जब कभी भी हम मुश्किल और गहरे तनाव में होते हैं, तब, अपनों का साथ और उनका हमारे ऊपर भरोसा ही, हमारे लिए सबसे बड़ा उपचार बन जाता है। लेकिन कई बार यह तनाव इस हद तक बढ़ जाता है कि उसे महज भरोसे और अपनों के साथ के दम पर ठीक नहीं किया जा सकता! ऐसी स्थिति में कई लोग मनोविकृतिकारी या आम भाषा में कहें तो साइकेडेलिक दवाओं (Psychedelic Drugs) की ओर रुख करते हैं। आज हम इन्हीं दवाओं के लाभ तथा संभावित नुक़सानों की जाँच करेंगे।
‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ (World Health Organization (WHO) का अनुमान है कि विश्व स्तर पर 264 मिलियन से अधिक लोग गहरे अवसाद (Depression) से पीड़ित हैं, और तक़रीबन एक बिलियन लोग मानसिक बीमारी के कारण मादक द्रव्यों के सेवन विकार (Consumption Disorders) से पीड़ित हैं।
अवसाद और तनाव जैसे मानसिक स्वास्थ्य विकार के कारण, दुनिया भर में लोग कार्य में अक्षमता के शिकार होते हैं। ‘संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी’ (Cognitive Behavioral Therapy) और दवाओं के स्वीकृत उपचारों के बावजूद भी कई रोगी गहरे अवसादों से उभर नहीं पाते हैं।
सौभाग्य से इस संदर्भ में, मैजिक मशरूम (Magic Mushrooms) के सक्रिय संघटक से निर्मित साइलोसाइबिन (Psilocybin) जैसे साइकेडेलिक रसायन की चिकित्सीय क्षमता, मानसिक बीमारी के इलाज के लिए सबसे अधिक प्रभावी मानी जा रही है।
साइलोसाइबिन एक स्वाभाविक रूप से मतिभ्रम करने वाला रसायन होता है, जो एक प्रकार के कवक “मैजिक मशरूम" से प्राप्त होता है। इसे पारंपरिक रूप से, मैजिक मशरूम से बने भोजन अथवा पेय या दवा के रूप में उपलब्ध कैप्सूल (Capsules) के माध्यम से मौखिक रूप से ग्रहण किया जाता है।
1962 के दौरान डॉ टिमोथी लीरि (Dr. Timothy Leary) द्वारा पहली बार साइलोसाइबिन के मनोविज्ञान में प्रयोग की जांच के लिए ‘हार्वर्ड साइलोसाइबिन’ (Harvard Psilocybin) नामक प्रोजेक्ट शुरू किया गया था । लेकिन 1971 में संयुक्त राष्ट्र (United Nations) द्वारा साइलोसाइबिन मशरूम (Psilocybin Mushrooms) को हेरोइन (Heroin) की भांति अनुसूची I के अंतर्गत आने वाली दवाओं (दवा या अन्य पदार्थ जिसका दुरुपयोग होने या व्यसन पैदा करने की उच्च संभावना होती है ) की सूची में सम्मिलित कर दिया गया ।
हालांकि, इसके बावजूद एक बदलाव का संकेत देते हुए संयुक्त राज्य अमेरिका(United States of America) के ‘खाद्य एवं औषधि प्रशासन (Food and Drug Administration, (FDA )’ ने अंततः 2018 में साइलोसाइबिन को ‘ब्रेकथ्रू थेरेपी (Breakthrough Therapy) (गंभीर स्थिति का इलाज करने वाली दवा)' का दर्जा दे दिया।
यूएस रिसर्च सेंटर (US Research Centre) के सहयोगी निदेशक डॉ. मैथ्यू जॉनसन (Dr. Matthew Johnson) के अनुसार “यह उपचार मनोवैज्ञानिक दवाओं के क्षेत्र में नया प्रतिमान है।"
साइलोसाइबिन की उच्च-खुराक लेने के एक घंटे के भीतर ही अधिकांश लोगों की मनोदशा में बदलाव देखा गया और लोगों का तनाव आमतौर पर, छह से आठ घंटे के भीतर कम होते हुए देखा गया । साइकेडेलिक दवाएं धारणा, विचार और संवेदनशील भावनाओं को प्रभावित करने वाली मन-परिवर्तनशील अवस्थाओं को प्रेरित कर सकती हैं। अध्ययनों से पता चला है कि साइलोसाइबिन के संदर्भ में तुलनात्मक रूप से विषाक्तता और व्यसन का जोखिम भी कम रहता है।
साइलोसाइबिन असिस्टेड थेरेपी (Psilocybin Assisted Therapy) का विभिन्न व्यसनों (जैसे तंबाकू, शराब, कोकेन, ओपिओइड (OPIOIDS) आदि के सेवन से संबंधित उपचार के साथ-साथ चिंता, अवसाद, अभिघातजन्य तनाव विकार जुनूनी बाध्यकारी विकार (Obsessive Compulsive Disorder) जैसी कुछ स्थितियों के उपचार के रूप में भी परीक्षण किया जा रहा है। लेकिन ध्यान रहे, कि साइकेडेलिक थेरेपी (Psychedelic Therapy) को पूर्णतः प्रशिक्षित चिकित्सा पेशेवरों की निगरानी में ही किया जाना चाहिए।
हालांकि साइकेडेलिक थेरेपी कई मायनों में लाभदायक हो सकती है, लेकिन इसके कुछ प्रमुख जोखिमों से भी आपको अवगत रहना चाहिए। जैसे:
पारंपरिक दवाओं के विपरीत, साइकेडेलिक थेरेपी के परिणाम आने में कई सप्ताह या महीने भी लग सकते हैं। भावनाओं को सुन्न करने वाली अन्य दवाओं के विपरीत, साइकेडेलिक थेरेपी भावनाओं का विस्तार करती है और लोगों को अपने जीवन से अधिक जुड़ाव महसूस कराती है।
साइलोसाइबिन का उपयोग करने वाले लोगों ने स्वयं की चेतना से संबंधित बड़े बदलाव की सूचना दी है, जिसे आत्म-विघटन (self-mutilation) के रूप में जाना जाता है। साइकेडेलिक थेरेपी के कुछ संभावित जोखिम भी हैं। इन जोखिमों में चिकित्सा सत्र के दौरान बढ़ी हुई चिंता, भय, हृदय गति और रक्तचाप शामिल हैं।
हालांकि, हाल के नैदानिक शोध में साइकेडेलिक थेरेपी से जुड़ा कोई महत्वपूर्ण दीर्घकालिक नुकसान नहीं पाया गया है। किंतु जैसा कि विभिन्न दवाओं के विशिष्ट दुष्प्रभाव हो सकते हैं, इसलिए सत्र की देखरेख करने वाले पेशेवर के साथ किसी भी चिंता पर चर्चा करना महत्वपूर्ण है।
साइकेडेलिक थेरेपी प्रत्येक व्यक्ति के लिए भी उपयुक्त नहीं हो सकती है। इसका कुछ विशिष्ट चिकित्सीय स्थितियों वाले या मानसिक बीमारी से जूझ रहे लोगों के उपचार के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता है । उदाहरण के लिए, सिज़ोफ्रेनिया (Schizophrenia) जैसे मानसिक विकार से पीड़ित या मादक द्रव्यों का सेवन करने वाले व्यक्तियों को इस प्रकार की चिकित्सा के लिए अनुशंसित नहीं किया जाता है। अनियमित हृदय धड़कन वाले, स्ट्रोक (Stroke), मिर्गी, यकृत या गुर्दे की विफलता वाले, मानसिक रूप से कमजोर या उन्माद से प्रभावित लोगों को भी साइकेडेलिक थेरेपी से बचना चाहिए।
कुल मिलाकर साइकेडेलिक थेरेपी, विशेष रूप से साइलोसाइबिन के साथ, मानसिक बीमारी और मादक पदार्थों के सेवन की लत के इलाज में कारगर साबित हो रही है। हालांकि, इसे प्रशिक्षित पेशेवरों द्वारा प्रशासित किया जाना चाहिए और यह सभी के लिए उपयुक्त नहीं हो सकती है।
संदर्भ
https://bit.ly/42hMNXB
https://bit.ly/3YOSlGh
https://bit.ly/3LosiCw
चित्र संदर्भ
1. साइकेडेलिक थेरेपी को संदर्भित करता एक चित्रण (Wikimedia)
2. तनावग्रस्त व्यक्ति को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. जीनस साइलोसाइबिन मशरूम की 100+ साइकोएक्टिव प्रजातियों के वैश्विक वितरण को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. साइलोसाइबिन मशरूम को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. साइकेडेलिक थेरेपी को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. एक प्रसन्न व्यक्ति को संदर्भित करता एक चित्रण (Hippopx)
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