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भारत में आज वीडियो गेमिंग (Video gaming) एक उभरता हुआ बाजार बन गया है, क्योंकि भारत में ऑनलाइन गेमिंग में मजबूत वृद्धि हुई है। इस कारण भारत दुनिया के शीर्ष गेमिंग बाजारों में से एक बन गया है। हालांकि, 1990 के दशक में भारत में वीडियो गेमिंग उद्योग अस्तित्वहीन था, लेकिन 2010 के अंत तक आते-आते भारतीय वीडियो गेमिंग उद्योग वैश्विक स्तर पर शीर्ष बाजारों में से एक बन गया। 2019 में, भारत में ऑनलाइन वीडियो गेमिंग बाजार का मूल्य करीब 300 मिलियन गेमर्स के साथ लगभग 6,200 करोड़ रुपए था, जिसमें केवल 1 वर्ष में ही 2018 की तुलना में 41.6% की वृद्धि हुई थी। 2020 की तीसरी तिमाही तक लगभग 7.4 बिलियन से अधिक मोबाइल गेम डाउनलोड के साथ, भारतीय वीडियो गेमिंग उद्योग 2021 तक दुनिया के शीर्ष पांच मोबाइल गेमिंग बाजारों में से एक बन गया था। तो आइए, आज भारत में गेमिंग उद्योग के इतिहास और हाल के वर्षों में इसमें आए तीव्र उछाल के बारे में जानकारी प्राप्त करें।
2000 के दशक में, भारत में मोबाइल के आम लोगों की पहुंच में आने तक वीडियो गेम केवल वीडियो गेम पार्लर (Video Game Parlour) में ही उपलब्ध होते थे, जहां सिक्के की मदद से चलने वाली मशीनों के जरिए वीडियो गेम खेले जाते थे। 1990 के दशक में, कार्ट्रिज (cartridge) पर चलने वाले 8-बिट एनईएस क्लोन (8-bit NES clone) भारत में पेश किए गए। प्रत्येक कार्ट्रिज में सुपर मारियो ब्रोस (Super Mario Bros) या कॉन्ट्रा (Contra) जैसे कई क्लासिक गेम शामिल थे। 90 के दशक के मध्य में, भारत में व्यक्तिगत कंप्यूटरों और सोनी प्ले स्टेशन (Sony PlayStation) की अत्यधिक बिक्री ने 8-बिट कंसोल को प्रतिस्थापित किया। खिलाड़ी अब कार्ट्रिज खरीदने के बजाय कंप्यूटरों पर ‘द सिम्स’ (The Sims) जैसे गेम डाउनलोड करने में सक्षम हो गए थे। सन् 2000 के दशक में, भारत में मोबाइल डिवाइस अधिक आम होने से गेमिंग में भारी वृद्धि हुई, क्योंकि अधिकांश स्मार्टफोन्स (Smartphones) में गेमिंग की सुविधा उपलब्ध थी। 2013 में स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं की संख्या जहां 76 मिलियन थी, वहीं 2020 में यह संख्या 696 मिलियन पहुंच गई। अनुमान लगाया जा रहा है कि भारत में 2025 तक वीडियो गेम उपयोगकर्ताओं की संख्या 970 मिलियन तक पहुंच सकती है।
सार्वजनिक इंटरनेट एक्सेस प्रदान करने वाले साइबर कैफेज (Cyber cafés) द्वारा भारत के वीडियो गेम बाजार के विकास में योगदान दिया गया। 2006 में, भारत में 100,000 से अधिक साइबर कैफे थे, जिनमें से 40% कैफेज का उपयोग ऑनलाइन गेम खेलने के लिए किया जाता था। इसी बीच भारत में वीडियो गेम स्टूडियो भी पनप रहे थे। 2009 में, भारत में केवल 15 खेल विकास स्टूडियो (Game Development Studios) थे। 2021 तक भारत में 15,000 गेम विकासकर्ता और 275 गेम डेवलपिंग कंपनियां थी। तकनीकी और गेमिंग कंपनियों ने भारत के गेमिंग उद्योग की क्षमता देखकर इसमें निवेश करना शुरू कर दिया। भारत में बड़े खेल सम्मेलनों की मेजबानी तब शुरू हुई, जब 2014 में इस बात का अनुमान लगाया गया कि यह उद्योग 4,200 करोड़ रुपए तक की कमाई कर सकता है। भारतीय महाविद्यालयों द्वारा भी छात्रों को गेम डिजाइन और विकास पाठ्यक्रम की पेशकश शुरू की गई, जिससे युवा पीढ़ी उद्योग में शामिल हो गई और गेम डेवलपर्स (game developers) में वृद्धि हुई। भारत में पूरी तरह से बनाया गया पहला ‘प्ले स्टेशन 2’ (Play Station 2) वीडियो गेम ‘हनुमान: बॉय वारियर’ (Boy Warrior) हिंदू पौराणिक कथाओं पर आधारित था, और भगवान हनुमान की कहानी का अनुसरण करता था। यह गेम हैदराबाद में स्थित एक गेमिंग स्टूडियो ऑरोना टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (Aurona Technologies Limited) द्वारा विकसित किया गया था।
2022 में, भारत सरकार द्वारा भी आधिकारिक तौर पर ईस्पोर्ट्स को एक खेल के रूप में मान्यता प्रदान की गई, और इसे क्रिकेट और फुटबॉल जैसे मुख्य खेलों के साथ शामिल किया गया। फरवरी 2021 में, ट्विटर पर हैशटैग #RecognizeEsportsInIndia के अत्यधिक प्रचलित होने के कारण भारत सरकार का ध्यान इस तरफ आकर्षित हुआ। कुछ सप्ताह बाद, भारतीय ओलंपिक संघ (Indian Olympic Association (IOA) ने एक आधिकारिक खेल के रूप में ईस्पोर्ट्स के निर्यात की घोषणा की और भारतीय खेल महासंघ (Esports Federation of India (ESFI) ने इसके शासी निकाय के रूप में घोषणा की। इस घोषणा से पहले, भारत में ई-स्पोर्ट्स को एक प्रदर्शन खेल माना जाता था। इसके बाद एशियाई खेलों (Asian Games) और राष्ट्रमंडल खेलों में ई-स्पोर्ट्स को एक आधिकारिक पदक खेल के रूप में भी शामिल किया गया। पिछले साल भारतीय मल्टीप्लेयर बैटल एरेना वीडियो गेम टीम ‘डीओटीए टू’ (DOTA 2) ने बर्मिंघम (Birmingham) में हुई पहली राष्ट्रमंडल ‘ईस्पोर्ट्स चैम्पियनशिप’ में न्यूजीलैंड (New Zealand) को हराकर कांस्य पदक भी जीता था। पिछले कुछ वर्षों से भारतीय डिजिटल गेमिंग उद्योग के तेजी से बढ़ने का मुख्य कारण कोरोना महामारी भी है। इसके साथ ही किफायती डेटा और स्मार्टफोन तक लोगों की पहुंच, और डिजिटलीकरण में वृद्धि ने भी भारतीय डिजिटल गेमिंग उद्योग का तेजी से विस्तार किया है। यह भी अनुमान लगाया गया है कि 2025 तक 46% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (Compound annual growth rate (CAGR) से यह उद्योग 1,100 करोड़ रुपए का उद्योग बन जाएगा। यह भी अनुमान लगाया गया है कि ईस्पोर्ट्स में 2025 तक 11,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां सृजित करने, और भारतीय डिजिटल गेमिंग उद्योग में एक प्रमुख योगदानकर्ता बनने की क्षमता है। फरवरी 2022 में, आइनॉक्स लीशर (INOX Leisure) ने देश भर में अपने सिनेमाघरों में, ESFI टूर्नामेंटों की विशेष रूप से मेजबानी और प्रचार करने के लिए भारतीय खेल महासंघ के साथ भागीदारी की। भारत में ईस्पोर्ट्स का राजस्व 2020 में 750 करोड़ रुपए से 29% बढ़कर 2021 में 970 करोड़ रुपए हो गया। 2021 में खिलाड़ियों की संख्या दोगुनी होकर 600,000 हो गई, जबकि उसी वर्ष दर्शकों की संख्या बढ़कर 2 मिलियन घंटे हो गई। 2022 में 20 प्रतिशत महिलाओं के साथ खिलाड़ियों की संख्या 10 लाख तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया।
कई लोग ईस्पोर्ट्स को आकस्मिक डिजिटल गेमिंग और रियल मनी गेमिंग (Real Money Gaming) के समान मानते हैं, लेकिन ईस्पोर्ट्स आकस्मिक डिजिटल गेमिंग और रियल मनी गेमिंग से स्पष्ट रूप से अलग है। ईस्पोर्ट्स एक प्रकार का वीडियो गेम टूर्नामेंट है, जिसमें विशेष रूप से पेशेवर खिलाड़ी, या तो एकल, या एक टीम के रूप में शामिल होते हैं। इसमें आम तौर पर वित्तीय पुरस्कारों के लिए एक दूसरे के खिलाफ खेलने वाली टीमें शामिल होती हैं। ईस्पोर्ट्स में कुशल एथलीट (athletes) शामिल होते हैं, जो पुरस्कार राशि और वैश्विक मान्यता के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं। जबकि सभी ईस्पोर्ट्स वीडियो गेम हैं, लेकिन सभी वीडियो गेम ईस्पोर्ट्स नहीं हो सकते हैं। कुछ लोकप्रिय ईस्पोर्ट्स में काउंटर स्ट्राइक (Counter Strike), फोर्टनाइट (Fortnite) और वैलोरेंट (Valorant) शामिल हैं। प्रतिस्पर्धी गेमिंग को ईस्पोर्ट्स के अंकुरण बिंदु के रूप में देखा जा सकता है। ईस्पोर्ट्स के अन्य विशिष्ट तत्वों में बड़ा खिलाड़ी आधार और दर्शक, स्कोर ट्रैकिंग (score tracking) सुविधाएं, टूर्नामेंट आयोजकों और वीडियो गेम प्रकाशकों का समर्थन आदि शामिल है। मुख्य खेलों की तरह, ईस्पोर्ट्स के हितधारक, जैसे कि टीम और टूर्नामेंट आयोजक एक प्रमुख राजस्व स्रोत के रूप में दर्शकों की मुद्रा पर निर्भर होते हैं। ईस्पोर्ट्स के अनेक दर्शक हैं, जिसकी वजह से उद्योग को ओटीटी (OTT) और अन्य प्रमुख मंचों पर जगह मिली है। उदाहरण के लिए, भारत में एक ईस्पोर्ट्स कंपनी ‘नोडविन गेमिंग’ (NODWIN Gaming) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को स्टार स्पोर्ट्स 2 (Star Sports 2) चैनल पर प्रसारित किया गया, जिसने पहले आठ दिनों में 12.3 मिलियन व्यूज (Views) बटोरे।
संदर्भ:
https://rb.gy/b5m0i
https://tinyurl.com/yckr2m6s
चित्र संदर्भ
1. भारत में ऑनलाइन गेम के उभरते बाजार को दर्शाता एक चित्रण (Pxfuel)
2. वीडियो गेम पार्लर को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
3. सुपर मारियो ब्रोस को दर्शाता चित्रण (Trusted Reviews)
4. बॉय वॉरियर गेम को दर्शाता चित्रण (Pexels)
5. ऑनलाइन गेम को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. वित्त वर्ष 2017 में प्रति प्लेटफॉर्म राजस्व के हिसाब से भारत के ऑनलाइन गेमिंग बाजार को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
7. काउंटर स्ट्राइक गेम को संदर्भित करता एक चित्रण (Store norske leksikon)
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