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मूल्य हमेशा गुणवत्ता का पर्याय नहीं होता है। बाजार में ऐसे कई खाद्य पदार्थ उपलब्ध हैं, जिन पर धन खर्च करने से व्यर्थ नहीं होता है । हालाँकि, जब असाधारण और अत्यंत महंगे खाद्य पदार्थों की बात आती है, तो हम आमतौर पर हिमालय में उगने वाले केसर और जंगली मशरूम के बारे में सोचते हैं। लेकिन विश्व में एक सब्जी ऐसी है जो कीमत के मामले में उन्हें पीछे छोड़ सकती है।
इस सब्जी का नाम है “हॉप शूट” (Hop shoot), जो व्यापक रूप से दुनिया की सबसे महंगी सब्जी के रूप में जानी जाती है। यह यूरोपीय देशों में लोकप्रिय है तथा यह अपने विविध औषधीय गुणों के लिए विख्यात है। हॉप शूट, हॉप (hop) पौधे की हरी युक्तियाँ (छोर या नोक) होती हैं। हॉप का पौधा आमतौर पर बीयर (Beer) से जुड़ा होता है, क्योंकि इसके फूलों का उपयोग इस मादक पेय के उत्पादन में किया जाता है। हालाँकि, इसके फूलों की कटाई के बाद हॉप शूट को फेंका नहीं जाता है। इसके बजाय, इन पौधों के हरे रंग के भागों ने पाककला की दुनिया में अपने लिए एक जगह बनाने में कामयाबी हासिल की है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक किलोग्राम हॉप शूट की कीमत लगभग £ 1,000 (ब्रिटिश पाउंड ) या भारतीय मुद्रा में कहे तो 85,000 रुपये से 1 लाख रुपये के बीच में हो सकती है।
वैज्ञानिक रूप से इसे ह्यूमलस ल्यूपलस (Humulus lupulus) के नाम से जाना जाता है। इसका पौधा एक बारहमासी चढाई करने वाली लता है। यह यूरोप (Europe) और उत्तरी अमेरिका (North America) की मूल वनस्पति है। शुरुआत में इन पौधों को खरपतवार माना जाता था। यह मध्यम गति से 6 मीटर तक बढ़ सकता है, एवं 20 साल तक जीवित रह सकता है। हॉप शूट को कटाई के लिए तैयार होने में तीन साल लगते हैं। इस पौधे की कटाई के लिए बहुत अधिक शारीरिक श्रम की आवश्यकता होती है, क्योंकि पौधे की छोटी हरी भागों को तोड़ते समय बहुत अधिक देखभाल की आवश्यकता होती है।
हॉप्स उष्ण कटिबंधीय जलवायु में अच्छी तरह से विकसित होते हैं, लेकिन भारत में इसकी खेती एक आकर्षक व्यवसाय नहीं है। अतः इस सब्जी की खेती आमतौर पर भारत में नहीं की जाती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, यह पहली बार हिमाचल प्रदेश में उगाया गया था। लेकिन इस प्रयास को कम बाजार भाव और उच्च खेती लागत के कारण छोड़ दिया गया था। वही दूसरी ओर पिछले साल, यह बताया गया था कि एक किसान बिहार के औरंगाबाद जिले में हॉप्स उगा रहा है। इस सब्जी के उच्च बिक्री मूल्य को देखते हुएखबर ने काफी कौतूहल भी उत्पन्न किया; हालाँकि,बाद में जब हिंदी समाचार पत्र, दैनिक जागरण की एक टीम ने उपरोक्त जगह का दौरा किया, तो उन्होंने पाया कि यह खबर झूठी थी।
कुछ चिकित्सा अध्ययनों के अनुसार, यह सुझाव दिया गया है कि यह सब्जी तपेदिक के खिलाफ एंटीबॉडी (Antibody) बना सकती है और चिंता, अनिद्रा, बेचैनी, तनाव, उत्तेजना, ‘अटेंशन डेफिसिट-हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर’ (attention deficit-hyperactivity disorder), घबराहट और चिड़चिड़ापन से पीड़ित लोगों की मदद भी कर सकती है। ‘हॉप कोन’ (hop cone) के नाम से मशहूर इस महंगी सब्जी के फूल का इस्तेमाल बीयर बनाने के दौरान स्थिरता प्रदान करने वाले तत्व (stability agent) के रूप में किया जाता है।
हालांकि भारत में हॉपशूट की खेती तो नहीं की जाती है, इसलिए उनकी कीमत इतनी अधिक है। लेकिन क्या आप जानते है कि हमारे देश भारत में भी उच्च हिमालय की तलहटी में उगाई जाने वाली जंगली मशरूम गूचि (Guchhi) नामक एक ऐसी ही महंगी सब्जी की कीमत लगभग 30,000 रुपये प्रति किलोग्राम तक है। यह मशरूम समशीतोष्ण क्षेत्रों के शंकुधारी जंगलों में उगता है। हिमालय की ठंडी तलहटी, हिमाचल प्रदेश और ‘जम्मू और कश्मीर’ इस मशरुम के लिए कुछ आदर्श क्षेत्र हैं। इसकी उच्च कीमत और मांग का एक कारण इसकी उपलब्धता भी है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (Indian Council of Agriculture Research) द्वारा संचालित मशरूम अनुसंधान निदेशालय (Directorate of Mushroom Research–DMR) ने हिमाचल प्रदेश के सोलन शहर में दुनिया की सबसे महंगी खाद्य कवक/मशरूम, मोरशिलाएस्कुलेंटा (Morchellaesculenta), जिसे आमतौर पर गूचि के नाम से जाना जाता है, की सफलतापूर्वक खेती करने की दुर्लभ उपलब्धि हासिल की है। सबसे अधिक मांग वाले खाद्य मशरूम में से एक, गूचि अपने खंखरे, मधुकोश जैसे सिर और स्वादिष्ट स्वाद के लिए जाना जाता है। इसे भारत में सब्जी की तरह इस्तेमाल किया जाता और उगाया जाता है।
गूचि मशरूम की खेती के कई असफल प्रयासों के बाद, डीएमआर के निदेशक डॉ वीपी शर्मा ने 2019 में डॉ अनिल कुमार को यह चुनौतीपूर्ण कार्य सौंपा, जिन्होंने उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए “मोरशिला मशरूम के लिए खेती तकनीक का मानकीकरण” नामक एक परियोजना तैयार की। अपने अद्वितीय स्वाद और सुगंध के लिए विश्व स्तर पर प्रशंसित, मोरशिला मशरूम पाक कला से संबंधित एक स्वादिष्ट व्यंजन का भी रूप है। यह गठिया, एनीमिया (Anemia), ट्यूमर (Tumor) आदि के इलाज के लिए अत्यधिक मूल्यवान है।
ताजा मोरशिला मशरूम का मौसम बसंत ऋतु में बमुश्किल कुछ हफ्तों तक ही सीमित होता है। यह स्थानीय लोगों द्वारा उत्तर पश्चिमी हिमालय में जंगली क्षेत्रों से एकत्र किया जाता है और मुख्य रूप से यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका (United State of America) को निर्यात किया जाता है। इसे 10,000 रुपये से लेकर 30,000 रुपये प्रति किलो तक की कीमत में बेचा जा सकता है। इसकी कृत्रिम खेती में कठिनाइयों के कारण, जंगली मोरशिला मशरूम भीभारी मुनाफा कमाते हैं।
डॉ अनिल द्वारा उनके प्रयोग के लिए पांच प्रजातियों का चयन किया गया था और बहुत विचार-विमर्श करने के बाद इसकी खेती के लिए ‘कार्यद्रव तैयार करने की तकनीक’ (Substrate preparation technique) का मानकीकरण किया गया था। कार्यद्रव , वह सतह या सामग्री होता है, जिस पर कोई जीव रहता है, बढ़ता है या अपना पोषण प्राप्त करता है।
कृत्रिम परिवेशीय परीक्षणों के तहत, मोरशिलास्पप (Morchellaspp ) में फल निकायों (Ascoma) को शामिल करने पर 0.5 से 1 सेमी के 3 छोटे फल निकाय (Ascomata) प्राप्त किए गए थे। अक्टूबर 2019 के महीने में शुरू हुए पहले मौसमी खेती परीक्षण में, 13 अप्रैल, 2020 को ग्रीन हाउस (Greenhouse) स्थितियों के तहत अलैंगिक अवस्था और कुल 13 सेमी लंबाई का एक परिपक्व फल निकाय दर्ज किया गया।
डॉ अनिल लगातार सकारात्मक दिशा में चल रहे थे और लगातार प्रयासों से वे फिर से सफल हुए और 23 फरवरी को ग्रीनहाउस के तहत उन्होंने अपने दूसरे शोध परीक्षण में 12 फल निकायों को मशरूम में शामिल किया।
इतिहास में यह पहली बार है कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद तथा मशरूम अनुसंधान निदेशालय, सोलन, गूचि मशरूम के फलों का उत्पादन करने में सफल रहा है। इस उपलब्धि के परिणामस्वरूप, भारत - अमेरिका, चीन, फ्रांस आदि जैसे कुछ चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो गया है, जिन्होंने कृत्रिम परिस्थितियों में गूचि मशरूम की खेती करने का सफलतापूर्वक प्रयास किया है। यह प्रयास भारतीय मशरूम उद्योग में क्रांति लाएगा और किसानों के आर्थिक उत्थान में मदद करेगा।
संदर्भ–
https://bit.ly/3vFHa6E
https://bit.ly/3ZadiwL
https://bit.ly/3Cp9E8r
चित्र संदर्भ
1. हॉपशूट्स को संदर्भित करता एक चित्रण (Max Pixel)
2. हॉपशूट्स की एक टोकरी को संदर्भित करता एक चित्रण (Max Pixel)
3. हॉपशूट्स की बियर को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
4. हॉप शूट (Hop shoot), व्यापक रूप से दुनिया की सबसे महंगी सब्जी के रूप में जानी जाती है। को दर्शाता एक चित्रण (Max Pixel)
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