सर डेविड ऑक्टरलोनी ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी में मेजर जनरल थे। उन्होंने लार्ड लेक के साथ दुसरे आंग्ल-मराठा युद्ध में हिस्सा लिया था और आंग्ल-नेपाली युद्ध में भी अपने पराक्रम से जीत हासिल की थी। आंग्ल-नेपाल के युद्ध में जीत हासिल करनेके लिए उन्हें नाइट कमांडर ऑफ़ बाथ : बाथ के शूरवीर सेनापति यह उपाधि दी गयी जो भारतीय सैन्य के ब्रितानी सैनिक को पहली बार दी गयी थी और सन 1815 में उन्हें बैरोनेट (उपसामंत अथवा छोटा नवाब) का पद दिया गया। सर डेविड बहुत की आला किस्म के इंसान थे। वे भारतीय परंपरा और मुग़ल रीतिरिवाज़ में रूचि रखते थे। मान्यता है की वे दिल्ली के पहले ब्रितानी नागरिक थे तथा उनकी 13 बीवियां थी जिनके साथ वे लाल किल्ले के आस-पास शाम के वक़्त हाथी के ऊपर बैठकर घूमते थे। बीबी मुबारक-उल-निस्सा उनकी सबसे प्रिय बीवी थी। मुबारक-उल-निस्सा जिन्हें जनराली बेगम के नाम से भी जाना जाता है पूना से थी और उनसे सर डेविड को दो लड़कियां भी थी। इनके नाम से दिल्ली में मुबारक बाग बनाया गया था जिसमे सर डेविड के लिए एक कब्र भी बनायी गयी थी और जिसे मुग़ल शासक शाह आलम ने उन्हें तोहफे के तौर पर नज़र किया था। मगर सर डेविड की असल कब्र मेरठ के सबसे पुराने चर्च से जुड़े संत जॉन कब्रिस्तान में है। इसका कारण यह था की दिल्ली जाने से पहले ही सर डेविड की मौत हो गयी थी और उन्हें सन 1825 के जुलाई में यहाँ दफनाया गया। उनकी मौत के बाद दिल्ली की मुबारक बाग उनकी प्रिय बेगम मुबारक-उल-निस्सा के अख्तियार में आ गयी। प्रस्तुत चित्र: चित्र 1: सर डेविड ऑक्टरलोनी का चित्र चित्र 2: यह चित्र सर डेविड ऑक्टरलोनी का बताया जाता है जिसमे वे भारतीय पोशाख पहने हुक्का पिते हुए और नाच देखते हुए दिखाए गए हैं। 1. https://goo.gl/Jf5RY1 2. https://goo.gl/PCPE2M 3. https://goo.gl/XUXcpE 4. https://goo.gl/JJZRNS 5. डेविड ऑक्टरलोनी https://en.wikipedia.org/wiki/David_Ochterlony 6. कास्सेल्स इलस्ट्रेटेड हिस्ट्री ऑफ़ इंडिया वॉल्यूम 1: जेम्स ग्रांट
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