समय - सीमा 277
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जीव-जंतु 303
                                            महात्मा गाँधी का जन्म 1869 में एक हिन्दू परिवार में हुआ और वे जीवन भर एक हिन्दू ही रहे। हालांकि, वे कई अन्य धर्मों के विचारों से प्रभावित हुए और उन्होंने जीने के सही तरीके के बारे में अपने कई अनूठे विचारों को विकसित किया। गांधीजी के सुविचार उन्हीं की लिखावट में मौजूद हैं जिनके दुर्लभ चित्र हम आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं। उनमें से कुछ विचार इस प्रकार थे-
1) जब भगवान् निज मुख से कहते हैं वे
सब प्राणी में विहार करते हैं तो हम किस से
वैर करें?
2) भगवान् न मंदिर में है, न मस्जिद में,
न भीतर है, न बाहर, कहीं है तो दीन जनों
की भूख और प्यास में है। चलो, हम उनकी
भूख और प्यास मिटाने के लिए नित्य कातें
या ऐसी जात मेहनत उनके निमित्त रामनाम लेकर करें।
3) जैसे बिंदु का समुदाय समुद्र है, इसी तरह हम
मैत्री करके मैत्री का सागर बन सकते हैं। और जगत्
में सब एक दूसरों से मित्र भाव से रहें तो
जगत् का रूप बदल जाय।
प्रस्तुत चित्रों में बापू के ये विचार उन्हीं की लिखावट में प्रस्तुत किये गए हैं।