वस्त्र भारतीय परम्परा में एक अभिन्न अंग रखते हैं और यही कारण है कि यहाँ पर वस्त्र सम्बन्धित कई व्यापार प्रचलित हैं। पूरे भारत भर में विभिन्न प्रकार के वस्त्र पाये जाते हैं जैसे कलकत्ता, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र व अन्य जनजातियों के वस्त्र। वस्त्रों का निर्माण भारत में शुरुआती दौर से ही हथकरघो पर होते आ रहा है, पर अब यहाँ पर पावरलूम पर भी यह कार्य होने लगा है। मेरठ उत्तरभारत में वस्त्र निर्माण में एक प्रमुख भूमिका का निर्वहन करता है, तथा यहाँ पर कपड़े का निर्माण बड़ी संख्या में होता है। हथकरघा वस्त्र और हथकरघा बुनकर भारत की समृद्ध संस्कृति, विरासत और परंपरा का एक अभिन्न अंग है। इसके अलावा, सकल घरेलू उत्पाद और निर्यात में एक महत्वपूर्ण योगदान देने के साथ साथ मनुष्य की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए यह उद्योग शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लाखों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान करता है। भारत में कृषि के बाद हथकरघा सबसे बड़े रोजगार प्रदाताओं में से एक है। यह क्षेत्र 43.31 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करता है जिसमें से करीब 23.77 लाख व्यक्ति हथकरघा से जुड़े हैं, जिसमें से 10 प्रतिशत अनुसूचित जाति, 18 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति और 45 प्रतिशत अन्य पिछड़ें वर्गों से हैं। वर्ष 2013-14 में हथकरघा क्षेत्र में 7116 मिलियन वर्ग मीटर उत्पादन दर्ज किया गया। वर्ष 2014-15 के दौरान हथकरघा क्षेत्र में कुल 3547 मिलियन वर्ग मीटर (अप्रैल-सितंबर, 2014) का उत्पादन दर्ज किया गया। ये क्षेत्र देश के वस्त्र उत्पादन में करीब 15 प्रतिशत का योगदान करता है और देश की निर्यात आय में भी सहयोग करता है। दुनिया में हाथ से बुने हुए कपड़े का 95 प्रतिशत भारत से आता है। इस कौशल को एक पीढ़ी से दूसरी को हस्तांतरित करके बनाए रखा गया है। इस क्षेत्र की क्षमता, इसकी विशिष्टता, उत्पादन के लचीलेपन, नवाचारों के लिए खुलापन आपूर्तिकर्ताओं की आवश्यकताओं के लिए अनुकूलनशीलता और इसकी परंपरा की संपदा में निहित है। हालांकि, हथकरघा उद्योग को तेजी से बढ़ते आर्थिक, सामाजिक और तकनीकी परिवर्तनों के द्वारा उत्पन्न की जा रही चुनौतियों का सामना करने के लिए स्वयं को नई दिशा देने की आवश्यकता है। समकालीन उपभोक्ता संदर्भों के अनुसार दोषमुक्त उच्चगुणवत्ता वाले हथकरघा वस्त्रों के उत्पादन के साथ-साथ उचित मजदूरी को सुनिश्चित करने प्रयास किए जा रहे हैं ताकि युवा पीढ़ी इस व्यवसाय को चुनें। मेरठ के बुनकर आधुनिक डिज़ाइन को बनाना शुरू कर दिये हैं जिससे वे उपभोक्ताओं के विश्वास को जीतने का कार्य कर रहे हैं। यहाँ पर अब हाथ से कताई का कार्य काफी हद तक कम हो चुका है तथा यहाँ पर अब पावरलूम पर कार्य होता है। चित्र में पावरलूम दिखाया गया है। 1. http://www.pib.nic.in 2. http://shodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/24511/9/09_chapter%201.pdf
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.