बहुत अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है! बहुत अधिक मात्रा में लेने पर व्यामोह और मतिभ्रम जैसे नकारात्मक प्रभाव उत्पन्न हो सकते हैं। साथ ही आपके लिए यह जानना भी जरूरी है कि ये दवाएं दुनिया के कई हिस्सों में अवैध हैं। हालांकि, अपने सकारात्मक पहलू में साइकेडेलिक्स दवाएं मस्तिष्क में सेरोटोनिन रिसेप्टर्स (Serotonin Receptors) पर कार्य करके धारणाओं और मनोदशा को बदल सकती हैं। किंतु साइकेडेलिक थेरेपी शुरू करने से पहले किसी विशेषज्ञ पर्यवेक्षण की सलाह लेनी भी बहुत जरूरी है। ये दवाएं गहरी भावनाओं को प्रेरित कर सकती हैं, इसलिए उपचार में लम्बा समय लग सकता है।
हाल ही में चार्ल्स तृतीय (CharlesIII) और डायना (Diana) के अनुज पुत्र, प्रिंस हैरी (Prince Harry) ने भी साइकेडेलिक थेरेपी का समर्थन किया था, जिसके बाद यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) के लोगों की भी साइकेडेलिक्स के क्षेत्र में रूचि बढ़ गई है। उनके अलावा कई अन्य प्रभावशाली हस्तियां भी मैजिक मशरूम के इस सक्रिय यौगिक, साइलोसाइबिन के चिकित्सीय उपयोग की वकालत कर रही हैं।
आज दुनियाभर के लोगों का पारंपरिक अवसादरोधी दवाओं में विश्वास कम हो रहा है, और वे प्राकृतिक विकल्पों की ओर मुड़ रहे हैं, जिसके कारण भी साइकेडेलिक उपचारों में रुचि बढ़ रही है। इन दवाओं का प्रयोग नशे के लिए भी किया जा सकता है, लेकिन इन सभी जोखिमों के बावजूद, निवेशक 2027 तक साइकेडेलिक उद्योग का बाजार मूल्य $ 10.75 बिलियन डॉलर तक पहुचने का अनुमान लगा रहे हैं। हालांकि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि साइकेडेलिक थेरेपी के लिए चिकित्सीय पर्यवेक्षण की आवश्यकता होती है, और बिना चिकित्सीय हस्तक्षेप के, मनोरंजक रूप से मशरूम का इस्तेमाल करना, सेहत के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है। कुल मिलाकर साइकेडेलिक्स उपचार में बढ़ती रुचि मानसिक स्वास्थ्य उपचार और वैकल्पिक उपचारों के प्रति खुलेपन के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव को दर्शा रही है। लेकिन याद रहे, कि हमें अभी साइकेडेलिक उपचारों की प्रभावशीलता के संदर्भ में अभी भी कठोर शोध और बड़े पैमाने पर अध्ययन की आवश्यकता है।

संदर्भ
http://surl.li/hugsz
http://surl.li/hugtk
http://surl.li/hugtp

 चित्र संदर्भ
1. साइलोसाइबिन मशरूम को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
2. हाथ में साइलोसाइबिन मशरूम को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
3. साइलोसाइबिन मशरूम की 100+ साइकोएक्टिव प्रजातियों के वैश्विक वितरण को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
4. साइलोसाइबिन मशरूम के दिमाग पर पड़ने वाले प्रभाव को दर्शाता चित्रण ( Free SVG)
5. मस्तिष्क में सेरोटोनिन रिसेप्टर्स को संदर्भित करता एक चित्रण (Store medisinske leksikon - Store norske leksikon)
6. 1.5 ग्राम सूखे साइलोसाइबिन मशरूम के एक बैग को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)

***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • अपने युग से कहीं आगे थी विंध्य नवपाषाण संस्कृति
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:28 AM


  • चोपता में देखने को मिलती है प्राकृतिक सुंदरता एवं आध्यात्मिकता का अनोखा समावेश
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:29 AM


  • आइए जानें, क़ुतुब मीनार में पाए जाने वाले विभिन्न भाषाओं के शिलालेखों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:22 AM


  • जानें, बेतवा और यमुना नदियों के संगम पर स्थित, हमीरपुर शहर के बारे में
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:31 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस के मौके पर दौरा करें, हार्वर्ड विश्वविद्यालय का
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:30 AM


  • जानिए, कौन से जानवर, अपने बच्चों के लिए, बनते हैं बेहतरीन शिक्षक
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, उदासियों के ज़रिए, कैसे फैलाया, गुरु नानक ने प्रेम, करुणा और सच्चाई का संदेश
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:27 AM


  • जानें कैसे, शहरी व ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के बीच अंतर को पाटने का प्रयास चल रहा है
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:20 AM


  • जानिए क्यों, मेरठ में गन्ने से निकला बगास, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए है अहम
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:22 AM


  • हमारे सौर मंडल में, एक बौने ग्रह के रूप में, प्लूटो का क्या है महत्त्व ?
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:29 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id