‘फेडरेशन ऑफ इंडियन माइक्रो एंड स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज’ (Federation of Indian Micro and Small & Medium Enterprises (FISME) के सहयोग से मेरठ सिटीजन फोरम (Meerut Citizen Forum) द्वारा हाल ही में नई दिल्ली में एक गोलमेज सम्मेलन आयोजित किया गया था, जिसमें उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए राज्य द्वारा उठाए गए कदमों के विषय में चर्चा के साथ-साथ, 2027 तक हमारे मेरठ जिले के सकल घरेलू उत्पाद को चौगुना करने पर चर्चा करने के लिए हितधारकों, अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों को शामिल किया गया था।
इस सम्मेलन की रिपोर्ट में बताया गया कि वर्ष 2022-23 में मेरठ का सकल राज्य घरेलू उत्पाद 9.3 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 51,212 करोड़ रुपये रहा है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि यदि चार साल में इसे चौगुना करना हो, तो ऐसा करने के लिए विकास दर को 30 प्रतिशत के करीब पहुंचना होगा। 2017-18 में आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण के आधार किए गए आंकलनों के अनुसार, 16 प्रतिशत की उच्च बेरोजगारी दर के साथ मेरठ में नौकरी चाहने वाले लोगों और श्रमिकों का प्रतिशत कुल जनसंख्या का क्रमशः 39.7% और 33.3% था। यदि महिला श्रमिकों की बात की जाए, तो कार्यबल में महिलाओं का प्रतिशत कुल जनसंख्या का केवल 6.4 प्रतिशत था। मेरठ में विकास की अपार संभावनाएं हैं, किंतु मेरठ और भारत में बड़े पैमाने पर सबसे प्रचुर संसाधन अर्थात श्रम संसाधन का उचित रूप से उपयोग नहीं किया जा रहा है। भारत के मध्यम वर्गीय परिवार शहरों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं । भारत के 63 बड़े शहरों की आबादी का एक चौथाई से अधिक हिस्सा मध्यम वर्ग के परिवारों का है। ये परिवार देश की प्रयोज्य आय में 29% का योगदान देते हैं। तेजी से हो रहा शहरीकरण शहरों में महत्वपूर्ण बदलाव ला रहा है, जिसके कारण ये शहर विकास केंद्रों के रूप में उभर रहे हैं। “पीपुल रिसर्च ऑन इंडियाज कंज्यूमर इकोनॉमी” (People Research on India’s Consumer Economy) नामक एक शोध संस्थान द्वारा किए गए अखिल भारतीय सर्वेक्षण से चौंकाने वाले परिणाम सामने आए हैं। यह सर्वेक्षण आय जनसांख्यिकी और देश के शहरों में हो रहे बदलावों को प्रदर्शित करता है। सर्वेक्षण में 2021 में 10 लाख से अधिक आबादी वाले 63 शहरों को शामिल किया गया था। सर्वेक्षण के अनुसार, इन शहरों में देश के मध्यम वर्ग (27%) और अमीर वर्ग (43%) का बड़ा हिस्सा है। सर्वेक्षण के परिणामों के अनुसार, ये शहर देश की घरेलू प्रयोज्य आय में 29%, कुल खर्च में 27% और कुल बचत में 38% का योगदान देते हैं। भारत के सकल घरेलू उत्पाद को बढ़ाने में निवेश और संस्थागत सुधार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
मेरठ सिटीजन फोरम के सम्मेलन में मेरठ के लिए 20,000 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित किया गया है । उत्तर प्रदेश राज्य के बजट से 3 प्रतिशत हिस्से को भी मेरठ में निवेश के लिए रखा गया है, जिसकी राशि लगभग 11,000 करोड़ रुपये है। अगर शहर की प्रगति के लिए इन निवेशों का सही तरीके से उपयोग किया जाता है, तो मेरठ की अर्थव्यवस्था उस स्तर तक पहुंच जाएगी, जितना सरकार द्वारा लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार को निवेश के साथ-साथ तीन और घटकों की जरूरत होगी। उदाहरण के लिए, सरकार को औद्योगिक गतिविधि का और अधिक विस्तार करना होगा, संस्थागत सुधारों में भागीदारी देनी होगी, कार्यबल में महिला श्रम की भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी तथा रोजगार सृजन में योगदान देना होगा। हमारा शहर कई आर्थिक मापदंडों में पीछे है। जैसे कि शहर में प्रति व्यक्ति आय बहुत कम है तथा लोगों को रोजगार भी पर्याप्त रूप से उपलब्ध नहीं हो पाता है। पूरे देश की तुलना में शहर के कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी सबसे कम है। एक रिपोर्ट के अनुसार, मेरठ में श्रम क्षमता का उपयुक्त रूप से उपयोग नहीं किया जा रहा है। मेरठ में ऐसे कई मौजूदा औद्योगिक और सेवा समूह हैं, जहां श्रम क्षमता का उचित रूप से उपयोग किया जा सकता है। उदाहरण के लिए मेरठ में कैंची निर्माण, खेल के सामानों का निर्माण, दस्तकारी और कृत्रिम आभूषण, प्रकाशन, रेवड़ी और गजक, हस्तशिल्प, ब्रास बैंड, पावर लूम आदि क्षेत्रों में श्रम क्षमता का उचित उपयोग किया जा सकता है। इनके अलावा जिले में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं और बागवानी भी प्रमुख कार्य क्षेत्र हैं। जिले में औद्योगिक गतिविधियों के विस्तार में छोटे लेकिन विशिष्ट नीतिगत हस्तक्षेप अत्यंत आवश्यक हैं, इनसे शहर को एक अच्छा लाभ मिल सकता है। शहर की दक्षता बढ़ाने के लिए विशिष्ट योजनाओं का प्रस्ताव देने के लिए एक अध्ययन दल मेरठ में प्रत्येक उप-क्षेत्र के साथ विस्तृत चर्चा करने की योजना बना रहा है। इस अध्ययन को जनता और समुदाय के नेताओं से चौतरफा समर्थन मिल रहा है और इसे जिले को बदलने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वास्तव में, उचित योजना, प्रशिक्षण और संस्थागत सुधार की मेरठ के विकास के लिए अत्यंत आवश्यकता हैं।
संदर्भ:
https://bit.ly/3Jz4F98
https://bit.ly/3Jvezsq
https://bit.ly/3FgcDBs
चित्र संदर्भ
1. क्रिकेट बैट निर्माताओं को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. पंखा निर्माताओं को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. एक कारखाने को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
4. कपड़ा फैक्ट्री को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
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