संत जॉन क़ब्रिस्तान मेरठ के छावनी क्षेत्र में, जो मेरठ कैंटोनमेंट नाम से प्रसिद्ध है, वहाँ पर स्थित है। ये मेरठ का दूसरा सबसे पुराना क़ब्रिस्तान है जिसे यूरोपीय नागरिक, ब्रिटिश सैनिक एवं उनके परिवार के लिए बनाया गया था। मेरठ का सबसे पुराना क़ब्रिस्तान गोल्फ कोर्स, मेरठ कैंट में स्थित है जो 1810 तक कार्यरत था। इस सबसे पुराने क़ब्रिस्तान को यहाँ पर ओल्ड तथा पोर्तुगीज समेटेरी(क़ब्रिस्तान) के नाम से भी जाना जाता है। ब्रिटिश सरकार ने जब मेरठ में छावनी बनाई तब यहाँ पर ब्रिटिश सैनिक, अफसर और उनके परिवारों के साथ काफी यूरोपीय लोग भी आकर बसने लगे। इन लोगों के अलावा इसाई धर्म का प्रचार व प्रसार भी बड़े पैमाने पर हो रहा था जिस कार्य में बेगम समरू आदि शाही व्यक्ति भी शामिल थे। इनके लिए धर्मपालन के लिए धार्मिक स्थलों की निर्मिती की गयी जैसे गिरिजा घर, प्रार्थना स्थल आदि। सेंट जॉन द बैप्टिस्ट चर्च ब्रिटिश सैन्य के पादरी रेवरेंड हेनरी फिशर ने सन 1819 में बनवाया था। इस चर्च से जुड़ा संत जॉन क़ब्रिस्तान मुख्य चर्च से बस थोड़े ही दुरी पर स्थित है। यहाँ पर दो कब्रें हैं जिन्हें सबसे पुरानी माना जाता है जो सन 1810 की हैं और जिन्हें सन 1900 की शुरुवात में छावनी के न्यायाध्यक्ष श्री.पार्कर ने ढूंडा था। इस क़ब्रिस्तान में अन्दर जाते वक़्त दिवार में चुनवाए एक संगमरमर के फलक पर ये लिखा हुआ है की इसके उपयोग की शुरुवात 1807 से हुई तथा इसके विस्तारक्षेत्र के मुताबिक इस क़ब्रिस्तान को 5 प्रमुख हिस्सों में बांटा गया है एवं इस क़ब्रिस्तान के पूर्व और पश्चिम में दो द्वार हैं। इस चर्च से बहुतसी कहानियाँ जुडी हैं। यहाँ पर 9 यूरोपीय लोगों की कब्र है जिनकी 10 मई 1857 की गदर में मृत्यु हुई थी। महत्वपूर्ण लोगों की कब्रों को बड़े सुन्दर तरीके से बनाया गया है उदाहरणार्थ बहुतसी कब्रों पर प्रभावशाली यूनानी-रोमन भवन जैसी सरंचना है तथा कुछ कब्रों पर लगाये गए समाधी स्तंभ और फरिश्तों की मूर्तियाँ यूरोपीय-रोमन कला के उत्तम नमूने हैं। प्रस्तुत चित्रों में से पहला चित्र संत जॉन क़ब्रिस्तान का है तथा दूसरा उस क़ब्रिस्तान के बारे में जानकारी देने वाला स्तंभ है। 1. द ग्रेट इंडियन इन्फेर्नो: पी.वी.जगमोहना https://goo.gl/K2oZkv 2. मेरठ द फर्स्ट फिफ्टी-सिक्स इयर्स ((1815-1875): ए.जी. हारफिल्ड https://goo.gl/Bz1Bfr 3. डिस्ट्रिक्ट गज़ेटियर ऑफ़ द यूनाइटेड प्रोविन्सेस ऑफ़ आग्रा एंड औध: हेन्री रिवेन नेविल, 1904 4. द हिस्ट्री ऑफ़ क्रिस्चानिटी इन इंडिया- फ्रॉम द कमेंसमेंट ऑफ़ द क्रिस्चियन एरा, वॉल्यूम 4: जेम्स हौग्ह 5. इन द दोआब एंड रोहिलखंड- नार्थ इंडियन क्रिस्चानिटी 1815- 1915: जेम्स आल्टर 6. अ हिस्ट्री ऑफ़ द चर्च ऑफ़ इंग्लैंड इन इंडिया: एयर चाटरटन http://anglicanhistory.org/india/chatterton1924/22.html
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